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पाक को एक और बड़ा झटका, हिजबुल आतंकी संगठन घोषित

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों के चलते पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। अमेरिका ने हिजबुल मुजाहिदीन को आतंकी संगठन करार दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हिजबुल मुजाहिद्दीन को आतंकवादी संगठन घोषित करने से इसे आतंकवादी हमले करने के लिए जरूरी संसाधन नहीं मिलेगा, अमेरिक में इसकी संपत्तियां जब्त कर ली जाएंगी और अमेरिकी नागरिकों को इससे संबद्धता रखने पर प्रतिबंधित होगा। अमेरिका ने यह भी कहा है कि हिजबुल कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है।

पाक को बड़ा झटका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत से ठीक पहले 26 जून को अमेरिका ने हिजबुल सरगना सैयद सलाउद्दीन को वैश्विक आतंकी घोषित किया था। जम्मू-कश्मीर में कई हमलों के पीछे उसका हाथ रहा है। पाकिस्तान हिजबुल को कश्मीरी युवाओं की आवाज बताता रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हिजबुल के स्थानीय कमांडर बुरहान वानी को शहीद बताकर तारीफ की थी। आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा वैश्विक स्तर पर चलाए जा रहे अभियान की यह एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। भारत ने अमेरिका के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई और मजबूत हो रही है तथा आतंकियों और उन्हें पनाह देने वालों के हौसले पस्त हो रहे हैं। अमेरिका इससे पहले लश्कर के मुखौटा संगठन जमात उद दावा और संसद हमले में शामिल जैश ए मोहम्मद पर पाबंदी लगा चुका है।

आतंकवादी देश घोषित हुआ पाकिस्तान
भारत को सबसे बड़ी कामयाबी तब मिली जब प्रधानमंत्री मोदी के दबावों के चलते ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान को आतंकवादियों की शरणस्थली वाले देशों की सूची में डाल दिया। अमेरिका ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों को संरक्षण और बढ़ावा देता है। पाकिस्तान में इनको ट्रेनिंग मिलती हैं और पाकिस्तान से ही इन आतंकवादी संगठनों की फंडिंग हो रही है।”

अमेरिकी रिपोर्ट में पाकिस्तान का गुनाह
अमेरिकी का साफ कहना है कि पाकिस्तान ने लश्कर ए तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है, जबकि ये सरेआम भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। यही नहीं भारत ने ऐसे कई आतंकवादियों को पकड़े हैं, जो आईएस से जुड़े हैं। अमेरिका 60 आतंकवादी संगठनों को ग्लोबल आतंकी संगठन मानता है, जिनमें से 13 अकेले पाकिस्तान में हैं।

भारत के खिलाफ आतंक की फैक्ट्री चलाता है पाक
लश्कर ए तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन जैसे जितने भी आतंकवादी संगठन है उन्हें पाकिस्तान अपनी धरती पर या अपने कब्जे वाले कश्मीर में प्रशिक्षण देता है। इस काम में आतंकवादी संगठनों के मुखिया तो केवल मुखौटे की तरह इस्तेमाल होती हैं। असल में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई के अफसर इस ट्रेनिंग में सीधे तौर पर जुड़े रहते हैं। जब सैकड़ों ट्रेनिंग कैंप्स में आतंकवादियों को हिंसा की ट्रेनिंग दे दी जाती है तो उन्हें हथियारों और बाकी सामानों के साथ भारत में भेजने का खेल चलता है। इस काम में भी पाकिस्तानी सेना और रेंजर्स का सक्रिय योगदान होता है। भारत ही नहीं, अफगानिस्तान और ईरान में सक्रिय अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादियों को भी उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के कबिलाई इलाकों में ट्रेनिंग दी जाती है।

पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ दुनिया को जोड़ा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जोरदार तरीके से सभी देशों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का आह्वान कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र से लेकर अमेरिका से भी पीएम मोदी ने कई मौकों पर आतंकवाद के खिलाफ सख्ती दिखाने का आग्रह कर चुके हैं। हाल ही में डोनाल्ड ट्रंप के साथ साझा बयान में दोनों नेताओं ने पाकिस्तान का नाम लेकर उसे अपने देश का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं करने देने के लिए आगाह किया था। दोनों नेताओं ने पाकिस्तान को चेताया था कि वो मुंबई के 26/11 हमले, पठानकोट और भारत में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे।

सर्जिकल स्ट्राइक से इरादा साफ कर चुके हैं पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी सूरत में आतंकवाद को बर्दाश्त करने के लिये तैयार नहीं होंगे, ये बात पिछले साल पाकिस्तान में भारतीय सेना द्वारा किये गए सर्जिकल स्ट्राइक से ही साफ हो चुका है। पीएम के इस एक्शन से पाकिस्तान की हेकड़ी तो गुम हो ही गई, उसको संरक्षण देने वाले देशों के कान भी खड़े हो गये। अमेरिका भी जान गया कि अब निहित स्वार्थों में पाकिस्तान को पालना-पोसना संभव नहीं। अमेरिका को लग गया कि भारत की सुरक्षा के लिए पीएम मोदी पाकिस्तान को उसी की भाषा में ठोस जवाब देने में सक्षम हैं। अब पाकिस्तान को आतंकी देशों की लिस्ट में रखने का जो अमेरिका ने फैसला लिया है, इसमें पीएम मोदी के इस छवि ने बहुत ही बड़ा रोल निभाया है।

पहले दोस्ती का हाथ बढ़ा चुके हैं पीएम मोदी
ऐसा नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को सुधरने का अवसर नहीं दिया है। उन्होंने अपने शपथग्रहण समारोह में पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ को बुलाया। यही नहीं जिसके बारे में कभी किसी ने सोचा नहीं था, एक अच्छे पड़ोसी के नाते उन्होंने वो भी कर दिखाया। वो विदेश दौरे से लौटते समय सीधे नवाज की नातिन की शादी में पहुंच गये। पीएम मोदी के इस कदम से दुनिया हैरान थी। दुनिया को लगा कि पीएम मोदी ही ऐसे नेता हैं जो पाकिस्तान के साथ संबंधों को बेहतर कर सकते हैं। लेकिन दुख की बात है कि पाकिस्तान ने पीएम मोदी की दोस्ती की कद्र नहीं की और अब वो विश्व समुदाय में अलग-थलग पड़ चुका है।

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