Home समाचार मेरा देश बदल रहा है: गांवों में बढ़ी लोगों की आमदनी

मेरा देश बदल रहा है: गांवों में बढ़ी लोगों की आमदनी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश दिन-दूनी, रात-चौगुनी तरक्की कर रहा है। विकास की राह पर चल देश बदल रहा है। देश की विकास संभावनाओं को लेकर कंज्यूमर रिसर्च फर्म प्राइस ने एक और नई उम्मीद जगा दी है। ये उम्मीद जगी है प्राइस के दो आय सर्वेक्षण के अध्ययन से… 2014 के सर्वेक्षण में एक लाख परिवार को शामिल किया गया था जबकि 2016 में किए गए दूसरे अध्ययन में इससे तीन गुना परिवारों को शामिल किया गया।

सर्वे के अध्ययन से पता चला कि 2014 और 2016 के बीच ग्रामीण भारत की आय में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसमें सबसे ज्यादा वृद्धि उभरते ग्रामीण और कम विकसित ग्रामीण इलाके में हुई जबकि विकसित ग्रामीण क्षेत्र में 12 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इसका मतलब है मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के ग्रामीण इलाकों में कृषि विकास में तेजी का लाभ ज्यादा मिला जबकि पंजाब और हरियाणा जैसे समृद्ध इलाकों की आय में स्थिरता देखी गई।

दिलचस्प बात यह है कि अगर वित्त वर्ष 2016 में अखिल भारतीय औसत इनकम 100 प्वाइंट माना जाए तो प्राइस ने पाया कि ग्रामीण क्षेत्र के शीर्ष पांच में यह 137, शीर्ष दस में 164 जबकि शहरी भारत के निचले पांच में यह 63 है और बीच के 60 प्रतिशत में यह 111 प्वाइंट रहा। हालांकि शहरी भारत के शीर्ष पांच में यह काफी ज्यादा 225 प्वाइंट है।

जहां 2011 में सिर्फ 67 प्रतिशत घरों में बिजली का इस्तेमाल होता था वो 2016 में 91 प्रतिशत पर पहुंच गया है। इसका मतलब है कि अब ग्रामीण इलाको में भी उद्योग के लिए अधिक संभावनाएं हैं। ग्रामीण इलाके में खाद्य प्रसंस्करण पर काफी कुछ हो सकता है इससे ना सिर्फ ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा बल्कि कृषि को भी फायदा होगा।

अभी देश में सिर्फ 16 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों तक इंटरनेट की पहुंच है लेकिन ग्रामीण इलाके में इंटरनेट की पहुंच बढ़ने के साथ ही उत्पादकता में और भारी इजाफा देखने को मिल सकता है। जिस हिसाब से सरकार ग्रामीण इलाकों मे बिजली और टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दे रही है उससे विकास की रफ्तार बढ़ेगी ही।

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