Home समाचार राज्यसभा सेकेंड हाउस है, सेकेंडरी नहीं : प्रधानमंत्री मोदी

राज्यसभा सेकेंड हाउस है, सेकेंडरी नहीं : प्रधानमंत्री मोदी

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राज्यसभा यानि ऊपरी सदन के 250वें सत्र के अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं यहां उपस्थित सभी सांसदों को बधाई देता हूं। 250 सत्रों की ये जो यात्रा चली है, उसमें जिन-जिन सांसदों ने योगदान दिया है वो सभी अभिनंदन के अधिकारी हैं। मैं उनका आदरपूर्वक स्मरण करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि अनुभव कहता है कि संविधान निर्माताओं ने जो व्यवस्था दी है, वो बहुत उपयुक्त रही है। जहां निचला सदन जमीन से जुड़ा है, तो उच्च सदन दूर तक देख सकता है। भारत की विकास यात्रा में निचले सदन से जमीन से जुड़ी चीजों का प्रतिबिंब झलकता है, तो उच्च सदन से दूर दृष्टि का अनुभव होता है।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 5 साल का समय देखें तो यही सदन है जिसने तीन तलाक का बिल पास करके महिला सशक्तिकरण का बहुत बड़ा काम किया। इसी सदन ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया, लेकिन कहीं विरोधभाव पैदा नहीं हुआ। इसी सदन ने जीएसटी के रूप में वन नेशन-वन टैक्स की ओर समहति बनाकर देश को दिशा देने का काम किया है। देश की एकता और अखंडता के लिए अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने की शुरुआत पहले इसी सदन में हुई, उसके बाद लोकसभा में ये हुआ।  

उन्होंने कहा कि 2003 में राज्यसभा के 200वें सत्र के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था- ‘किसी को भी हमारे दूसरे सदन (राज्य सभा) को द्वितीय सदन मानने की गलती नहीं करनी चाहिए। भारत के विकास के लिए इसे सहायक सदन बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सभा सेंकेड हाउस है सेंकेडरी नहीं। भारत के विकास के लिए इसे सपोर्टिव हाउस बने रहना चाहिए। 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सदन संवाद के लिए होना चाहिए। बहस हो, लेकिन रुकावटों के बजाय संवाद का रास्ता चुनें। एनसीपी और बीजेडी ने तय किया है कि वे वेल में नहीं जाएंगे लेकिन फिर भी न एनसीपी न बीजेडी की राजनीतिक यात्रा में कोई रुकावट आई है। उनसे हमें सीखना चाहिए। इसकी चर्चा भी होनी चाहिए और उनको धन्यवाद देना चाहिए। 

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने हम लोगों को जो दायित्व दिया है, हमारी प्राथमिकता है कल्याणकारी राज्य लेकिन उसके साथ हमारी जिम्मेदारी है राज्यों का भी कल्याण। राज्य और केंद्र मिल करके देश को आगे बढ़ा सकते हैं।

पीएम ने कहा कि राज्यसभा ने वैज्ञानिकों, कला और खेल के क्षेत्र के लोगों को लाभान्वित किया है, जो शायद लोकतांत्रिक रूप से नहीं चुने गए हैं। बाबा साहेब अबंडेकर स्वयं इसका एक बड़ा उदाहरण हैं। वह लोकसभा के लिए चुने नहीं गए थे, लेकिन राज्यसभा में आए। राज्यसभा शाश्वत और विविध है। लोकसभा भले ही बंद हो जाए, लेकिन राज्यसभा कभी नहीं रुकता है और न ही कभी रुकेगा। 

 

 

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