Home तीन साल बेमिसाल मोदी राज में रेलवे का स्वर्णिम काल, सुविधाओं की भरमार

मोदी राज में रेलवे का स्वर्णिम काल, सुविधाओं की भरमार

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मोदी सरकार के आने के बाद से देश में भारतीय रेलवे का चहुमुंखी विकास और विस्तार हो रहा है। पिछले तीन साल एक के बाद एक तमाम ऐसी योजनाओं की शुरुआत की गई है कि रेल यात्रियों का सफर सुहाना होने के साथ ही किफायती और सुविधाजनक भी होता जा रहा है। वैसे तो तीन साल में रेल यात्रियों की जरूरतों को देखते हुए कई यात्री सेवाएं शुरू की गई हैं, लेकिन यहां पर हम उनमें से कुछ विशेष सेवाओं की बात करेंगे।

कंफर्म टिकट के लिए ‘विकल्प’ योजना

भारतीय रेलवे ने 1 अप्रैल से नए रेल रिजर्वेशन सिस्टम ‘विकल्प’ की शुरुआत की घोषणा की है। इस स्कीम के अनुसार अब ई-टिकट बुक करते वक्त वेट-लिस्ट होने पर यात्रियों को ‘विकल्प’ चुनने का अवसर दिया जाएगा। यानी रिजर्वेशन चार्ट निकलते वक्त तक भी अगर उसका टिकट कंफर्म नहीं हुआ तो उस यात्री को उसी डेस्टिनेशन के लिए राजधानी, शताब्दी या दूसरी प्रीमियम/स्पेशल ट्रेनों में बर्थ उपलब्ध रहने पर कंफर्म टिकट दिया जाएगा। सबसे बड़ी बात ये है कि इसके लिए रेलवे कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं लेगा। इस व्यवस्था से यात्रियों को कंफर्म टिकट पर सफर की सुविधा मिल जाएगी, साथ ही ट्रेन में कोई बर्थ खाली नहीं बचेगा और रेलवे को वेस्ट लिस्ट वालों को टिकट का पैसा भी नहीं लौटाना पड़ेगा। इस योजना से रेलवे को सालाना करीब 7,500 करोड़ बचेगा जो अभी रिफंड में वापस करना पड़ता है।

IRCTC से टिकट खरीदना हुआ सस्ता

नए वित्त वर्ष से ई-टिकट खरीदने वाले रेल यात्रियों को कोई सर्विस टैक्स नहीं देना होगा। 2017-18 के बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसकी घोषणा की है। अभी तक IRCTC की वेबसाइट से ई-टिकट बुक करने पर रेल यात्रियों को आमतौर पर स्लीपर क्लास के लिए 20 रुपये और एसी क्लास की टिकटों पर 40 रुपये तक सर्विस चार्ज देना होता है। मोदी सरकार की इस पहल से कई फायदे होंगे। ई-टिकट लेने वालों को तो लाभ मिलेगा ही, रिजर्वेशन काउंटर पर भी भीड़ घटेगी और डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा भी मिलेगा। अब IRCTC से ऑनलाइन टिकट बुकिंग की रफ्तार भी प्रति मिनट 15,000 टिकट कर दी गई है, जिससे बुकिंग का काम बेहद आसान हो गया है।

ATM से भी मिलेंगे रेल टिकट

जो रेल यात्री रेलवे काउंटर से टिकट खरीदते रहे हैं उनके लिए बेहद अच्छी खबर है। रेलवे बैंक ATM से भी टिकट देने की योजना पर काम कर रहा है। इस सुविधा के शुरू होते ही लाखों रेल यात्रियों को काउंटर की लाइन से छुटकारा मिल जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक SBI के साथ रेलवे ने इसको लेकर एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था जिसके अब नतीजे भी आने लगे हैं। ये भी जानकारी है कि सेंटर फॉर रेलवे इन्फार्मेशन सिस्टम (CRIS) ने इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार करना भी शुरू कर दिया है।

सफर हुआ सुहाना, ट्रेन में मिलेगा ताजा खाना

भारतीय रेलवे खानपान की गुणवत्ता को लेकर हमेशा ही शिकायतों से जूझता रहा है। लेकिन मोदी सरकार इस व्यवस्था को पूरी तरह से दुरुस्त करने का इंतजाम कर रही है। इसके लिए रेलवे ने हर दो घंटों के बाद ‘बेस किचेन’ में तैयार किया गया ताजा खाना यात्रियों को परोसने की व्यापक योजना तैयार की है। यूं समझ लीजिए की अब लंबे सफर में बासी खाना परोसे जाने की शिकायतें नहीं मिलेंगी। इसके लिए रेलवे ने नई खानपान नीति लागू करते हुए खाना पकाने और उसके वितरण की व्यवस्था को अलग कर दिया है और IRCTC को ही इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है। आपको बता दें कि भारतीय रेल प्रतिदिन करीब 11 लाख यात्रियों को भोजन उपलब्ध कराती है।

नई कैटरिंग पॉलिसी: ठेकेदारों का मनमानी खत्म

रेल यात्रियों की शिकायत खाने की गुणवत्ता के साथ-साथ उसके दाम को लेकर भी रही है। अक्सर यात्रियों को पता ही नहीं रहता है कि कैटरिंग स्टाफ खाने की जो कीमत वसूलता है असल में उसका दाम कितना है। ये एक ऐसा विषय है जिसमें अबतक ठेकेदारों की मनमानी चलती रही है और विरोध करने वाले यात्रियों को उनकी गुंडागर्दी का भी सामना करना पड़ा है। इसी कमी को दूर करने के लिए रेल मंत्रालय ने अब किसी ठेकेदार को नए लाइसेंस जारी नहीं करने का फैसला लिया है। IRCTC अब कीमतों में पारदर्शिता रखेगा, यात्रियों से किसी भी स्थिति में ज्यादा कीमत नहीं वसूला जाएगा और ग्राहक बिल भी ले सकेंगे।

स्टेशनों पर मुफ्त वाईफाई सेवा

रेलवे ने देशभर के 115 स्टेशनों पर मुफ्त वाईफाई की सेवा उपलब्ध करवाई है। इस साल फरवरी महीने से करीब 50 लाख रेल यात्री इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं। आने वाले दिनों में भारतीय रेल इस सुविधा को चलती ट्रेनों में भी उपलब्ध करवाने की योजना पर काम कर रहा है। यही नहीं रेलवे ने अपनी सहायक कंपनी रेलटेल को 400 और रेलवे स्टेशनों पर वाईफाई सुविधा लागू कराने की जिम्मेदारी सौंपी है। इस योजना को ‘रेलवायर साथी’ का नाम दिया गया है, जो डिजिटल इंडिया के लिए PCO की तरह काम कर सकेगा। यहां से लोगों को ई-कॉमर्स, ऑनलाइन बैंकिंग, ई-टिकटिंग और ऐसी ही दूसरी सेवाओं के उपयोग में मदद मिलेगी।

ट्रेन हुई लेट तो जिम्मेदार अफसर जेब से करेगा भरपाई

अब किसी रेल अधिकारी के चलते अगर ट्रेन लेट होती है और यात्री टिकट का रिफंड मांगता है तो उसकी भरपाई उस अफसर की जेब से की जाएगी। दरअसल ट्रेनों के रियल टाइम अपडेट की जिम्मेदारी ट्रेन में ही सवार टाइम कीपर की होती है। वही ट्रेन का रियल टाइम डाटा नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (NTES)को मुहैया करवाता है। इस रिकॉर्ड से पता चल सकता है कि ट्रेन कहां, कितनी देर और किस वजह से लेट हुई। इसी के आधार पर जिम्मेदारी तय की जा सकती है।

अपने दम पर ‘ट्रेनसेट’ बना रहा है रेलवे

भारतीय रेलवे खुद से बिना इंजन वाला ट्रेनसेट बना रहा है जिसकी रफ्तार 160 कि.मी प्रति घंटे की होगी। काफी हद तक ये ट्रेनसेट दिल्ली मेट्रो की तरह होगा जिसमें कई डिब्बे होंगे और वो खुद में लगी संचालक प्रणाली के जरिए ही दौड़ेगा। ‘ट्रेन-2018’ देश का पहला ट्रेनसेट होगा, जिसके अगले साल मार्च तक तैयार हो जाने की संभावना है और सबसे पहले इसे दिल्ली-लखनऊ या दिल्ली-चंडीगढ़ रूट पर चलाया जा सकता है।

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का होगा कायाकल्प

रेलवे नई दिल्ली स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन बनाने की महत्वाकांक्षी योजना की तैयारियों में जुट गया है। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रतिव दिन पांच लाख से ज्यादा यात्री आते हैं और रोजाना 361 ट्रेनों का दबाव रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए तीन मंजिला स्टेशन इमारत बनाने की योजना है जिसमें आगमन और प्रस्थान के लिए अलग-अलग सेक्शन होंगे। दक्षिण कोरिया के सहयोग से 10,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार होने के बाद इस स्टेशन पर डिजिटल साइनेज, स्केलेटर्स, लिफ्ट, ऑटोमेटिक सेल्फ टिकटिंग काउंटर, एग्जिक्यूटिव लाउंज जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यही सुविधाजनक यात्रा सुविधा मुहैया कराने के साथ ही यात्रियों को विश्वस्तरीय खरीददारी की सुविधा भी दी जाएगी। इसके लिए स्टेशन के अजमेरी गेट की ओर व्यावसायिक इस्तेमाल वाली तीन गगनचुंबी इमारतें बनाई जाएंगी।

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