Home विचार आया ऊंट पहाड़ के नीचे, केजरीवाल ने मानी गलती

आया ऊंट पहाड़ के नीचे, केजरीवाल ने मानी गलती

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दिल्ली के विवादास्पद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अक्ल ठिकाने पर आ गई है। दूसरों की ईंट से ईंट बजाने की धमकी देने वाले केजरीवाल के सामने अब गिड़गिड़ाने की नौबत है। एमसीडी चुनाव में दिल्ली के मतदाताओं ने उनका जो हाल किया है उसके बाद वो सबसे माफी मांगते फिर रहे हैं। उन्हें पता है कि अबकी बार अगर पार्टी का बेड़ा गर्क करने की जिम्मेदारी नहीं ली तो पार्टी को बचाना असंभव होगा। उन्होंने पार्टी की करारी हार पर पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए अपनी गलती स्वीकार की है और भविष्य में कभी भी बहाने नहीं बनाने का वचन दिया है। दरअसल पंजाब, गोवा, राजौरी गार्डन के बाद एमसीडी में आम आदमी की मिट्टी-पलीद कराने के लिए पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सीधे तौर पर उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे थे। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री को लगा कि अगर अब माफी मांगने में देर की, तो उनकी कुर्सी बचने वाली नहीं है। इसीलिए उन्होंने मजबूरी में गलती मानने में ही भलाई समझी है।

मैंने गलती की- अरविंद केजरीवाल
एमसीडी चुनाव में मिली हार के बाद आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के विवादित सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर एक बयान लिखकर पोस्ट किया है। इस पोस्ट में केजरीवाल ने लिखा है, “पिछले दो दिनों में मैंने काफी सारे वोटर्स और कार्यकर्ताओं से बात की। सच्चाई सबके सामने है। हम ने गलतियां की हैं लेकिन हम उनका आत्मनिरीक्षण करेंगे और उसे ठीक करेंगे। ऐसा ना करना मूर्खता होगी। वोटर और खुद के लिए हमें यह करना होगा। हम वोटर के कर्जदार हैं। अब बहानों से काम नहीं चलेगा, कार्य करने की आवश्यकता है। काम पर लौटने का समय है। अगर हम कभी-कभी फिसलते भी हैं तो संभलना होगा। यह बात ध्यान रखनी होगी कि बदलाव ही एकमात्र स्थिर चीज है।”

माफी मांगने में बहुत देर कर दी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली के प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल के इस माफीनामे पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा है, कि “केजरीवाल ने माफी मांगने में देरी कर दी। केजरीवाल गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं। जनता ने उनको सबक सिखाया है। उनका मन गंदा है। केजरीवाल ने सुकमा के शहीदों के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है। वह देश विरोधियों का समर्थन कर देते हैं। इनपर भरोसा करना मुश्किल है।”

अ’विश्वास’ से हिले केजरीवाल
पार्टी की आत्मघाती नीतियों के चलते लगातार मिल रही हारों ने केजरीवाल की सियासी जमीन पहले ही हिला दी थी। उसपर से अपने बेहद करीबी नेताओं की खरी-खोटी ने उनके होश उड़ा दिए हैं। सबसे ताजा मामला कुमार विश्वास का है, जिन्होंने पार्टी की दुर्गति के लिए सीधे तौर पर उन्हें ही जिम्मेदार ठहरा दिया था। विश्वास ने एक इंटरव्यू में कहा था, ” हम ईवीएम को दोष नहीं दे सकते, वो मुख्य मुद्दा नहीं है, मुख्य मुद्दा अविश्वास का है।” इतना ही नहीं विश्वास के अनुसार, “चुनावों में गलत लोगों को टिकट दिये गये, पंजाब में तो कांग्रेस और अकाली दल के लोगों को ही टिकट दिया गया था। पार्टी के अंदर कई गलत फैसले लिए गए थे, कई फैसले बंद कमरों में भी लिए गए।” कुमार विश्वास ने साफ कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के मामले में पार्टी सुप्रीमो ने जिस तरह से सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया, वो बहुत ही गलत निर्णय था।

आलोचनाओं से बहके ‘आप’ के बोल
कुमार विश्वास ने जो भी आरोप लगाए हैं उससे पार्टी में बवंडर उठ गया है। पार्टी के चर्चित नेता और केजरीवाल की चौकड़ी के थिंक टैंक में शामिल संजय सिंह ने बिना नाम लिए उनपर जोरदार पलटवार किया है। एक न्यूज पोर्टल में छपे समाचार के अनुसार संजय सिंह ने विश्वास पर ये कहकर तंज कसा है कि, “जीत के हजार बाप, हार अनाथ होती है।”

भगवंत मान भी दिखा चुके हैं आईना
इससे पहले पंजाब से आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान भी पार्टी नेतृत्व को बहुत भला-बुरा सुना चुके हैं। मान ने दो टूक कहा था कि हार के लिए ईवीएम का रोना रोने से कुछ नहीं होने वाला। पार्टी को अपने अंदर झांकना चाहिए कि उसने कितनी गलतियां की हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में पार्टी बिना कैप्टन के लड़ी। नेताओं ने मोहल्ला क्रिकेट की टीम की तरह व्यवहार किया, जिसको जो मन हुआ, उसने वही किया।

सोमनाथ भारती के भी बागी तेवर
कहावत है कि जब कोई बड़ा जहाज डूबने वाला होता है तो चूहे सबसे पहले भागते हैं। वही हाल आजकल आम आदमी पार्टी के अंदर का है। मालवीय नगर से पार्टी के विवादास्पद विधायक सोमनाथ भारती ने भी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल को पार्टी छोड़ने की धमकी दे दी है। समाचार पत्रों में छपी रिपोर्ट्स के अनुसार भारती ने बयान दिया है कि, “मैं आप में रहूंगा या नहीं, लेकिन राजनीति में जरूर रहूंगा। 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के अलावा पार्टी ने छह चुनाव लड़े। इनमें से हर एक में हमें अनुमान से बेहद कम सीटें मिलीं। इससे हमें काफी पीड़ा हुई है।”

नाटक करते हैं केजरीवाल- मयंक गांधी
आप के पूर्व नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मयंक गांधी भी एमसीडी में हार के बाद अरविंद केजरीवाल पर तीखा हमला बोल चुके हैं। एक समाचार पत्र के अनुसार उन्होंने कहा है कि, आम आदमी पार्टी के पतन की वजह अरविंद केजरीवाल का अहंकार है। वो प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं और जब भी उनके पास कोई मुद्दा नहीं रहता वो प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलने की कोशिश करते हैं। उन्हें लगता है कि ऐसा करके वो मोदी विरोधी पार्टियों को गोलबंद करके प्रधानमंत्री बन जाएंगे। लेकिन सच्चाई ये है कि केजरीवाल सिर्फ नाटक करते हैं और अब आम आदमी पार्टी नौटंकी पार्टी बन चुकी है।

हार के बाद सिसोदिया ने भी आपा खोया
एमसीडी चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद आम आदमी पार्टी के नेताओं को समझ में ही नहीं आ रहा है कि करें तो क्या करें। उन्हें समझ में आ चुका है कि जनता को जितना उल्लू बनाना था बना चुके हैं। अब उनकी पोल-पट्टी आम जनता के बीच भी खुल चुकी है। इसीलिए मनगढ़ंत आरोप लगाने से भी पीछे नहीं हट रहे। पार्टी के छुटभैये कार्यकर्ताओं से लेकर आलाकमान तक में खलबली मची हुई है। उनके पास अनर्गल दोषारोपण के अलावा कोई उपाय नहीं बचा है। इसी कड़ी में पार्टी के एक समर्थक ने ट्वीट कर समाजसेवी अन्ना हजारे को बीजेपी का एजेंट बताया, तो उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बिना कुछ सोचे-समझे उसे री-ट्वीट करने में भी देरी नहीं की। देखिए कैसे उस आप समर्थक ने अन्ना पर मनगढ़ंत आरोप लगाए और सिसोदिया ने उसे री-ट्वीट कर दिया।

हालांकि बाद में री-ट्वीट के घंटों बाद मनीष सिसोदिया ने ये दलील दी है कि उनका ट्विटर अकाउंट हैक किया गया है।

दरअसल एमसीडी के 270 वार्डों के लिए हुए चुनाव में बीजेपी को 181 सीटों पर जीत मिली है, जबकि ‘आप’ 48 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही है और उसका वोट प्रतिशत विधानसभा चुनावों की तुलना में आधे भी कम हो गया है। जबकि बीजेपी का वोट प्रतिशत काफी बेहतर हुआ है।

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