यूपी-बिहार के मजदूरों का गुजरात से लगातार पलायन जारी है। लोग कह रहे हैं कि उन्हें ‘ठाकोर सेना’ और पटेल समुदाय के कुछ लोग प्रदेश छोड़ने के लिए कह रहे हैं। आपको बता दें कि ‘ठाकोर सेना’ कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर का संगठन है और अल्पेश राहुल गांधी के बेहद करीबी हैं।
गौरतलब है कि गुजरात के 99 प्रतिशत लोग राष्ट्रवादी विचारधारा के हैं। उन्होंने कभी भी जातिवाद और प्रांतवाद का समर्थन नहीं किया, लेकिन आज पूरे गुजरातियों को बदनाम करने का प्रयास हो रहा है। हालांकि अब यह बात सामने आ चुकी है कि देश में पिछले साढ़े तीन वर्षो में जो भी हिंसा या विरोध प्रदर्शन हुए हैं, उसके पीछे कांग्रेसी नेताओं का ही हाथ है।
कांग्रेस नेताओं और उसके समर्थकों द्वारा दुष्प्रचार, अफवाह और झूठ के आधार पर लगातार गुजरात की छवि नकारात्मक बनाने की कोशिश की जा रही है। साढ़े छह करोड़ गुजरातियों को अस्पृश्य बनाने की साजिश रची गई है। ये सब सिर्फ इसलिए कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिकस्त दी जा सके।
वाराणसी-गुजरात हिंसा के खिलाफ लामबंद हुए उत्तरभारतीय। बनारस में लगे गुजराती – मोदी बनारस छोडो के पोस्टर @narendramodi @Uppolice @CMOfficeUP @NBTLucknow pic.twitter.com/iECiPEDVar
— DineshChandra Mishra (@DineshMishraNBT) October 9, 2018
सवाल ये है कि राहुल गांधी को एक नेता के रूप में प्रतिस्थापित करने के लिए किसी प्रदेश को बदनाम करना कहां तक जायज है?
राहुल गांधी
वर्ष 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष ने गुजरात को बदनाम करने के लिए ‘विकास गांडो थयो छे’ यानि ‘विकास पागल हो गया है’ का दुष्प्रचार किया था।
अल्पेश ठाकोर
एक सप्ताह पहले अल्पेश ठाकोर ने कहा, प्रवासियों के कारण अपराध बढ़ गया है। उनके कारण, मेरे गुजरातियों को रोजगार नहीं मिल रहा है। क्या गुजरात ऐसे लोगों के लिए है?
जिग्नेश मेवाणी
11 जुलाई, 2016 को गुजरात के उना में चार दलितों की पिटाई कर दी गई। कांग्रेस और AAP और की मिलीभगत से जिग्नेश मेवानी ने जातिवादी आग फैला दी।
हार्दिक पटेल
कांग्रेस के हाथ का खिलौना बने हार्दिक पटेल ने वर्ष 2015 में पाटीदार समुदाय को आरक्षण की मांग के लिए भड़काया और प्रदेश को हिंसा की आग में धकेल दिया।
संजय निरुपम
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष संजय निरुपम ने धमकी दी कि– एक दिन पीएम मोदी को भी वाराणसी जाना है। इसके बाद वाराणसी में गुजरातियों के विरोध में पोस्टर लगाए गए।