Home केजरीवाल विशेष सरकारी खर्च पर विदेशों में अय्याशी करते रहे केजरीवाल के गुर्गे?

सरकारी खर्च पर विदेशों में अय्याशी करते रहे केजरीवाल के गुर्गे?

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दिल्ली के विवादास्पद सीएम केजरीवाल और उनके नेता दर्जनों बार विदेश यात्राओं पर गए। सभी मंत्री किस उद्देश्य से इन यात्राओं पर गए, यह भी नहीं साफ है।

मनीष सिसोदिया की विदेश यात्रा
ब्राजील की यात्रा- उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया अपने चार साथियों के साथ 11 अगस्त से 15 अगस्त 2015 तक के लिए ब्राजील के साओ पाउलो गए। वहां के लिए सीधी फ्लाइट है, इसके बावजूद ये सभी लोग पहले दो दिन रियो डे जेनेरियो में रुके। इसके बाद वहां से साओ पाउलो गए। यहां से ये लोग मशहूर इग्वाजू फाल देखने गए और कुछ वक्त अर्जेंटीना में भी बिताया। जबकि इन सभी स्थानों की यात्राएं उनके कार्यक्रम में नहीं थी और तो और उन्होंने इसके लिए प्रोटोकाल के अनुसार विदेश विभाग को सूचित करना भी उचित नहीं समझा। कुछ अपने काम में व्यस्त दिखाने वाले फोटोग्राफ्स को सोशल मिडिया पर जरूर शेयर किया।

लंदन की यात्रा- 17 मार्च से 20 मार्च 2016 तक उपमुख्यमंत्री अपने सचिव के साथ तीन दिनों के लिए लंदन की यात्रा पर गये। लंदन स्कूल ऑफ इकोनामिक्स के भारतीय छात्रों के संघ ने एक सेमिनार के लिए व्यक्तिगत निमंत्रण भेजा था। यह कोई सरकारी यात्रा नहीं थी, इसलिए इसका खर्च आयोजकों को उठाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। और सिसौदिया जनता के पैसे पर लंदन की व्यक्तिगत यात्रा पर गये।

बर्लिन की यात्रा- 30 मई से 3 जून 2016 तक एक बार फिर मनीष सिसोदिया विदेशी सैरसपाटे पर निकलते हैं, इस बार बर्लिन के लिए रवाना होते हैं। अपने मुख्य सचिव के साथ जर्मन हैबिटेट फोरम 2016 में हिस्सा लेने के लिए बर्लिन पहुंचे। यहां पहुंचकर अपनी यात्रा को दो दिन के लिए और बढ़ा दिया क्योंकि ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलेता, ऐसा सोचकर एम्सटर्डम और पेरिस घूमने चले गये। इस मौज-मस्ती में दिल्ली की जनता के 12 लाख रुपये स्वाहा कर दिए। सबसे बड़ी बात इन यात्राओं के दौरान आम आदमी के नेता कुछ धन बचा सकते थे यदि वे सस्ती हवाई सेवाओं में इकोनामी क्लास में चलते जबकि ऐसा ना करके महंगी हवाई सेवाओं में और बिजनेस क्लास में यात्राएं की।

फिनलैंड की यात्रा- दिल्ली में जब डेंगू और चिकनगुनिया का कहर सितम्बर 2016 में था, उसी दौरान 12 सितम्बर को सिसोदिया फिनलैंड के लिए बिजनेस क्लास के हवाई टिकट पर यात्रा के लिए निकल पड़ते हैं। बताया जाता है कि यात्रा एक दिन के लिए है जिसके दौरान वे वर्ल्ड स्किल कंम्पीटीशन में हिस्सा लेगें। लेकिन पहुंचते ही एक दिन की यात्रा नौ दिनों की यात्रा में बदल दी गई। इन दिनों के दौरान अपने दोस्तों के साथ मौज- मस्ती की और अपने फोटोग्राफ्स सोशल मिडिया पर शेयर किए। फोटोग्राफ्स के सोशल मिडिया पर आते ही सवाल उठने लगे। उपराज्यपाल नजीब जंग को सिसोदिया को वापस आने का आदेश देना पड़ा।

सत्येंद्र जैन की विदेश यात्रा
2015 से 2016 के बीच सत्येंद्र जैन तीन बार सैरसपाटा करने के लिए विदेश यात्राओं पर जा चुके हैं। मैनचेस्टर, स्वीडेन, और मलेशिया की यात्राओं पर जाकर दिल्ली के विकास के लिए नई सीख लेकर आने के लिए गये, ऐसा क्या सीख कर आये इसे उन्होंने कभी नहीं बताया। इन टूरिस्ट जगहों पर व्यक्ति अपनी मौज मस्ती के लिए ही जाता है।

मैनचेस्टर की यात्रा- 2 सितम्बर से 3 सितम्बर 2015 के दौरान दिल्ली डायलॉग कमीशन के उपाध्यक्ष आशीष खेतान को मैनेचेस्टर, ब्रिटेन में किसी कार्यक्रम के लिए जाना था, ऐसे में मौज-मस्ती करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी साथ हो लिए। तीन दिनों के मैनचेस्टर सैर-सपाटे पर दिल्ली की जनता के 7 लाख 84 हजार रुपये इन लोगों ने खर्च कर डाले। सबसे बड़ी बात इन लोगों ने मंहगी हवाई सेवाओं में यात्रा की और मैनचेस्टर के महंगे लग्जरी होटलों में ठहरे। इसी दौरान उनको लंदन का मौसम अच्छा लगा, मूड हुआ कि दो दिन लंदन में ही रुक लिया जाए सो मंत्री महोदय ने दो दिनों के लिए लंदन में प्रवास कर लिया जब कि उनका यहां पर कोई सरकारी काम नहीं था।

स्वीडेन की यात्रा- इसके बाद से 25 अक्टूबर से 29 अक्टूबर 2015 के दौरान मंत्री महोदय, गोपाल राय समेत कुल 10 लोगों के विशाल प्रतिनिधिमंडल के साथ स्वीडेन के लिए रवाना होते हैं। यहां भी कोई सरकारी कामकाज भी नहीं था, केवल मौज-मस्ती के लिए सबको लेकर निकल पड़े। इन लोगों को जाने का एक बड़ा अच्छा बहाना तब मिल गया जब दिल्ली में स्वीडेन के राजदूत ने एक कार्यक्रम के लिए स्वीडेन आने का एक अनौपचारिक निमंत्रण दिया। मौके की तलाश में तो थे ही और मौका मिलते ही दस लोग निकल पड़े। सामन्यतया सरकारी यात्राओं में 4 सदस्यों से अधिक लोग नहीं जाते। इस सैर-सपाटे पर मंत्री महोदय ने दिल्ली की जनता के 22 लाख रुपये फूंक दिए।

केजरीवाल- कुमार विश्वास की रोम यात्रा
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी नेता डॉ कुमार विश्वास 2 सितम्बर को रोम के लिए गए। सीएम केजरीवाल मदर टेरेसा को संत घोषित किए जाने के लिए आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में शामिल होने रोम गए थे। तीन दिन की विदेश यात्रा पर निकले अरविंद केजरीवाल की बतौर मुख्यमंत्री यह पहली विदेश यात्रा थी। केजरीवाल 5 सितंबर को वापस लौटे। केजरीवाल के साथ आप नेता कुमार विश्वास भी गए, जबकि उनको निमंत्रण नही था। सूचना के अधिकार के कानून में मिली जानकारी के अनुसार इस यात्रा के लिए केजरीवाल ने 13 लाख रुपये दिल्ली सरकार से एडवांस लिया था और लौटने के बाद 70 हजार रुपये वापस किये। इस तरह से उन्होंने अपने मित्र विश्वास के साथ दिल्ली की जनता के 12 लाख तीस हजार रुपये तीन दिनों में फूंक डाले।

संदीप कुमार ने सचिव को सरकारी धन पर न्यूयार्क भेजा
महिला व बाल विकास मंत्री संदीप कुमार ने अपने सचिव प्रवीण सिंह को सरकारी खर्च पर न्यूयार्क भेजा क्योंकि उनकी पत्नी का इलाज वहां चल रहा था। पत्नी रितू वर्मा न्यूयार्क बच्चे को जन्म देने गई थी और उन्हें प्रसव के बाद देखभाल में मदद करने के लिए सचिव महोदय वहां पहुंचे। मंत्री ने इस बात की जानकारी सरकार को भी देनी उचित नहीं समझी। मंत्री जी अपने पासपोर्ट जिसका नंबर K649210 था उस पर 22 अप्रैल को अपनी गर्भवती पत्नी के साथ पहली बार कुवैत एयरवेज से और दूसरी बार 24 जून 2015 को एयर इंडिया से न्यूयार्क की यात्रा की।

3 मई को उन्होने अपने सचिव प्रवीण सिंह कोन्यूयार्क जाने के लिए कहा और इसका सारा इंतजाम सरकारी खर्च पर हुआ। तीन दिनों बाद प्रवीण सिंह वापस आ गये लेकिन इस दौरान वहां मंत्री के आदेशनुसार उनकी पत्नी को ईलमर्स्ट हस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती करवाया और 10 जून को मंत्री जी के पुत्र रुद्र प्रताप सिंह का जन्म हुआ। न्यूयार्क में एक सामान्य डिलेवरी के लिए $3,550 से $4,300 और शिशु की देखभाल पर $1,100 से $1,200 खर्च आता है। बिना बीमा वालो मरीजों के लिए न्यूयार्क के हस्पताल में लगभग 115 प्रतिशत अधिक खर्च आता है।

आशीष खेतान की यात्रा
आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान ने सितंबर 2015 में ब्रिटेन के मैनचेस्टर की यात्रा की। आशीष खेतान यहां एक ‘स्टडी टूर’ के लिए गए। लेकिन यह अभी तक साफ नहीं हो पाया कि इस दौरान उन्होंने क्या स्टडी किया। आशीष खेतान फर्स्ट क्लास टिकट पर अपने साथ मंत्री सत्येंद्र जैन को भी ले गए। इस यात्रा पर बताया जा रहा है कि करीब आठ लाख रुपये खर्च हुए

इतना ही नहीं, केजरीवाल के साथी मंत्री उपराज्यपाल की अनुमति के बिना 24 बार विदेश यात्रा पर गए। आम आदमी के नेता और केजरीवाल किस तरह जनता के धन को अपनी मौज मस्ती पर खर्च करते हैं अब यह बात किसी से छुपी नहीं है। ये वही आंदोलने के नेता हैं जो अन्य राजनीतिज्ञों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे और देश को एक नई व्यवस्था देने की बात करते थे।

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