Home समाचार राहुल गांधी में नहीं है दम, नीतीश को अध्यक्ष बनाए कांग्रेस- रामचंद्र...

राहुल गांधी में नहीं है दम, नीतीश को अध्यक्ष बनाए कांग्रेस- रामचंद्र गुहा

SHARE

राहुल गांधी पर जोरदार हमला बोलते हुए इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा है कि कांग्रेस बिना नेता की पार्टी है और नीतीश कुमार बिना पार्टी के नेता है। अगर कांग्रेस को पार्टी बचानी है तो नीतीश कुमार को अपना अध्यक्ष बना दे। रामचंद्र गुहा ने साफ कहा कि, ‘बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया जाना चाहिए। कांग्रेस बगैर नेता वाली पार्टी है और नीतीश बगैर पार्टी वाले नेता।’ गुहा ने अपनी किताब ‘इंडिया ऑफ्टर गांधी’ की 10वीं वर्षगांठ पर यह बात कही।

एबीपी न्यूज में छपी खबर के अनुसार जीवनी लेखक गुहा ने कहा कि लगातार पतन की ओर जा रही कांग्रेस को नेतृत्व में बदलाव से ही उबारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि उन पर परिवार का कोई बोझ नहीं है। वह सांप्रदायिक नहीं हैं, ये बातें भारतीय नेताओं में विरले ही देखी जाती हैं। गुहा ने यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष जब तक नीतीश को यह पद नहीं सौंपतीं, तब तक भारतीय राजनीति में उनका या सोनिया गांधी का कोई भविष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि 131 साल पुरानी कांग्रेस अब कोई बड़ी राजनीतिक ताकत नहीं बन सकती। हालांकि अपनी इस सुझाव को फंतासी करार देते हुए उन्होंने कहा कि अगर नीतीश दोस्ताना तरीके से कांग्रेस पार्टी का कार्यभार संभालते हैं तो यह जन्नत में बनी जोड़ी की तरह होगी। उन्होंने कहा कि नीतीश एक वाजिब नेता हैं।

कांग्रेस को नेतृत्व विहीन पार्टी बताने वाले गुहा इससे पहले भी राहुल गांधी पर तीखे तंज कस चुके हैं। एमसीडी चुनावों के बाद गुहा ने राहुल पर तंज कसते हुए कहा था कि अजय माकन और दिग्विजिय सिंह जैसे नेता पद से हटाए जा रहे हैं लेकिन राहुल गांधी बने हुए हैं। जनसत्ता की एक रिपोर्ट के मुताबिक गुहा ने कहा था कि राहुल गांधी को राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए, शादी करके परिवार बसाना चाहिए। यही उनके लिए अच्‍छा होगा, यही भारत के लिए अच्‍छा होगा।

सत्ता की गलियारों में भी इस बात पर अक्सर होती रहती है कि राजनीति को लेकर राहुल सीरियस नहीं हैं और जरूरत के समय देश से बाहर चले जाते हैं। कुछ दिनों के लिए सक्रिय रहना और फिर विपासना या फिर न्यू ईयर की छुट्टी पर चले जाना ये राहुल की राजनीति का स्टाइल रहा है। दरअसल उनकी कार्यशैली ऐसी रही कि उन्हें एक वक्त के बाद ‘पार्ट टाइम’ पॉलिटिक्स करने वाला नेता करार दिया जाने लगा। आइए डालते हैं राहुल गांधी की छुट्टियों पर एक नजर –

  • दिसंबर 2016 में जब कांग्रेस पार्टी नोटबंदी को लेकर विरोध कार्यक्रमों की धार तेज कर रही थी, राहुल ठीक उसी वक्त विदेश चले गए। उनकी गैरमौजूदगी ने विरोध की धार को कुंद कर दिया।
  • बीते वर्ष देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव का माहौल था। उसी समय राहुल गांधी अपनी खाट सभाओं को छोड़कर नए साल की छुट्टियां मनाने लंदन थे।
  • 2015 में भी बिहार चुनाव के ठीक पहले राहुल गांधी फ्रांस थे।
  • राहुल की सबसे चर्चित छुट्टी फरवरी 2015 की थी। वह अचानक देश से बाहर चले गए और जब 57 दिनों बाद दिल्ली लौटे तो पता चला कि वह बैंकाक, म्यामांर घूमने गए थे। उन्होंने ध्यान करना भी सीखा।
  • राहुल गांधी नवंबर 2014 में अचानक गायब हो गए थे। सवाल संसद तक में उठा तो कांग्रेस को बचाव में उतरना पड़ा था।
  • राहुल गांधी 2014 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले गुप्त स्थान पर छुट्टियां मनाने चले गए थे। इसी बीच एक खुली जीप पर घूमते राहुल की फोटो सामने आई थी और बताया गया था कि यह रणथंभौर के नेशनल पार्क की है।
  • उत्तराखंड बाढ़ के समय जून 2013 में भी राहुल गांधी विदेश में छुट्टी मना रहे थे। उस वक्त उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी।
  • साल 2012 में हद तब हो गई थी जब वे नए साल की छुट्टियां मनाने फ्रांस चले गए थे जिसमें एक फोटो में वो एक युवती के साथ दिखाई दिए थे।

Leave a Reply