Home नरेंद्र मोदी विशेष मोदी सरकार में लगातार कुचले जा रहे आतंक के सिर

मोदी सरकार में लगातार कुचले जा रहे आतंक के सिर

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केंद्र में जबसे नरेंद्र मोदी सरकार सत्तासीन हुई है, देश में आतंकियों और उनके सरपरस्तों के मंसूबों पर लगातार पानी फिर रहा है। मौजूदा सरकार ने आतंक पर जीरो टॉलरेंस को सिर्फ बातों में लपेटकर नहीं रखा है उसे जमीन पर लागू कर दिखाया है। यही वजह है जो कुख्यात आतंकी संगठन ISIS के हमदर्दों ने जब कभी यहां साजिश का प्लान बनाया है या मंसूबे पाले हैं, हमारी एजेंसियों ने समय रहते उसे ध्वस्त कर दिया है। शुक्रवार को हैदराबाद में ISIS से जुड़े रहे एक  नौजवान को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि भारत नगर से पकड़ा गया 22 वर्षीय ये नौजवान फोन और सोशल मीडिया के जरिए विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त था। वो आतंकी संगठन से सहानुभूति रखने वालों से बात किया करता था ताकि देश में गुपचुप तरीके से एक नया आतंकी दस्ता तैयार हो सके।

ISIS से जुड़े नौजवान को पकड़ा

हैदराबाद पुलिस के मुताबिक कोनाकल्ला सुब्रमण्यम उर्फ उमर को पकड़ने की ये कार्रवाई उसकी गतिविधियों की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद की गई। विशेष जांच दल-SIT ने जब उमर को गिरफ्तार किया, उसके पास से एक मोबाइल फोन मिला, जिसमें ISIS से जुड़े लोगों के साथ दर्ज हुई आपत्तिजनक बातचीत भी मिली। उमर पर देशद्रोह, आपराधिक साजिश और गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के रहने वाले उमर से पूछताछ में पता चला कि उसने 2014 में इस्लाम अपना लिया था। बाद में वह गुजरात गया और धार्मिक रीति रिवाजों का प्रशिक्षण लिया। वह श्रीनगर और तमिलनाडु के साथ मुंबई भी गया था। वो मुंबई में रहने वाले ISIS के हमदर्द कहाफा अल-हिंदी  के साथ नियमित संपर्क में था। पुलिस के मुताबिक, उमर अबू कहाफा अल-हिंदी के बहकावे में आने के बाद देश भर में हमले की साजिश में लगा था।

भारत में ISIS के रिक्रूटर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस

इसी महीने अमेरिका ने ISIS के भारतीय रिक्रूटर मोहम्मद शफी अरमर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया था। 30 साल का अरमर मूल रूप से कर्नाटक के भटकल का रहने वाला है। उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी हो चुका है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के मुताबिक अरमर भारत में फॉरेन टेररिस्ट ऑर्गनाइजेशन-FTO में आतंकियों की भर्ती करने वाला चीफ था। उसने बड़ी तादाद में ISIS के सिंपैथाइजर्स तैयार किये। इनका काम था आतंकी गतिविधियों यानी हमले का प्लॉट तैयार करना, आतंकियों को हथियार मुहैया कराना और हमले की जगह देखना शुरू करना।

लखनऊ में मारा गया ISIS का आतंकी सैफुल्ला 

इसी साल 7 मार्च को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके में ISIS का आतंकी सैफुल्ला मार गिराया गया था। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की एटीएस की संयुक्त कार्रवाई में 90 राउंड फायरिंग हुई थी और यह ऑपरेशन करीब 11 घंटे तक चला था। देश में यह पहली घटना थी जिसमें ISIS का आतंकी मारा गया। पुलिस ने कानपुर से ISIS के दो संदिग्ध आतंकियों इमरान और फैजल को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में मिली जानकारी पर एटीएस ने लखनऊ के काकोरी स्थित हाजी कॉलोनी में घेराबंदी कर सैफुल्ला को ढेर करने में सफलता हासिल की। पता चला कि यहां किराए के एक मकान में वो पिछले पांच महीने से रहकर यूपी को दहलाने की साजिश रच रहा था।

ठिकाने से भारी मात्रा मेें हथियार बरामद

सैफुल्ला के ठिकाने से 600 कारतूस, 6 पिस्टल, 8 मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड, डेढ़ लाख रुपये नकद और 45 ग्राम सोना बरामद हुए। इतना ही नहीं रेलवे का नक्शा, लोहे के पाइप, ग्लव्स, रस्सियां, फोटो वाले पहचान पत्र, तार, कई डायरी और किताब, कंपास, माचिस और ISIS का झंडा भी बरामद हुआ।

आतंक के खिलाफ विश्वव्यापी अभियान में भारत अग्रणी

खुफिया जानकारियों के मुताबिक सैफुल्ला यहां ‘बगदादी का बिग्रेड’ बनाने की कोशिश में, लेकिन इससे पहले कि वो अपने मंसूबे में कामयाब होता मार गिराया गया। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में दस्तक देने के बाद ISIS के गुर्गों ने भारत में भी जब ना तब सिर उठाने की कोशिश की है जिसे हमारे चौकस सुरक्षा बल कुचलते रहे हैं। आतंक के खिलाफ मौजूदा सरकार के रुख से ना सिर्फ देश में आतंकियों और उसके सरपरस्तों की शामत आई हुई है, बल्कि आतंक के खिलाफ विश्वव्यापी मुहिम में भारत लगातार बड़ी भूमिका निभाता आ रहा है।  

 

 

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