Home गुजरात विशेष पाटीदार समुदाय को ‘धोखा’ दे रही राहुल-हार्दिक की जोड़ी !

पाटीदार समुदाय को ‘धोखा’ दे रही राहुल-हार्दिक की जोड़ी !

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गुजरात चुनाव में पाटीदारों का आरक्षण बड़ा मुद्दा माना जा रहा है, लेकिन 10 नवंबर को हार्दिक पटेल की प्रेस कान्फ्रेंस से साफ हो गया कि उनका उद्देश्य भाजपा को हराना है न कि आरक्षण! दूसरी ओर कांग्रेस पाटीदारों को अपने पाले में लाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है और हार्दिक पटेल से डील तय कर चुकी है। बीते दिनों गुजरात कांग्रेस के सीनियर नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष मोहन सिंह राठवा ने भी साफ किया था कि पटेलों को एक प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने की हैसियत किसी की नहीं है। …तो क्या हार्दिक और राहुल गांधी पाटीदारों को धोखा दे रहे हैं?

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आरक्षण का वादा नहीं कर रही कांग्रेस
पिछले दो दशक से पटेल भाजपा के परंपरागत वोटर रहे हैं, यही कारण है कि कांग्रेस सबसे ज्यादा पाटीदारों पर डोरे डाल रही है। कांग्रेस पर्दे के पीछे  से पूरा जोर लगा रही है कि किसी तरह हार्दिक पटेल इस चुनाव में खुलकर समर्थन कर दें, लेकिन इस जोड़तोड़ में पाटीदारों की आरक्षण की मांग पीछे छूट चुकी है। 9 नवंबर को जब कपिल सिब्बल पाटीदार नेताओं से मिले तो वहां भी उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि कांग्रेस पार्टी पाटीदारों को कैसे आरक्षण देगी, लेकिन यह साफ कर दिया कि ओबीसी कोटे में आरक्षण नहीं देगी। साफ है कि कांग्रेस पार्टी स्पष्ट रूप से कोई वादा नहीं कर रही है। हालांकि कपिल सिब्बल ने ईबीसी कोटे के तहत निर्धारित 50 प्रतिशत से ऊपर आरक्षण की व्यवस्था का वादा किया, लेकिन यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत संभव नहीं है। 

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अगर-मगर में उलझाने की कोशिश
अब सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस पाटीदारों को झूठे सब्जबाग दिखा रही है? क्या हार्दिक पटेल आरक्षण के नाम पर कांग्रेस से सौदेबाजी कर रहे हैं और दोनों पाटीदारों को धोखा दे रहे हैं? ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि हार्दिक पटेल बार-बार कांग्रेस को लेकर अपना स्टैंड बदल रहे हैं। पहले उन्होंने कांग्रेस को 3 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया था फिर अचानक ही आरक्षण पर स्टैंड क्लियर करने की डेडलाइन बढ़ाकर 7 नवंबर कर दी, लेकिन कांग्रेस ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया। अब फिर से बातचीत की नौटंकी की जा रही है।

हार्दिक को आरक्षण पर चकमा देने की कोशिश
हार्दिक पटेल आरक्षण की मांग को लेकर इतना बवाल मचा चुके हैं कि अगर बिना ठोस आश्वसान के वो कांग्रेस से हाथ मिलाते हैं तो इसे पाटीदारों से धोखा माना जाएगा। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के सामने मजबूरी है कि वो पचास प्रतिशत से अधिक आरक्षण की बात नहीं कर सकती। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आरक्षण के 50 प्रतिशत कोटे की सीमा से आगे बढ़ने के राजस्थान सरकार के कदम पर रोक लगाई है। जाहिर है कि गुजरात के पटेलों को पचास प्रतिशत के कोटे से अधिक आरक्षण देने की हैसियत कांग्रेस की नहीं है।

Image result for राहुल हार्दिककांग्रेस ने की पाटीदार नेताओं की बेइज्जती
स्पष्ट है कि ओबीसी कोटे में पाटीदार आएंगे नहीं और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत पचास प्रतिशत की सीमा पार की नहीं जा सकती है। दूसरी ओर 17 नवंबर को पाटीदारों को आरक्षण देने के प्रस्तावित फॉर्म्यूले को लेकर पाटीदार समिति और कांग्रेस के बीच दिल्ली में हुई अहम बैठक का परिणाम कुछ निकला ही नहीं। उल्टे कांग्रेस ने पाटीदार नेताओं को कोई भाव ही नहीं दिया। गौरतलब है कि अहमद पटेल ने तो पाटीदार नेताओं के प्रतिनिधि दिनेश बमभानिया से मिलने तक से इनकार कर दिया। दिनेश बमभानिया ने कहा, ”कांग्रेस ने हमें मिलने के लिए बुलाया लेकिन पूरे दिन हमें मिलने का वक्त नहीं दिया, कांग्रेस ने हमारी बेइज्जती की है।”  जाहिर है कांग्रेस तो सरदार पटेल से लेकर अब तक पाटीदारों की बेइज्जती ही करती रही है, लेकिन हार्दिक पटेल अपने निजी हित के लिए पाटीदारों के सम्मान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

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टिकट बंटवारे में भी कांग्रेस का धोखा
हार्दिक की हरकतें जहां पाटीदारों के सम्मान को ठेस पहुंचा रही है, वहीं कांग्रेस टिकट बंटवारे में भी इस समुदाय को धोखा दे रही है। पटेल नेताओं ने 30-35 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए जाने की मांग की थी, लेकिन कांग्रेस इतनी सीटें देने को तैयार नहीं है। जाहिर है कांग्रेस अपनी KHAM (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम) राजनीति में पाटीदारों को एंट्री नहीं देना चाहती और उसे काबू में रखना चाहती है। नतीजा यह रहा कि हार्दिक के प्रतिनिधियों ने फिर एक अल्टीमेटम जारी कर दिया। तीन नवंबर, सात नवंबर और 17 नवंबर का अल्टीमेटम फेल हुआ तो अब एक और अल्टीमेटम… सवाल यह कि अल्टीमेटम का नाटक क्यों?

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कांग्रेस की हाथ का खिलौना बन गए हार्दिक
सवाल इस बात को लेकर भी है कि आखिर जब कांग्रेस पटेलों के आरक्षण को लेकर कुछ ठोस नहीं बोल पा रही है और इतनी कन्फ्यूज है तो हार्दिक पटेल कांग्रेस के पैरों पर क्यों गिरते चले जा रहे हैं? दरअसल हार्दिक पटेल ने पाटीदार समुदाय को बीच भंवर में छोड़ने का काम किया है। वे इस सच्चाई को लोगों को बता पाने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं कि कांग्रेस ने एक तरह से पाटीदारों को आरक्षण देने से मना कर दिया है। यूं कह सकते हैं कि कांग्रेस ने पाटीदार समुदाय को एक तरह से सिरे से नकार दिया है, क्योंकि वह अपनी राजनीति के आधार में पटेलों को एडिशनल वैल्यू मानकर चल रही है। दरअसल अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं और वह पाटीदारों के आरक्षण के विरुद्ध हैं, लेकिन कांग्रेस सब कुछ ठीक-ठाक बता रही है ताकि पाटीदारों को भ्रम में रख सके।Image result for राहुल हार्दिक

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