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मोदी राज में एनपीए में आयी कमी, अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर साबित हुआ इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार ने कालेधन और बैंकों के फंसे कर्ज की वसूली को लेकर कई कदम उठाए। बैंकिंग व्यवस्था में ढांचागत सुधार करते हुए 2016 मे इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) कानून को पारित किया। इसमें 2017 में संशोधन भी किए गए। उसके बाद दिवालियापन के मामले को लेकर कड़ी कार्रवाई हो रही है। अब यह कानून अर्थव्यवस्था के लिए गेमचेंजर साबित हो रहा है। उसका असर स्पष्ट तौर पर दिखाई देने लगा है। आज इस कानून की वजह से बड़े-बड़े कर्ज लेकर उन्हें गटक जाने वाली कंपनियां और पूंजीपति डरे हुए हैं। अब ये उद्योगपति खुद बैंकों के पास जाकर अपने लिए गए कर्ज के बकाए को लौटा रहे हैं। जिसकी वजह से वित्त वर्ष 2018-19 में बैंकों के एनपीए में काफी कमी आयी है।

ग्रॉस एनपीए घटकर 9.1 फीसदी 

रिजर्व बैंक आफ इंडिया की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों का ग्रॉस एनपीए घटकर 9.1 फीसदी पर आ गया है। यह एक साल पहले 11.2 फीसदी पर था।  रिपोर्ट के अनुसार बैंकों के फंसे कर्ज के बारे में जल्द पता चलने और उसका जल्द समाधान होने से एनपीए को नियंत्रित करने में मदद मिली है। 

प्रोविजनिंग कवरेज रेश्यो 60.9%

आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक गैर-निष्पादित ऋण में ताजा बढ़ोत्तरी का स्तर भी कम हुआ है। जिससे इस तरह के कर्ज के लिये बैंकिंग सिस्टम में होने वाला प्रावधान यानी प्रोविजनिंग कवरेज रेश्यो समीक्षाधीन अवधि के दौरान 60.9 फीसदी तक बढ़ गया। यह बैंकों के लिए अच्छे संकेत हैं।

IBC ने बदल दिया माहौल

रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरूआती कठिनाइयों के बाद इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) बैंकिंग सिस्टम का पूरा माहौल बदलने वाला कदम साबित हो रहा है। पुराने फंसे कर्ज की रिकवरी में सुधार आ रहा है और इसके परिणामस्वरूप, संभावित निवेश चक्र में जो स्थिरता बनी हुई थी, उसमें सुगमता आने लगी है।

 कैपिटल बफर को मजबूत किया

रिपोर्ट के मुताबिक कैपिटल बफर को 2.7 लाख करोड़ रुपये की नई पूंजी डालकर मजबूत किया गया है। इसमें 2019-20 के बजट का आवंटन भी शामिल है। इसके साथ ही दबाव हल्का होने से बैंक क्रेडिट इनफ्लो बढ़ने की उम्मीद भी बढ़ गई है। जून 2019 में एनपीए पहचान और समाधान के नियमों से समस्या के जल्द समाधान की उम्मीद बढ़ी है। इसमें कर्जदाताओं को अधिक तवज्जो दी गई है।

कर्जदारों के रवैये में आया बदलाव

आईबीसी से कर्जदारों का रवैया बदलने लगा है। भुगतान से जुड़ा अनुशासन बेहतर हुआ है क्योंकि रेगुलेटर ढिलाई बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। आईबीसी लागू हो जाने और गड़बड़ी करने पर कंपनी पर ओनर्स का कंट्रोल खत्म हो सकने की स्थिति के कारण बर्ताव बदल रहा है। यह अच्छी बात है। कर्ज लेने वाला अब यह मानकर नहीं चल सकता कि कर्जदाता उसका कुछ भी नहीं कर पाएंगे।

बकाएदारों से निर्धारित समय में कर्ज वापसी के प्रयास

इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के अंतर्गत कर्ज न चुकाने वाले बकाएदारों से निर्धारित समय के अंदर कर्ज वापसी के प्रयास किए जाते हैं। इस कोशिश से बैंकों की आर्थिक स्थिति में सुधार जरूर हुआ है। इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड की सफलता के पीछे एक विशेष कारण यह है कि अब बैंक के बकाएदारों को अपनी खुद की ही संपत्ति की निलामी एवं बोली लगाने पर पूर्ण पाबंदी है।

दिवालिया उद्योगपति बैंकों को नहीं लगा पाएंगे चपत

सरकार ने इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल और नेशनल कंपनी लॉ अपीलीय ट्रिब्यूनल को और सशक्त करके यह संकेत दे दिया है कि अब दिवालिया उद्योगपति बैंकों को चपत नहीं लगा पाएंगे। अगर कोई ऐसा करने का प्रयास करता भी है तो इस कोड के अंतर्गत बैंकों के पास उनकी संपत्ति वसूलने के पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं।

आइए एक नजर डालते हैं कि कैसे मोदी सरकार की सख्ती के बाद कंपनियों को अपनी संपत्ति बेचकर अपने कर्ज की रकम चुकानी पड़ रही है।

मोदी राज में सूट-बूट वालों की ‘लूट’ पर लगी ब्रेक
बैंकों के कर्ज वापसी के लिए मजबूर हुए उद्योगपति

*जिंदल स्टील
अक्टूबर, 2017
रायगढ़ और अंगूल स्टील प्लांट के दो यूनिट को 1,121 करोड़ में बेचना पड़ा
अगस्त 2017
6 हजार करोड़ वसूलने के लिए SBI ने अंगूल में जिंदल इंडिया थर्मल पावर प्लांट का टेंडर मंगवाया

*एस्सार ऑयल
अगस्त 2017
ESSAR ऑयल को अपना 49 प्रतिशत शेयर रुस की Rosneft कंपनी को बेचना पड़ा
SBI, ICICI, Axis, IDBI और Standard Chartered बैंकों का 70,000 करोड़ रुपया चुकाना पड़ा

*जीवीके पॉवर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर
जुलाई, 2017
बकाया चुकाने के लिए 3,439 करोड़ रुपये में बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट बेचना पड़ा

*डीएलएफ
दिसंबर, 2017
DCCDL को अपना 40 प्रतिशत हिस्सा बेच कर बैंकों का 7100 करोड़ रुपया चुकाना पड़ा

*जेपी एसोसिएट्स
40 हजार करोड़ का कर्ज चुकाने के लिए 15,000 करोड़ में Ultratech और ACC को बेचना पड़ा
बैंकों ने जेपी ग्रुप की 13, 000 करोड़ की जमीन बेचने की प्रक्रिया शुरू की

*टाटा ग्रुप
जनवरी, 2018
टाटा ग्रुप ने बैंकों के 23 हजार करोड़ में से 17 हजार करोड़ चुका दिए
सितंबर, 2018
टीसीएस के लाभांश से टाटा मोटर्स और टाटा टेलिसर्विसेज लिमिटेड का कर्ज चुकाएंगे

*रिलायंस
अनिल अंबानी ने ADAG ग्रुप कंपनियों का 35 हजार करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया

*जीएमआर
37,480 करोड़ रुपये में 18,480 हजार करोड़ वापस किए, बकाया 19,000 करोड़ रुपये जल्द चुकाएंगे

*वीडियोकॉन
नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में बैंकरप्सी के तहत कंपनी बेचकर वसूला जाएगा बकाया 20 हजार करोड़

मोदी राज में आर्थिक अपराधियों की खैर नहीं
मोदी सरकार की कार्यशैली की वजह से आर्थिक अपराधियों की नींद उड़ चुकी है। केंद्र सरकार ने भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम को मंजूरी दी है और उसमें प्रावधान किया है कि बैंकों का पैसा लूटने वालों से वसूली के लिए देश-विदेश में उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी। कानून को मंजूरी मिलते ही मोदी सरकार ने इस पर कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय ने इसी कानून के प्रावधानों के तहत शराब कारोबारी विजय माल्या, हीरा व्यापारी नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे भगोड़ों के खिलाफ शुरू की है। ब्रिटेन की कोर्ट ने भारत की बैंकों का 9 हजार करोड़ से अधिक लूट कर फरार होने वाले भगोड़े कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यपर्ण को मंजूरी दे दी है।

मोदी सरकार ने बैंकों से धोखाधड़ी करने और भ्रष्टाचार में शामिल कई भगोड़े अपराधियों को भारत लाने में कामयाब रही है। डालते हैं एक नजर…

बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल यूएई से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया
अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर सौदे के बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स को प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की वजह से ही संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण पर राजी हुआ है। जाहिर है कि 3700 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में मुख्य आरोपी है। अगस्ता वेस्टलैंड ने भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और सोनिया गांधी समेत तत्कालीन यूपीए सरकार के लोगों को प्रभावित कर कंपनी की डील दिलाने में मदद के लिए मिशेल की नियुक्ति की थी। भारत लाने के बाद सीबीआई क्रिश्चिएन मिशेल से पूछताछ में लगी है। क्रिश्चियन पर 3,700 करोड़ रुपये की अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर डील में मनी लॉन्ड्रिंग करने, घूस लेने और धोखाधड़ी करने का आरोप है। क्रिश्चियन पर आरोप है कि उसने घूस की रकम ट्रांसफर करने के लिए दो कंपनियों ग्लोबल सर्विसेज एफजेडई, दुबई और ग्लोबल ट्रेड एंड कॉमर्स सर्विसेज, लंदन का इस्तेमाल किया था।

इंडोनेशिया से पकड़ा गया भगोड़ा कारोबारी विनय मित्तल
बैंकों का पैसा लूट कर विदेश भागने वालों को पकड़ने के लिए मोदी सरकार ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून बनाया था। इस कानून के बनने के बाद विदेशों में बैठे घोटालेबाजों की शामत आ गई है। सीबीआई ने इसकी कानून के तहत 7 बैंकों से 40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर फरार उद्योगपति विनय मित्तल को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। सीबीआई इस भगोड़े कारोबारी को इंडोनिशेया से प्रत्यर्पित कर भारत ले आई है। जिस प्रकार से मोदी सरकार भगोड़े उद्योगपतियों पर कार्रवाई कर रही है, उससे लगता है कि वो दिन दूर नहीं है जब विजय माल्या और नीरव मोदी भी शिकंजे में होंगे।

मोदी सरकार की सख्ती का असर, बहरीन से पकड़ा गया भगोड़ा आर्थिक घोटालेबाज
सीबीआई ने 9 वर्ष पहले बैंकों को लाखों का चूना लगाने वाले एक आर्थिक घोटालेबाज को बहरीन में धर दबोचा है। सीबीआई ने मोहम्मद याहया नाम के इस शख्स के खिलाफ भगोड़ा आर्थिक अपराध कानून के तहत कार्रवाई की है। बता दें कि 47 वर्षीय मोहम्मद याहया 2003 में बैंगलुरू के कुछ बैंकों के साथ करीब 46 लाख रुपए का घोटाला करने बाद खाड़ी देश भाग गया था। याहया को बहरीन से पकड़ा गया। पिछले काफी समय से उस पर भारतीय एजेंसियों की नजर थी। बहरीन में उसकी गिरफ्तारी के बाद सभी आवश्यक कार्रवाई को पूरा कर भारत लाया गया। 

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