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अच्छे दिन: मोदी राज में पिछले 25 साल में सबसे कम महंगाई और सबसे ज्यादा जीडीपी ग्रोथ

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की जीडीपी ग्रोथ पिछले 25 साल में सबसे ज्यादा और महंगाई दर सबसे कम है। अगर अर्थव्यवस्था के विकास को देखा जाए तो 1991-92 से 1995-96 के बीच पीवी नरसिंहराव सरकार के दौरान जीडीपी ग्रोथ 5.1 और महंगाई दर 10.2 प्रतिशत थी। 1996-97 से 1997-98 के दौरान एचडी देवगौड़ा और आईके गुजराल सरकार के दौरान जीडीपी ग्रोथ 5.8 और महंगाई दर 8.1 प्रतिशत थी। जबकि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान 1998-99 से 2003-04 के दौरान जीडीपी ग्रोथ 5.9 और महंगाई दर 5.4 प्रतिशत थी। मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री बनने के बाद यूपीए-1 के 2004-05 से 2008-09 के दौरान जीडीपी ग्रोथ 6.9 और महंगाई दर 5.7 प्रतिशत और यूपीए-2 के 2009-10 से 2013-14 के दौरान जीडीपी ग्रोथ 6.7 और महंगाई दर 10.21 प्रतिशत थी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के कार्यभार संभालने के बाद 2014-15 से 2018-19 के दौरान जीडीपी ग्रोथ सबसे ज्यादा 7.3 और महंगाई दर सबसे कम 4.6 प्रतिशत है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था के लिए हर तरफ से अच्छी खबर आ रही है। आइये हम जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था कितनी मजबूत है।

मोदी सरकार ने 2018 में जुटाये रिकॉर्ड 77,417 करोड़ रुपये
मोदी सरकार ने 2018 में सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री करके रिकॉर्ड 77,417 करोड़ रुपये जुटाये हैं। चालू वित्त वर्ष के लिये ने सरकार ने विनिवेश से 80,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। 2018 में हुए बड़े विनिवेश सौदों में ओएनजीसी द्वारा एचपीसीएल का अधिग्रहण, सीपीएसई ईटीएफ, भारत-22 ईटीएफ और कोल इंडिया की हिस्सेदारी बिक्री समेत छह आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) समेत अन्य शामिल हैं। विनिवेश में यह तेजी एयर इंडिया के निजीकरण के साथ 2019 में भी जारी रहने की उम्मीद है।

सिर्फ साढ़े चार साल में जुटाई यूपीए से दोगुनी से ज्यादा राशि
पिछले साढ़े चार साल में सरकार ने विनिवेश के जरिए रिकॉर्ड राशि जुटाई है। विनिवेश के मामले में भी मोदी सरकार ने यूपीए सरकार को पीछे छोड़ दिया है। अपने साढ़े 4 साल के कार्यकाल में एनडीए ने 2,09,896.11 करोड़ रुपए जुटाए जो यूपीए-1 और यूपीए-2 की कुल राशि से करीब दोगुनी ज्यादा है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार मजबूत हो रही अर्थव्यवस्था के कारण सरकार ने पहली बार विनिवेश के जरिये एक बड़ी रकम जुटाई है। 

मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 5 साल में सबसे ज्यादा
देश में दिसंबर, 2017 में भी मैन्युफैक्चरिंग ऐक्टिविटीज में तेजी का रुख रहा। नये ऑर्डरों और उत्पादन में तेज बढ़ोतरी के दम पर देश के विनिर्माण क्षेत्र ने दिसंबर में तेज उड़ान भरी और इसका निक्कई पीएमआई सूचकांक नवंबर के 52.6 से बढ़कर 54.7 पर पहुँच गया। दिसंबर में उत्पादन वृद्धि की रफ्तार पांच साल में सबसे तेज रही जबकि नये ऑर्डरों में अक्टूबर 2016 के बाद की सबसे तेज बढ़ोतरी दर्ज की गयी। कंपनियों ने नये रोजगार भी दिये और रोजगार वृद्धि दर अगस्त 2012 के बाद के उच्चतम स्तर पर रही।

कोर सेक्टर में दर्ज की गई 6.8 प्रतिशत की रफ्तार
आठ कोर सेक्टरों में नवंबर 2017 के महीने में वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत दर्ज की गई है। यह एक साल में सबसे ऊपरी स्तर पर है। रिफाइनरी, इस्पात और सीमेंट जैसे क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन की वजह से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर बढ़ी है। एक साल पहले इसी माह में इन उद्योगों की उत्पादन वृद्धि 3.2 प्रतिशत थी। कोर सेक्टरों की वृद्धि दर अक्तूबर, 2016 के बाद सबसे अधिक है। रिफाइनरी, इस्पात तथा सीमेंट जैसे क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अच्छी रही। इस बार नवंबर में रिफाइनरी उत्पाद की 8.2 प्रतिशत, इस्पात की 16.6 प्रतिशत और सीमेंट क्षेत्र की वृद्धि दर सालाना आधार पर 17.3 प्रतिशत रही। कोर सेक्टरों में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट तथा बिजली उत्पादन को रखा गया है।

बेहतर हुआ कारोबारी माहौल
पीएम मोदी ने सत्ता संभालते ही विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गति तेज की और देश में बेहतर कारोबारी माहौल बनाने की दिशा में भी काम करना शुरू किया। इसी प्रयास के अंतर्गत ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ नीति देश में कारोबार को गति देने के लिए एक बड़ी पहल है। इसके तहत बड़े, छोटे, मझोले और सूक्ष्म सुधारों सहित कुल 7,000 उपाय (सुधार) किए गए हैं। सबसे खास यह है कि केंद्र और राज्य सहकारी संघवाद की संकल्पना को साकार रूप दिया गया है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भारत 142वें स्थान से 77 वें स्थान पर पहुंच गया है।

पारदर्शी नीतियां, परिवर्तनकारी परिणाम
कोयला ब्लॉक और दूरसंचार स्पेक्ट्रम की सफल नीलामी प्रक्रिया अपनाई गई। इस प्रक्रिया से कोयला खदानों (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 2015 के तहत 82 कोयला ब्लॉकों के पारदर्शी आवंटन के तहत 3.94 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आय हुई।

जीएसटी ने बदली दुनिया की सोच
जीएसटी, बैंक्रप्सी कोड, ऑनलाइन ईएसआइसी और ईपीएफओ पंजीकरण जैसे कदमों कारोबारी माहौल को और भी बेहतर किया है। खास तौर पर ‘वन नेशन, वन टैक्स’ यानि GST ने सभी आशंकाओं को खारिज कर दिया है। व्यापारियों और उपभोक्ताओं को दर्जनों करों के मकड़जाल से मुक्त कर एक कर के दायरे में लाया गया।

देश की अर्थव्यवस्था पर आर्थिक विशेषज्ञों व रेटिंग एजेंसियों की टिप्पणियां –

सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा भारत
विश्व बैंक ने कहा है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। विश्व बैंक की ‘ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स’ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 2018-19 में 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा। इसके साथ ही अगले कुछ वर्षों में इसके 7.5 प्रतिशत पर बने रहने का पूवार्नुमान जारी किया गया है। रिपोर्ट में सरकार द्वारा किये गये ढांचागत सुधारों की सराहना करते हुए कहा गया है कि उनके परिणाम अब सामने आने लगे हैं।

उम्मीद से अधिक 7.5 प्रतिशत से ऊपर रहेगी अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट: नीति आयोग
मोदी सरकार की नीतियों के चलते देश की इकोनॉमी वृद्धि कर रही है। नीति आयोग का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 7.5 प्रतिशत से ऊपर रह सकती है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का मानना है कि देश की अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में कम से कम 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी और यह 7.8 प्रतिशत के स्तर को छू सकती है। उन्होंने कहा कि यह आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की ओर से लगाए गये अनुमान से ज्यादा रहने वाली है।

फिच ने आर्थिक ग्रोथ का अनुमान 7.4 प्रतिशत तक बढ़ाया
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था लगातार सुधर रही है और मजबूत हो रही है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने मौजूदा वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही फिच ने 2019-20 के लिए वृद्धि दर का पूर्वानुमान 7.5 प्रतिशत तय किया है। फिच ने अपने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में कहा, ‘हमने 2018-19 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर मार्च के 7.3 प्रतिशत के पूर्वानुमान से संशोधित कर 7.4 प्रतिशत कर दी है।’ भारतीय अर्थव्यवस्था 2017-18 में 6.7 प्रतिशत और जनवरी-मार्च तिमाही में 7.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।

अगले 5 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा भारतः फिच
फिच ने इसके पहले कहा था कि भारत विकास के मामले में अगले 5 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा। फिच के अनुसार भारत अगले 5 वर्षों में चीन को पीछे छोड़ देगा। इसके साथ ही भारत सबसे तेजी से विकास करने वाला देश भी बन जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक भारत फिच रेटिंग ग्लोबल इकॉनोमिक आउटलुक में शामिल 10 सबसे बड़े उभरते बाजारों की सूची में शीर्ष पर है। फिच ने बताया कि अगले 5 सालों में चीन की जीडीपी जहां 5.5 प्रतिशत रहेगी वहीं भारत की जीडीपी विकास दर 6.7 रहेगी। फिच ने बताया कि पूरी दुनिया में इस समय सबसे ज्यादा युवा जनसंख्या भारत में है। युवा आबादी के ही चलते भारत अगले 5 सालों में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगी।

7 प्रतिशत से ज्यादा रहेगी ग्रोथ: सीआईआई
भारतीय उद्योग जगत के दिग्गज सीईओ को लेकर किए गए सीआईआई के सर्वे के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष में इकनॉमिक ग्रोथ 7 प्रतिशत से ज्यादा रह सकती है। सर्वेक्षण में शामिल इन सीईओ का कहना है कि इससे घरेलू बाजार में निवेश को खासा बढ़ावा मिल सकता है। सीआईआई के अध्यक्ष राकेश भारती मित्तल ने कहा कि उद्योग जगत को अगले दो साल जीडीपी ग्रोथ 8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। उनका कहना है कि सरकारी खजाने से होनेवाले खर्च के मोर्चे पर समझदारी दिखाने, मैक्रो इकनॉमिक मैनेजमेंट और स्ट्रॉन्ग रिफॉर्म्स प्रोसेस से ग्रोथ की ठोस बुनियाद बनी है। पुणे में सीआईआई की हालिया बैठक में 80 से ज्यादा सीनियर कॉरपोरेट लीडर्स की मौजूदगी में यह सर्वे हुआ। सर्वे में शामिल 82% कॉरपारेट दिग्गजों का मानना है कि 2018-19 में जीडीपी ग्रोथ 7% से ज्यादा रह सकती है। लगभग 10% कॉरपोरेट लीडर्स ने इकनॉमिक ग्रोथ 7.5% से ज्यादा रहने का अनुमान जताया है।

7.5 प्रतिशत की दर के बढ़ेगी जीडीपी- क्रिसिल
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत तक रह सकती है। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के अनुसार विकास की गति जारी रहेगी और वित्त वर्ष 2019 में ग्रोथ को 7.5 प्रतिशत तक ले जाएगी। इसमें कहा गया कि ग्रोथ को निवेश के सहारे के साथ खपत में बढ़ोतरी का साथ मिलेगा।

आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान- केयर रेटिंग्स
उद्योग एवं कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 7.5 प्रतिशत रह सकती है। रेटिंग एजेंसी केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘हम 2018-19 में जीडीपी में 7.5 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं।’ जीडीपी वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत थी।

7.6 प्रतिशत रहेगी ग्रोथ रेट: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बनी रहेगी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार भारत की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट चीन से ज्यादा मजबूत रहेगी और मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहेगी। यूएन वर्ल्ड इकनॉमिक सिचुएशन एंड प्रॉसपेक्ट्स (डब्ल्यूईएसपी) की रिपोर्ट के अनुसार 2017-18 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.5 प्रतिशत और 2018-19 में 7.6 प्रतिशत रहने की संभावना है।

भारत अगले दशक की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था- हार्वर्ड
हार्वर्ड विश्वविद्यालय ने कहा है कि भारत अगले 10 साल दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शीर्ष पर बना रहेगा। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय विकास केंद्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान भारत की आर्थिक वृद्धि दर सालाना 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इस लिहाज से भारत की वृद्धि दर चीन और अमेरिका से अधिक रहेगी। हार्वर्ड की रिपोर्ट ने 2026 में चीन की वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत और अमेरिका की वृद्धि दर तीन प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पिछले कुछ सालों में जो सुधार हुए उससे अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने की संभावना पैदा हो रही है।

दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा- हार्वर्ड
इसके पहले की भारत की अर्थव्यवस्था की गति और इसकी मजबूती पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में माना गया है कि भारत चीन से आगे बढ़कर वैश्विक विकास के आर्थिक स्तंभ के रूप में उभरा है और आने वाले दशक में वो नेतृत्व जारी रखेगा। सेंटर फॉर इंटरनेशल डेवलपमेंट (CID) ने 2025 तक सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्थाओं की लिस्ट में भारत को सबसे ऊपर रखा है। CID के अनुमान के अनुसार भारत 2025 तक सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं की सूची में सबसे ऊपर है। CID के रिसर्च से ये निकलकर आया है कि वैश्विक आर्थिक विकास की धुरी अब भारत है। चीन की तुलना में दुनिया का भारत पर भरोसा बढ़ा है, जो आने वाले एक दशक से अधिक समय तक कायम रह सकता है।

7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी जीडीपी
देश की अर्थव्यवस्था के लिए हर तरफ से अच्छी खबर आ रही है। मौजूदा वित्त वर्ष 2018-19 में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी डॉयचे बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि, ‘वित्त वर्ष 2018-19 के लिए हमारा आर्थिक वृद्धि दर अनुमान 7.5 प्रतिशत का है, जो कि बीते वित्त वर्ष 2017-18 के 6.6 प्रतिशत की ग्रोथ के मुकाबले जीडीपी की संभावनाओं में और सुधार करेगा।’

BRICS देशों में भारत की आर्थिक विकास दर सर्वाधिक: केपीएमजी
पेशेवर सेवा प्रदाता कंपनी केपीएमजी ने कहा है कि ब्रिक्स देशों में भारत सर्वाधिक आर्थिक विकास दर वाला देश है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। केपीएमजी इंडिया के चेयरमैन व सीईओ अरुण एम. कुमार ने कहा कि भारत आज टिकाऊ विकास की ओर अग्रसर है।

7.3 प्रतिशत की रफ्तार से दौड़ेगी अर्थव्यवस्था: एडीबी
एशियाई विकास बैंक ने भारत की आर्थिक वृद्धि दर मौजूदा वित्त वर्ष 2018-19 में 7.3 प्रतिशत जबकि अगले वित्त वर्ष 2019-20 में 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। बैंक का अनुमान है कि जीएसटी के कारण उत्पादन में वृद्धि और बैंकिंग के क्षेत्र में सुधार के कारण निवेश से आर्थिक विकास दर को गति मिलेगी। रेटिंग एजेंसी फिच का भी यही अनुमान है। वैसे भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार माजूदा वित्त वर्ष में आर्थिक विकास की दर 7.4 प्रतिशत रहने की संभावना है।

सबसे तेज अर्थव्यवस्था वाला देश होगा भारत: मॉर्गन स्टेनली
भारत अगले 10 वर्षों में दुनिया में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो जाएगा। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि डिजिटलीकरण, वैश्वीकरण और सुधारों के चलते आने वाले दशक में भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी। मॉर्गन स्टेनली ने कहा है कि डिजिटलीकरण से जीडीपी वृद्धि को 0.5 से 0.75 प्रतिशत की बढ़त मिलेगी और अनुमान है कि 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था 6,000 अरब डॉलर की हो जाएगी। मॉर्गन स्टेनली के अनुसार आने वाले दशक में भारत की सालाना जीडीपी वृद्धि दर 7.1 से 11.2 के बीच रहेगी।

7.5 की विकास दर हासिल करेगा भारत: मूडीज
अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग संस्था मूडीज के इंवेस्टर सर्विस सर्वे में पता चला है कि भारत की विकास दर अगले 12 से 18 महीने के दौरान 6.5 से 7.5 प्रतिशत के दायरे में रहेगी। सर्वेक्षण में 200 से ज्यादा मार्केट पार्टिसिपेंट्स ने भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि संभावना को लेकर विश्वास व्यक्त किया। सर्वे में शामिल सभी लोगों का मानना था कि जीएसटी के लागू होने से 12 से 18 माह में आर्थिक वृद्धि बढ़ेगी। मूडीज को विश्वास है कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार अगले 3-4 साल में बढ़कर 8 प्रतिशत के आसपास पहुंच जाएगी। मूडीज के सहायक प्रबंध निदेशक मैरी डिरोन का कहना है कि भारत में चल रहे आर्थिक और संस्थागत सुधारों और आने वाले समय में होने वाले बदलावों को देखते हुए नोटबंदी से पैदा हुई अल्पकालिक अड़चन के बावजूद अगले कुछ महीनों के दौरान भारत उसके जैसे दूसरे देशों के मुकाबले अधिक तेजी से वृद्धि करेगा।

अर्थव्यवस्था में आगे बढ़ रहा भारत- अलीसा एयर्स
एक अमेरिकी टॉप थिंक-टैंक काउंसिल में भारत, पाकिस्तान और साउथ एशिया मामलों की वरिष्ठ सदस्य अलीसा एयर्स ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था उसे व्यापक वैश्विक महत्व और देश की सैन्य क्षमताओं के विस्तार तथा आधुनिकीकरण के लिये ऊर्जा दे रही है। अलीसा के अनुसार, ‘भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को बेहतर वैश्विक उछाल दिया है। इसकी मदद से भारत अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार और आधुनिकीकरण कर रहा है।’ फोर्ब्स में छपे आर्टिकल में अलीसा कहती हैं, ‘पिछले वर्षों में भारत दुनिया भर में विदेशी और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक नीतियों के संदर्भ में एक बड़ा कारक बनकर उभरा है और अब वैश्विक मंच पर अब भारत ज्यादा मुखर दिखाई दे रहा है। दरअसल भारत खुद को एक ‘प्रमुख शक्ति’ के रूप में देख रहा है।’

‘सपनों’ के साथ आगे बढ़ रहा भारत
मध्य पूर्व और अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के विश्लेषक फ्रिट्ज लॉज ने ‘द सिफर ब्रीफ’ में एक लेख में भी भारत की प्रशंसा की है और पीएम मोदी के नेतृत्व की सराहना की है। फ्रिट्ज लॉज ने लिखा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी भारत को आर्थिक, सैन्य, भू-राजनीतिक शक्ति से योग्य बनाने के अपने सपने के साथ आगे बढ़ रहे हैं।’

भारत बना विदेशी कंपनियों के लिए पसंदीदा जगह- चीन
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि भारत विदेशी कंपनियों के लिए खूब आकर्षण बन रहा है। अखबार ने एक लेख में कहा है कि कम लागत में उत्पादन धीरे-धीरे चीन से हट रहा है। अखबार ने लिखा है कि भारत सरकार ने देश के बाजार के एकीकरण के लिए जीएसटी लागू किया है। यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने वाला है। इस नई टैक्स व्यवस्था से मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि इसमें राज्य और केंद्र के विभिन्न करों को मिला दिया गया है। लेख में कहा गया है कि आजादी के बाद के सबसे बड़े आर्थिक सुधार जीएसटी से फॉक्सकॉन जैसी बड़ी कंपनी भारत में निवेश करने के अपने वादे के साथ आगे बढ़ेंगी।

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