Home उपलब्धियां 2017 उपलब्धियां 2017: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए RTE ऐक्ट में संशोधन समेत HRD...

उपलब्धियां 2017: गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए RTE ऐक्ट में संशोधन समेत HRD मंत्रालय ने की कई बड़ी पहल

SHARE

केन्द्र की सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने देश में ‘सबको शिक्षा, अच्छी शिक्षा’ का संकल्प लिया था जिसके तहत शिक्षा को सुलभ, सस्‍ती और जबावदेह बनाने पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री के इस विजन के अनुरूप मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षा क्षेत्र में जरूरी बदलाव लाने के लिए अपनी पहल में लगा हुआ है। एक नजर 2017 में मंत्रालय के 10 बड़े कदम और उपलब्धियों पर:

1. क्वालिटी एजुकेशन के लिए RTE कानून में संशोधन

फरवरी 2017 में एक महत्‍वपूर्ण कदम उठाते हुए शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून के नियमों में संशोधन किया गया। इसमें पहली बार आठवीं कक्षा तक कक्षावार एवं विषयवार हासिल परिणामों को समाहित किया गया ताकि गुणवत्तायुक्‍त शिक्षा के महत्‍व पर जोर दिया जा सके। इसके तहत प्रारंभिक स्‍तर तक की प्रत्‍येक कक्षा के लिए भाषा (हिन्‍दी, अंग्रेजी एवं उर्दू), गणित, पर्यावरण अध्‍ययन, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान में विषयों की जानकारी के बारे में एक बुनियादी स्‍तर तय किया गया है। इस स्तर तक प्रत्‍येक कक्षा के अंत में छात्रों को पहुंचना चाहिए।

2. राष्‍ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2017-18

राष्‍ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) जो पहले पाठ्यपुस्तक सामग्री पर आधारित था, अब एक योग्यता आधारित मूल्यांकन है। NAS 2017-18 के जरिये ऐसा पहली बार होगा कि शिक्षकों के पास यह समझने के लिए एक उपकरण होगा कि विभिन्‍न कक्षाओं में बच्‍चे को वास्‍तव में क्‍या सीखना चाहिए। बच्चों को क्रियाकलापों के जरिये कैसे पढ़ाया जा सकता है और कैसे यह मापा एवं सुनिश्चित किया जाए कि बच्‍चे अपेक्षित स्‍तर तक पहुंच चुके हैं।

3. इन-सर्विस अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए RTE ऐक्ट में संशोधन

एक ऐतिहासिक उपलब्धि के तहत RTE अधिनियम की धारा 23 (2) में संशोधन कर इन-सर्विस अप्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए अवधि को 31 मार्च 2019 तक विस्‍तार देने के प्रस्‍ताव को संसद के दोनों सदनों द्वारा 1 अगस्‍त 2017 को पारित किया गया। इससे शिक्षक एवं शिक्षण प्रक्रियाओं की समग्र गुणवत्ता में सुधार होगा और उसके परिणामस्‍वरूप बच्‍चों के सीखने का स्तर तय मानक तक जाएगा। यह प्राथमिक शिक्षा की गुणव‍त्ता में सुधार पर सरकार के जोर को भी मजबूती देता है।

4. NCERT द्वारा 6 करोड़ से अधिक पाठ्यपुस्‍तकों का वितरण

NCERT ने आम नागरिकों, स्‍कूलों, राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सीधे तौर पर पाठ्यपुस्‍तकों की खरीदारी की सुविधा प्रदान करने के लिए अगस्‍त 2017 में एक पोर्टल शुरू किया। इस पोर्टल के माध्‍यम से एनसीईआरटी ने 11 दिसंबर 2017 तक 1.56 करोड़ प्रतियों के लिए 3,524 स्‍कूलों से ऑर्डर प्राप्‍त किया है। उम्‍मीद की जा रही है कि NCERT जून 2018 तक 6 करोड़ से अधिक पाठ्यपुस्‍तकों का मुद्रण और वितरण करेगा।

5. स्‍वच्‍छ विद्यालय के तहत सबसे साफ-सुथरे विद्यालयों को पुरस्‍कार

सरकारी स्‍कूलों में साफ-सफाई एवं स्‍वच्‍छता कार्यों में उत्‍कृष्‍टता को पहचानने, उसे प्रेरित करने और मनाने के लिए स्‍वच्‍छ विद्यालय पुरस्‍कार की शुरुआत की गई थी।  इस पुरस्‍कार के लिए कुल 2,68,402 स्‍कूलों ने वेब पोर्टल/मोबाइल ऐप के जरिये आवेदन किया था। राष्‍ट्रीय स्‍तर पर 643 स्‍कूलों का मूल्‍यांकन किया गया और 1 सितंबर 2017 को 172 स्‍कूलों को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार प्रदान किए गए जिसमें शहरी एवं ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के प्राथमिक एवं माध्‍यमिक विद्यालय शामिल थे।

6. मिड-डे मील के तहत स्‍कूल स्‍तर पर स्‍वचालित निगरानी प्रणाली

मध्‍यान्‍ह भोजन योजना की रियल टाइम निगरानी के लिए आंकड़े जुटाने की एक स्‍वचालित प्रणाली स्‍थापित की गई है। स्‍कूल के प्रधानाध्‍यापक या शिक्षक पर बिना किसी लागत बोझ के इस प्रकार के आंकड़े एकत्रित किए जा रहे हैं। इस स्‍वचालित निगरानी प्रणाली के तहत राज्‍यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने दैनिक आधार पर स्‍कूलों से आंकड़े जुटाने के लिए एक उपयुक्‍त प्रणाली-Interactive Voice Response System स्‍थापित की है। इसका इस्‍तेमाल निगरानी और समय पर कार्रवाई के उद्देश्‍य से किया जा रहा है।

7. स्‍टूडेंट्स डेटा मैनेजमेंटट एंड इन्‍फॉर्मेशन सिस्‍टम (SDMIS) का सृजन

देश में सभी छात्रों के आधार विवरण के साथ एक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है जो ड्रॉप आउट यानी पढ़ाई बीच में ही छोड़ने पर लगाम लगाने, नकली नामांकन पर रोक लगाने, नियोजन प्रकिया में सुधार लाने और संसाधनों की कुशल उपयोगिता सुनिश्चित करने में मदद करेगा। अब तक करीब 21 करोड़ छात्रों को इसके दायरे में लाया जा चुका है। SDMIS अप्रैल 2018 तक संभवत: सभी 25 करोड़ छात्रों को इसके दायरे में ले आएगा और उसके बाद वार्षिक आधार पर आंकड़ों को अपडेट किया जाएगा।

8. राष्‍ट्रीय डिजिटल पुस्‍तकालय (NDL)

मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) देश के शैक्षणिक संस्‍थानों के बीच उपलब्‍ध मौजूदा ई-सामग्री और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के जरिये शिक्षा का राष्‍ट्रीय मिशन के तहत राष्‍ट्रीय डिजिटल पुस्‍तकालय (NDL) की स्‍थापना कर रहा है। एक राष्‍ट्रीय परिसंपत्ति तैयार करने लिहाज से आईआईटी खड़गपुर को भारत के राष्‍ट्रीय डिजिटल पुस्‍तकालय (एनडीएल)  के लिए मेजबानी, समन्‍वय और उसे स्‍थापित करने की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है।

9. अनुसंधान पार्कों को मंजूरी

आईआईटी दिल्‍ली, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी कानपुर, आईआईटी हैदराबाद और आईआईएससी बेंगलूरू में से प्रत्‍येक में 75 करोड़ रुपये की लागत से पांच नये अनुसंधान पार्क स्‍थापित करने के प्रस्‍ताव को केंद्र सरकार से मंजूरी दे दी गई है। आईआईटी, मुंबई और आईआईटी खड़गपुर में से प्रत्‍येक में 100 करोड़ रुपये की लागत से पहले से ही स्‍वीकृत अनुसंधान पार्कों को जारी रखने की मंजूरी भी दी गई है। आईआईटी गांधीनगर में कुल 90 करोड़ रुपये की लागत से अनुसंधान पार्क स्‍थापित करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्त पोषण किया जा रहा है।

10. स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2017

पहली बार भारत ने 42,000 से ज्यादा इंजीनियरिंग छात्रों की भागीदारी के साथ स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2017 का आयोजन किया था, जिसमें 30 मंत्रालयों के 600 डिजिटल समस्याओं का समाधान किया गया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस पहल में प्रतिभागी तकनीकी समस्याओं की पहचान कर उनके समाधान की कोशिश करते हैं। द्वितीय स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2018 की घोषणा की गई है और लगभग एक लाख इंजीनियरिंग छात्रों को भाग लेने की उम्मीद है।

Leave a Reply