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जीएसटी से किसानों की बल्ले-बल्ले, अर्थ व्यवस्था को मिल रही एक नई रफ्तार

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जीएसटी लागू हुए अभी एक महीना से कुछ ही ज्यादा हुआ है लेकिन इसके कई फायदे दिखने लगे हैं। वन इंडिया वन टैक्स से देश की अर्थव्यवस्था को एक नयी रफ्तार मिली है। ‘टैक्स ऑन टैक्स’ के मकड़जाल से मुक्ति मिल गई है। जीएसटी के कारण गरीब की जरूरत की चीजों के दाम कम हुए हैं। अनाज की खरीद बढ़ने से देश के किसान खुशहाल हो रहे हैं।

अनाज की अधिक खरीद
जीएसटी से अनाजों की खरीद पर टैक्स में काफी कमी आयी है और सभी राज्यों में अब टैक्स एक जैसा हो गया है। इसके कारण एफसीआई और अन्य एजेंसियों को अनाज खरीद में अलग-अलग राज्यों में लगने वाले करों के जंजाल से मुक्ति मिली है। पहले एजेंसियां अनाज खरीद के लिए करों के आधार पर राज्यों में आती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं है। उदाहरण के लिए पंजाब में गेहूं की पैदावार ज्यादा होती थी, लेकिन व्यापारी उत्तर प्रदेश से गेहूं खरीदता था क्योंकि पंजाब में टैक्स ज्यादा था, लेकिन जीएसटी में अब ऐसा नहीं है। ऐसे में किसानों से अनाज की खरीद बढ़ी है।

ज्यादा बचत-ज्यादा फायदा
जीएसटी से टैक्स में भारी कमी आयी है। पहले एफसीआई हर साल लगभग 50-55 मिलियन टन अनाज खरीदने पर 10,000 करोड़ रुपये टैक्स देता था, लेकिन अब उसे जीएसटी से सालाना 7,000 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस पैसे का इस्तेमाल वो किसानों से अधिक माल खरीदने में कर रहे हैं।

फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के बहुरेंगे दिन
प्राइवेट फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लोग पहले अनाज की खरीद पर ज्यादा टैक्स होने से पंजाब जैसे राज्यों से अनाज खरीदने से कतराते थे, इसलिए इस उद्योग का विकास नहीं हो पा रहा था। किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए सही खरीददार नहीं मिलता था, लेकिन अब सब बदल चुका है। अब किसानों को उनके फल-फूल और अनाज को पहले से बेहतर दाम मिलने लगे हैं।

सामान खराब नहीं होने से फायदा बढ़ा
टोल नाकों के खत्म होने से ट्रकों को देश में एक शहर से दूसरे शहर जाने में अब कम समय लगता है। पहले चेन्नई से कोलकत्ता पहुंचने में करीब 65 घंटे लगते थे, अब 10 से 12 घंटे कम समय लगते हैं। ट्रकों की आवाजाही बढ़ी है और ट्रकों की गति बढ़ने से प्रदूषण कम हुआ है। सामान तेजी से पहुंचने के कारण खराब भी कम हो रहे हैं। ऐसे में बिक्री बढ़ी है और इसका फायदा किसानों को मिल रहा है। अर्थव्यवस्था पर भी इसका एक सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

जीएसटी लागू होने से किसानों की तो बल्ले-बल्ले है ही… टैक्स चोरी रुकने से आम लोगों को भी फायदा हो रहा है। अर्थ व्यवस्था को एक नई रफ्तार मिल रही है। विश्व अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है। जीएसटी से नौकरियों के साथ निवेश भी बढ़ने की उम्मीद है। आइए जानते है जीएसटी के कुछ और फायदों के बारे में-

जीएसटी के बाद बढ़े टैक्सपेयर्स
जीएसटी में नए रजिस्ट्रेशनों की संख्या 10 लाख का आंकड़ा पार कर गई है। जीएसटी का लागू करते समय टैक्स बेस बढ़ाने का जो वादा किया गया था, वो पूरा होता दिख रहा है। यदि टैक्स बेस बढ़ता है तो सरकार टैक्स घटाने पर भी विचार कर सकती है।

जीएसटी में टैक्स चोरी मुश्किल
जीएसटी के कारण कारोबार करना आसान हो गया है। डिस्ट्रीब्यूटर से लेकर रिटेलर तक माल सप्लाई और बिक्री की सारी जानकारी नेटवर्क पर दर्ज होने से टैक्समैन को कारोबार ट्रैक करने में आसानी होगी। साथ ही तय संख्या से ज्यादा या कम रिटर्न भरने, टैक्स चुकाने में देरी करने या गड़बड़ी करने पर सिस्टम अलर्ट कर देगा। इससे टैक्स चोरी मुश्किल होगी।

छोटे व्यापारियों को फायदा
जीएसटी में 20 लाख सालाना व्यापार करने वाले छोटे व्यापारियों को बाहर रखा गया है। ऐसे में छोटे व्यापारियों को काफी फायदा मिल रहा है। लोग आसानी से बिजनेस कर रहे हैं और कोई दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

नौकरियों की बहार
जीएसटी को भारतीय अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के लिए अच्छा बताया जा रहा है लेकिन इसका सबसे ज्यादा पॉजिटिव असर जॉब मार्केट पर देखने को मिल रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग संगठित क्षेत्र में आ जाएंगे। अगर 1 फीसदी लोग भी असंगठित क्षेत्र से संगठित क्षेत्र में जाते हैं तो 40 लाख और नौकरियां आएंगी। जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में ई-कॉमर्स, रिटेलिंग, मैन्युफैक्चरिंग, सर्विसेज, लॉजिस्टिक्स, सप्लाई चेन, बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर में बहुत सी नौकरियां आएंगी।

ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक नई जान
जीएसटी ने ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक नई जान डाल दी है। इसके लागू होने के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर में बिक्री बढ़ी है। ऑटोमोबाइल सेक्टर की इस बिक्री का सबसे अधिक फायदा पा‌र्ट्स बनाने वाले उद्योगों को मिला है। इस सेक्टर में नौकरियां की बहार आ गई है।

जरूरी चीजों के दाम हुए कम
जीएसटी के कारण गरीब की जरूरत की चीजों के दाम कम हुए हैं। घरेलू बजट का बोझ कम हो गया है। जीएसटी के प्रभाव में आने के बाद दुपहिया वाहन से लेकर पेंट और सीमेंट, मूवी टिकट, बिजली के सामान जैसे- पंखे, बल्ब, वाटर हीटर, एयर कूलर, रोजमर्रा की जरूरत के सामान, रेडीमेड कपड़े सस्ते हो गए हैं। वहीं इंटरटेनमेंट टैक्स के जीएसटी में समाहित हो जाने के बाद मूवी देखना भी सस्ता हो गया है।

लबालब सरकारी खजाना
जीएसटी की सबसे बड़ी खासियत इसकी ऑनलाइन व्यवस्था है… यानी पारदर्शी तरीके से टैक्सों का भुगतान। इससे टैक्स कलेक्शन का दायरा बढ़ेगा और सरकारी खजाने में आमदनी बढ़ेगी। इससे देश में विकास के कार्य और तेजी से रफ्तार भरेंगे।

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