मोदी सरकार ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2.50 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है। इसमें से एक्साइज ड्यूटी में 1.50 रुपये की कटौती केंद्र सरकार ने, जबकि 1 रुपये की कटौती तेल कंपनियों ने की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा इस कटौती की घोषणा के तत्काल बाद भाजपा शासित गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, झारखंड, असम और उत्तर प्रदेश ने भी पेट्रोल-डीजल पर 2.50 रुपये प्रति लीटर वैट कम करने का ऐलान कर दिया है। यानि इन राज्यों में पेट्रोल और डीजल पांच रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया है। वित्त मंत्री जेटली ने बताया कि एक्साइज ड्यूटी में यह कटौती अगर पूरे साल बनी रहती है तो इससे 21 हजार करोड़ रुपये का असर सरकारी खजाने पर होगा।
Finance Minister has announced Rs.2.5 cuts in petrol&diesel prices, reciprocating positively to FM’s announcement, Govt Of Gujarat has also decided to reduce Rs.2.50 on both petrol&diesel. Thus petrol&diesel will be Rs. 5 cheaper in State of Gujarat, tweets Gujarat CM (file pic) pic.twitter.com/gPTA4QuJiO
— ANI (@ANI) 4 October 2018
Thank you Hon PM @narendramodi ji and Union Minister @arunjaitley ji for reducing ₹2.50/litre on both Diesel and Petrol. This will give huge relief to common citizens.
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) 4 October 2018
पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार द्वारा प्रति लीटर 2.5 रुपए की कमी करने के लिए प्रधानमंत्री श्री @narendramodi और केंद्रीय वित्त मंत्री @arunjaitley जी का धन्यवाद। मध्यप्रदेश सरकार ने भी 2.5 रुपए वैट कम किया है, जिससे उपभोक्ताओं को प्रति लीटर 5 रुपए की राहत मिलेगी।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) 4 October 2018
Jharkhand Government has decided to give an additional relief of ₹2.5/litre on diesel in the state: Raghubar Das, Jharkhand Chief Minister. (File pic) pic.twitter.com/CZGY0clUJl
— ANI (@ANI) 4 October 2018
मोदी सरकार का साथ हमेशा आम लोगों के साथ रहा है। बीते चार वर्षों में हर कदम पर प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने आम लोगों के हितों का ध्यान रखा है। 2014 की तुलना में आज महंगाई काफी कम हो चुकी है। रोजमर्रा की जरूरत का सामान पहले की तुलना में काफी सस्ता हो चुका है। इसी प्रकार मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों को लेकर भी हमेशा लचीला रुख अपनाया है। यह जगजाहिर है कि पेट्रोल और डीजल के दाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल के दामों पर निर्भर करते हैं। इसके बावजूद मोदी सरकार ने समय-समय पर इनके दामों को नियंत्रण में रखने के लिए कदम उठाए हैं।
वहीं इसके उलट पूर्ववर्ती यूपी सरकार के दौरान पेट्रोल के दाम कई गुना बढ़ गए हैं। डालते हैं एक नजर
यूपीए की सरकार के दौरान ढाई गुना बढ़े थे पेट्रोल के दाम, जानिए सच
पेट्रोल के दाम को लेकर कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी दल हायतौबा मचा रहे है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि मोदी सरकार के चार वर्षों के कार्यकाल में पेट्रोल के दाम आसमान पर पहुंच गए है, लेकिन कांग्रेस और यूपीए सरकार के दौरान उसके सहयोगी रहे राजनीतिक दलों को शायद अपना कार्यकाल याद नहीं है। आपको बता दें कि यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल के दाम करीब ढाई गुना बढ़ गए थे।
यूपीए सरकार से पहले 29 रुपये प्रति लीटर था पेट्रोल
कांग्रेस पार्टी की अगुवाई में 2004 में जब यूपीए-1 की सरकार बनी थी, उससे पहले 2003 में देश में पेट्रोल के दाम सिर्फ 29 रुपये प्रति लीटर थे। यूपीए की सरकार बनने के बाद ही पेट्रोल के दाम बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ जो कभी थमा नहीं। 2004 से लेकर 2014 तक दस वर्षों तक देश में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में यूपीए की सरकार रही, लेकिन अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह भी पेट्रोल की कीमतों पर लगाम नहीं लगा सके। इन दस वर्षों में पेट्रोल के दाम 29 रुपये से 73 रुपये प्रतिलीटर पहुंच गए। यानी यूपीए के कार्यकाल में पेट्रोल के दामों में करीब 150 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। यदि औसत देखा जाए तो पेट्रोल की कीमत में प्रतिवर्ष करीब 4.4 रुपये प्रतिलीटर का इजाफा हुआ। 2013 के सितंबर महीने तो पेट्रोल की कीम 76 रुपये प्रति लीटर के पार भी पहुंच गई थी।
यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल में लगी थी आग | |
वर्ष | पेट्रोल के दाम प्रति लीटर (रुपये में) |
2003 | 29 |
2004 | 33 |
2006 | 47 |
2010 | 51 |
2012 | 65 |
2013 (सितंबर) | 76.06 |
2014 (अप्रैल) | 73 |
प्रति वर्ष 4.4 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी |
मोदी सरकार के 4 साल में कम हुए पेट्रोल के दाम
आपने यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान पेट्रोल के दामों में बेतहाशा वृद्धि तो देख ली। अब आपको बताते हैं मोदी सरकार के चार वर्ष में यूपी की राजधानी लखनऊ में पेट्रोल के कीमतों में कितनी वृद्ध हुई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब देश की बागडोर संभाली थी उससे पहले 16 अप्रैल, 2014 को लखनऊ में पेट्रोल की कीमत 78.72 रुपये प्रति लीटर थी और आज 4 साल बाद लखनऊ में पेट्रोल के दाम 78.22 रुपये प्रति लीटर हैं। यानी चार वर्षों में पेट्रोल 50 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है।
मोदी सरकार के 4 वर्ष में बहुत कम बढ़े पेट्रोल के दाम | |
वर्ष | पेट्रोल के दाम प्रति लीटर (रुपये में) |
2014 | 78.72 |
2018 | 78.22 |
तो देखा आपने किस तरह कांग्रेस और दूसरी पार्टियां पेट्रोल के दामों को लेकर झूठ बोल रही हैं और यूपीए सरकार के दौरान के आंकड़ों को छिपा रही हैं। जबकि सच्चाई यह है कि मोदी सरकार पेट्रोल के दामों को स्थिर रखने में कामयाब रही है, अगर इन चार वर्षों में भी यूपीए सरकार की तरह पेट्रोल के दाम बढ़ाए जाते तो आज पेट्रोल की कीमत कहां होती इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।
अब सरकार के हाथ में नहीं पेट्रोल-डीजल के दाम
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में प्रतिदिन बदलाव होता है। इसी को मद्देनजर रखते हुए मोदी सरकार ने पिछले वर्ष पेट्रोल और डीजल के दामों के निर्धारण में सरकारी नियंत्रण को खत्म कर दिया था। नई व्यवस्था के तहत पेट्रोलियम कंपनियां प्रतिदिन पेट्रोल और डीजल के दामों में उतार-चढ़ाव करती है। यानि एक तरह से अब देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है और यह पूरी तरह से पेट्रोलियम कंपनियों की तरफ से निर्धारित किया जाता है।