चीन की तमाम चालबाजियों के बावजूद ब्रिक्स देशों ने आतंकवाद के समस्त रूपों की निंदा की है। चीन के श्यामन में चल रहे ब्रिक्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर-शोर से आतंकवाद का मुद्दा उठाया और पीएम मोदी के इस दबाव का असर भी दिखा। ब्रिक्स श्यामन 2017 के घोषणापत्र आतंकवाद का जिक्र किया गया है। इस घोषणापत्र में लश्कर-ए-तयैबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत कुल 10 आतंकी संगठनों का जिक्र है। ब्रिक्स घोषणापत्र में शामिल ये बातें भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है।
ब्रिक्स: भारत की बड़ी सफलता, आतंकवाद पर अपनी बात मनवाने में कामयाब हुए मोदी।✍️?#नमो_नम: #BRICSSummit https://t.co/CMGqwRyU5C
— Dhirendra Belwal (@belwal_d) September 4, 2017
Brazil, Russia, China & South Africa join #India in shaming #Pakistan‘s #Kashmir-centric terror groups Lashkar-e-Taiba & Jaish-e-Mohammad.? https://t.co/qtowF6zcL4
— Aarti Tikoo Singh (@AartiTikoo) September 4, 2017
पीएम मोदी के आगे चीन की नहीं चली
ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने साफ माना है दुनिया में किसी भी तरह के आतंकवाद की निंदा की जानी चाहिए। दरअसल चीन चाहता था कि भारत इस मंच पर पाक के खिलाफ आतंकवाद का मुद्दा न उठाए, लेकिन ब्रिक्स देशों की ओर से जो घोषणापत्र का मजमून सामने आया है, उसमें आतंकवाद की कड़ी निंदा की गई है। और तो और, पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिदीन की भी कड़ी निंदा की गई है। यह घोषणापत्र इसलिए भी अहम है क्योंकि चीन कई बार जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर पर यूएन द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने की दिशा में अड़ंगा लगा चुका है।
BRICS names Lashkar-Jaish….!!! Condemns terror in all forms. Another win for India. Climbdown by China. Big embarrassment for Pakistan https://t.co/RiWihO5Y7W
— Manak Gupta (@manakgupta) September 4, 2017
China, a genius at diplomatic hypocrisy, will struggle to justify backing Azhar Masood after #BRICS2017 calls JeM a terrorist offshoot of AQ https://t.co/KL5OuN9Fqf
— Shekhar Gupta (@ShekharGupta) September 4, 2017
ये है ब्रिक्स घोषणा पत्र का मजमून
ब्रिक्स श्यामन घोषणापत्र के 48वें पैराग्राफ में आतंकवाद पर कड़ी चिंता व्यक्त की गई है। श्यामन डिक्लेरेशन में लिखा है, ”हम ब्रिक्स देशों समेत पूरी दुनिया में हुए आतंकी हमलों की निंदा करते हैं। हम सभी तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं, चाहे वो कहीं भी घटित हुए हों और उसे किसी ने अंजाम दिया हो। इनके पक्ष में कोई तर्क नहीं दिया जा सकता। हम क्षेत्र में सुरक्षा के हालात और तालिबान, आईएसआईएस, अलकायदा और उसके सहयोगी, हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश ए मोहम्मद, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और हिज्ब-उत-ताहिर द्वारा फैलाई हिंसा की निंदा करते हैं।”
कुल 10 संगठनों का हुआ जिक्र
1. तालिबान
2. ISIL
3. अल-कायदा
4. ईस्टर्न तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट
5. इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उजबेक्सितान
6. हक्कानी नेटवर्क
7. जैश-ए-मोहम्मद
8. टीटीपी
9. हिज्बुल उत तहरीर
10. लश्कर-ए-तैयबा
पूरा घोषणापत्र पढ़ने के लिए क्लिक करें- शायमन ब्रिक्स घोषणापत्र
एक्सपोज हुआ पाकिस्तान
इन 10 संगठनों में से कई संगठन ऐसे हैं जिनका सीधा संबंध पाकिस्तान से है। इससे पहले कहा जा रहा था कि ब्रिक्स में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का जिक्र नहीं किया जाएगा। लेकिन सभी ब्रिक्स नेताओं ने एक सुर से आतंकवाद की कड़ी निंदा की है। गौरतलब है कि चीन लगातार पाकिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी घोषित करने में अड़ंगा लगाता रहा है। चीन ने पठानकोट आतंकी हमले में अजहर की भूमिका के लिए उसे आतंकवादी घोषित करने के अमेरिका और अन्य देशों के संयुक्त राष्ट्र में प्रयासों पर तकनीकी रोक लगा रखी है। लेकिन ब्रिक्स घोषणापत्र में लश्कर-ए-तैयबा और जैश ए मोहम्मद का नाम शामिल किया जाना भारत की बड़ी जीत मानी जा रही है ।
भारत के पास हैं ‘ठोस सबूत’
ब्रिक्स नेताओं ने आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए आपसी सहयोग बढ़ाने की बात कही है। पहली बार ऐसा हुआ है कि आतंकी संगठनों के नामों का खास तौर पर जिक्र किया गया है। दरअसल बता दें कि चीन ने इसी साल जून में भी जैश चीफ पर यूएन कार्रवाई का विरोध किया था। चीन का कहना था कि जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया के खिलाफ कदम उठाने के लिए ठोस सबूतों की जरूरत है। वहीं, भारत का कहना था कि उसने अजहर पर प्रतिबंध के लिए ‘ठोस सबूत’ पेश किए हैं और उसमें पाक स्थित इस आतंकवादी की गतिविधियों का पूरा ब्योरा है।