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जीएसटी पर सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार की कोशिश में विपक्ष

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एक देश, एक टैक्स… वस्तुओं और सेवाओं के लिए एक ही टैक्स जीएसटी को पूरे देश में सराहा जा रहा है। एक आम नागरिक से लेकर व्यापारी तक देश के सवा सौ करोड़ लोगों को इस जीएसटी का पूरा फायदा मिल रहा है। यह एक स्वप्न का हकीकत में बदलने जैसा है। इस स्वप्न को हकीकत में बदलने की इच्छाशक्ति और साहस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिखाई है। कांग्रेस और यूपीए के लिए जो जीएसटी असंभव लगता था। उसे संभव कर दिखाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। मोदी सरकार की यह कामयाबी विपक्षी पार्टियों से हजम नहीं हो पा रही है। इसके लिए वे लोगों में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक करके विपक्ष के भ्रामक प्रचार को नाकाम कर दिया है। जीएसटी पर विपक्षी पार्टियों की ओर से जो भ्रम फैलाए जा रहे हैं, उससे साफ है कि वे जीएसटी की सफलता से बेचैन हैं।

खाद की जीएसटी पर
मोदी सरकार ने खाद पर लगने वाले जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया है। जीएसटी लागू होने से पहले कई राज्यों में खाद पर 6 प्रतिशत तक टैक्स वसूला जाता था। दाम में एकरुपता लाने के लिए इस पर एक समान जीएसटी 5 प्रतिशत कर दिया गया। इससे देश भर में खाद की कीमतों में कमी आई है, लेकिन विपक्ष हल्ला मचाने लगा कि 5 प्रतिशत जीएसटी भी क्यों लगाया जा रहा है। अब आप समझ सकते हैं कि करीब साठ साल सत्ता में रहने वाली कांग्रेस खुद तो टैक्स दर में कमी नहीं कर पाई और अब जब कम हो गई है तो हो-हल्ला मचा रही है।

महिलाओं की सैनेटरी पैड पर
महिलाओं के लिए जरूरी सैनेटरी पैड पर पहले 13.68 प्रतिशत टैक्स लगता था, जिसे घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया है। लेकिन विपक्षी पार्टियों ने विरोध का नया सुर निकाल इसे शून्य करने की मांग कर दी। लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि जिस यूपीए सरकार की मुखिया एक महिला थी उनको यह बात क्यों नहीं समझ में आयी। वैसे भी पैड्स पर सारे टैक्स खत्म कर भी देने पर महिलाओं को कोई लाभ नहीं होगा। इसका फायदा पैड बनाने वाली Energizer, Procter & Gamble, Unicharm, Johnson & Johnson जैसी विदेशी कंपनियों को होगा। साफ है… यह सारा हो-हल्ला विदेशी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए हो रहा है।

छोटे व्यापारी और जीएसटी
जीएसटी से छोटे व्यापारियों को अधिक फायदा हो रहा है, क्योंकि 20 लाख रुपए तक के कारोबार पर जीएसटी का कोई झंझट नही है। इसके साथ ही अगर आपका कारोबार 75 लाख रुपए तक का है तो 5 प्रतिशत की एक समान दर से जीएसटी लागू होती है। हिसाब-किताब करने के लिए सरकार ने जीएसटी नेटवर्क पर सभी सुविधाएं उपलब्ध करा दी हैं। लेकिन कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी का कहना है कि जीएसटी से छोटे व्यापारियों का धंधा बंद हो जाएगा। वैसे कांग्रेस को यह पता होना चाहिए कि सभी व्यापारी जीएसटी को समझने और अपनाने में लगे हुए हैं और अभी तक किसी का कारोबार बंद नहीं हुआ है।

घर खरीदने पर जीएसटी
सभी के घर के सपने को ध्यान में रखते हुए सरकार ने बन रहे घरों पर 12 प्रतिशत का जीएसटी लगाया है। बिना जाने-समझे विपक्षी पार्टियों ने यह हवा उड़ाने की कोशिश की कि 12 प्रतिशत जीएसटी तो बहुत अधिक है, इससे लोगों के मकान का सपना पूरा नहीं हो सकेगा। वास्तविकता यह है कि 12 प्रतिशत जीएसटी मकान खरीदने वालों को नहीं देना पड़ेगा। टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि मकानों की कीमतों में अव्वल तो कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी और अगर कहीं होती भी है, तो वह 1-2 प्रतिशत के दायरे में ही होगी।

सोने पर जीएसटी 
सोने के खरीदने और बेचने पर 3 प्रतिशत का जीएसटी लगाया गया है और इसकी कारीगरी पर 5 प्रतिशत की जीएसटी है। इसमें एक सबसे अहम बात यह कि यदि कोई महिला अपने पुराने गहनों को बेचती है तो उस पर 3 प्रतिशत की कोई जीएसटी नहीं लगेगी, जैसा कि विपक्ष भावनाओं को भड़काने के लिए हल्ला मचा रहा है।

साफ है कि विपक्ष अनर्गल तर्कों के आधार पर दुष्प्रचार करने में लगा है। जबकि जीएसटी का लागू होना एक ऐतिहासिक कदम है और इसका फायदा मिलना शुरू हो गया है।

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