Home नरेंद्र मोदी विशेष उपहार में ‘बुके नहीं बुक’ की परंपरा शुरू हो – पीएम मोदी

उपहार में ‘बुके नहीं बुक’ की परंपरा शुरू हो – पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पढ़ने से बढ़ा कोई आनंद नहीं और ज्ञान से बड़ी कोई ताकत नहीं होती… साथ ही उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम बुके की जगह बुक गिफ्ट में दे। 

साक्षरता के मामलें में केरल देश के लिए मिसाल


पीएम मोदी ने कहा कि देश में 100 फीसदी साक्षर शहर और जिले केरल से ही है और यही नही प्राथमिक शिक्षा में भी केरल ने 100 फीसदी साक्षरता प्राप्त की है। देश के सबसे पुराने स्कूल, कालेज और लाइब्रेरी भी केरल में मौजूद है।

जनभागीदारी के बिना लक्ष्य पाना असंभव


पीएम ने कहा कि साक्षरता का सौ फीसदी स्तर तब तक नहीं पाया जा सकता जब तक नागरिक और सामाजिक संगठन सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर ना चले और इसका जीता जागता उदाहरण केरल है, जहां पनिकर और उनकी फाउंडेशन के अथक प्रयासों ने केरल में लाइब्रेरी का एक जाल बिछाया और लोगों में पढ़ने की आदत का विकास किया।

पढ़ाई और ज्ञान समाज से बुराई को मिटाता है

पीएम ने संबोधन में कहा कि पढ़ना और ज्ञान का संबंध सिर्फ काम-काज तक ही सीमित नहीं होना चाहिए। इसके जरिये सामाजिक जिम्मेदारी, देश और मानवता की सेवा की आदतों के विकास में मदद करनी चाहिए। यह समाज और राष्ट्र में बुराइयों का इलाज करने का कारगर तरीका साबित हो सकता है। और पढ़ने से इंसान की सोच का दायरा भी बढ़ता है।

प्रधानमंत्री ने लोगों से अपील की वो लोगों को उपहार में बुके देने की जगह बुक देने की आदत डाले। इससे ज्ञान और लोगों में पढ़ने की आदत का विकास होगा। ये बातें प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार 17 जून को केरल में पीएन पानिकर फाउंडेशन के Reading Month Celebration कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान कही।

 

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