Home समाचार सच होगा किसानों की आय डबल करने का पीएम मोदी का सपना

सच होगा किसानों की आय डबल करने का पीएम मोदी का सपना

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया है। पिछले साढ़े तीन साल के कार्यकाल में मोदी सरकार इसी के अनुसार नीतियों और कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है। अच्छी खबर ये है कि अब पीएम मोदी का वह विजन धरातल पर भी साकार होता दिखने लगा है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक भारत से होने वाले झींगा निर्यात में दोगुनी बढ़ोत्तरी हो जाएगी।

विश्व का एक बड़ा झींगा निर्यातक बन चुका है भारत
इकॉनोमिक टाइम्स के अनुसार 2014 में पीएम मोदी की सरकार आने के बाद से उठाए गए कदमों के चलते ही 2016 में भारत विश्व एक बड़ा झींगा निर्यातक देश बन चुका था। तब भारत से झींगा निर्यात सालाना 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया था, लेकिन क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक यह आंकड़ा 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा। इस रिपोर्ट के मुताबिक, “हम लोग 2022 तक भारत से झींगा निर्यात में दोगुनी वृद्धि की उम्मीद करते हैं। यह मुख्यत: झींगा की मजबूत मांग, उसकी उच्च गुणवत्ता, उत्पादन में सुधार और आंध्र प्रदेश, गुजरात, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में मत्स्य पालन के क्षेत्र में बढ़ोत्तरी के कारण संभव होगा। वहीं हमारे एशियाई प्रतिद्वंदी संरचनात्मक मुद्दे और बढ़ते हुए घरेलू उपभोग की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।”

झींगा निर्यात में कैसे मिली सफलता ?
दरअसल, पिछले कुछ सालों में भारतीय निर्यातकों ने बीमारी पर नियंत्रण पाने के लिए कम घनत्व वाले झींगा पालन पर जोर दिया है। साथ ही पूरी मूल्य श्रृंखला में गुणवत्ता बनाये रखने पर भी ध्यान दिया है। यही नहीं अमेरिका से आयातित लचीला स्पेसफिक पैथजन फ्री (एसपीएफ) ब्रुड स्टॉक का भी उपयोग किया गया, और आखिरकार इन नई कोशिशों का नतीजा काफी सकारात्मक रहा। असल में पिछले कुछ वर्षों से जहां हमारा पड़ोसी देश चीन झींगा उत्पादन में कई समस्याओं से संघर्ष कर रहा है, वहीं एशिया के दूसरे देशों में भी झींगा उत्पादन बीमारी, बाढ़, श्रमिकों के मुद्दे और कठोर पर्यावरणीय मानदंडों के चलते बहुत ज्यादा प्रभावित हुआ है। उस समय जब मांग के अनुसार झींगा का उत्पादन नहीं हो पा रहा था। एक अहम झींगा उत्पादक देश वियतनाम में भी इसका उत्पादन प्रतिशत तक कम हो गया था। ऐसे में एशिया से झींगा आपूर्ति में आई इस कमी ने भारत को निर्यात में वृद्धि का एक सुनहरा अवसर दे दिया, जिसका लाभ उठाने में भारत ने देरी नहीं की।

वर्तमान समय में वैश्विक झींगा उद्योग का कारोबार करीब 30 बिलियल अमेरिकी डॉलर है। इस बाजार में मूल्य के आधार पर भारत की हिस्सेदारी करीब 13 प्रतिशत है। इसे बढ़ाने और बढ़ती हुई अंतरराष्ट्रीय मांग को पूरा करने के लिए मोदी सरकार ने बुनयादी संरचना के विकास पर जोर दिया है। साथ ही निर्यातकों को कई सुविधाएं भी प्रदान की हैं। सरकार की इन कोशिशों से जहां झींगा निर्यात से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी, वहीं किसानों की आय दोगुनी करने में भी मदद मिलेगी।

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