Home नरेंद्र मोदी विशेष प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों के कारण निवेश का पसंदीदा डेस्टिनेशन बना भारत

प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों के कारण निवेश का पसंदीदा डेस्टिनेशन बना भारत

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों की वजह से भारत विदेशी निवेशकों के लिए पसंदीदा डेस्टिनेशन बनता जा रहा है। अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, जर्मनी, मारिशस, सिंगापुर, फ्रांस समेत तमाम देशों की कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं। भारत में अमेरिकी राजदूत केनेथ जस्टर ने कहा है कि भारत में निवेश और बिजनेस का अच्छा माहौल है, ऐसे में चीन में अपना कारोबार समेटने वाली कंपनियों के लिए भारत निवेश का केंद्र बन सकता है। आज भारत में निवेश और व्यापार का जैसा माहौल है, वैसा पहले कभी नहीं था। प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार ने लगातार नीतियों में परविर्तन कर देश में निवेश लायक माहौल बनाया है।

मनमोहन राज की तुलना में बढ़ा निवेश
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने दस वर्षों तक देश पर राज किया, लेकिन देश में निवेश के लायक वातावरण तैयार नहीं कर पाए। आंकड़ों पर नजर डाले 2004 से 2014 तक दस वर्षों के यूपीए सरकार के कार्यकाल में देश में कुल 3,04,046 मिलियन डॉलर का विदेशी निवेश हुआ। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में साढ़े तीन वर्षों में ही 1,94,538 मिलियन डॉलर का विदेशी निवेश हो चुका है। जिस हिसाब से मोदी राज में विदेशी कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं, उससे साफ जाहिर हो रहा है कि पांच वर्षों में विदेशी निवेश मनमोहन सरकार के दस वर्षों में हुए कुल विदेशी निवेश के ज्यादा हो जाएगा। कांग्रेस के दस सालों के शासन के दौरान, जिसमें देश के प्रधानमंत्री अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह थे, भी ऐसा पूंजी निवेश नहीं करवा सके जो प्रधानमंत्री मोदी के साढ़े तीन साल के शासन के दौरान करवा दिया।

मनमोहन के 10 वर्ष के कार्यकाल में FDI (मिलियन डॉलर में)
2004-05 6,051
2005-06 8,961
2006-07 22,826
2007-08 34,843
2008-09 41,873
2009-10 37,745
2010-11 34,847
2011-12 46,556
2012-13 34,298
2013-14 36,046
कुल 3,04,046

 

       मोदी राज में विदेशी निवेश (मिलियन डॉलर में)
2014-15 45,148
2015-16 55,559
2016-17 60,082
2017-18 (सितंबर-17 तक) 33,749
कुल 1,94,538

 

मनमोहन के पांच वर्षों पर भारी मोदी के साढ़े तीन साल
आकंड़े गवाही दे रहे हैं कि किस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में विदेशी निवेश बढ़ता जा रहा है। मनमोहन सिंह ने अपने दूसरे कार्यकाल यानी यूपीए-2 में नहीं कर पाया वो पीएम मोदी ने साढ़े तीन वर्षों में कर के दिखा दिया है। यूपीए-2 में पांच वर्षों में कुल 1,89,492 मिलियन डॉलर का निवेश हुआ था, वहीं मोदी सरकार के साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल में ही 1,94,538 मिलियन डॉलर के विदेशी निवेश हो चुका है। 

मनमोहन राज के 5 साल में FDI 189.49 अरब डॉलर
पीएम मोदी के 3.5 साल में FDI 194.53 अरब डॉलर

 

आंकड़ों से साफ जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में देश तरक्की की राह पर है और विदेशी निवेश भी लगातार बढ़ रहा है। इन्वेस्ट इन इंडिया, मेक इन इंडिया जैसी तमाम नीतियां हैं, जिनकी वजह से विदेशी कंपनियां भारत की ओर आकर्षित हो रही है। 

मोदी सरकार में विदेशी निवेश क्यों बढ़ा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आर्थिक व्यवस्था के ढांचे को मजबूत करने के लिए जिन ऐतिहासिक और साहसिक कदमों को उठाया है, उसी का यह परिणाम है कि विदेशी निवेशकों को भी भारत निवेश के लिए आकर्षक लगने लगा है। कोई भी विदेशी निवेशक अपनी पूंजी को उन्हीं देशों में लगाते हैं, जहां स्थायित्व के साथ-साथ उद्योगों को स्थापित करने के नियमों में सरलता और पारदर्शिता होती है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नोटबंदी और जीएसटी को लागू करने से देश की आर्थिक व्यवस्था अधिक पारदर्शी और फार्मलाइज हुई है।

आर्थिक सुधारों से देश की अर्थव्यवस्था में आये बदलावों पर विश्व के अनेक संस्थानों ने भी अपनी मुहर भी लगा दी है। बॉण्ड-क्रेडिट रेटिंग एजेंसी- मूडीज ने पिछले 14 सालों में पहली बार भारत की विश्व रैंकिंग में परिवर्तन किया, एजेंसी ने स्टेबल आउटलुक देते हुए भारत की रेटिंग बीएए3 से बढ़ाकर बीएए2 कर दिया है। इसके अतिरिक्त, भारत ने ईज ऑफ डूइं‍ग बिजनेस के मामले में एक लंबी छलांग लगाई है। साल 2017 में इस छलांग के साथ भारत 100वें पायदान पर पहुंच गया जहां साल 2014 में भारत ईज ऑफ डू‍इंग बिजनेस के मामले में 142वें नंबर पर रहा था।

निवेश से ‘सबका साथ, सबका विकास’

प्रधानमंत्री मोदी ने 2022 तक देश में सभी गरीबों को ऐसा घर देने का वायदा किया है, जो बिजली, पानी, और सड़क की मूलभूत सुविधाओं से युक्त होगा। इसके साथ ही किसानों की आय को दोगुना करने का वायदा किया है। किसानों और गरीबों के साथ साथ देश के युवाओं के हाथ में रोजगार देने का भी संकल्प लिया है। देश की 125 करोड़ आबादी के विकास के लिए जिस धन के निवेश की आवश्यक्ता होगी, वह पूंजी देश में उपलब्ध नहीं है, इसके लिए अन्य देशों से पूंजी को निवेश करा कर, धन की जरूरत को पूरा करने की जरूरत है। प्रधानमंत्री मोदी देश में धन की इस बड़े पैमाने पर जरूरत को सत्ता संभालने के पहले दिन ही समझ चुके थे, इसलिए उन्होंने उन आर्थिक सुधारों पर बल दिया जिससे विदेशी निवेश को बड़े पैमाने पर लाया जा सके।

प्रधानमंत्री मोदी के आर्थिक सुधार

प्रधानमंत्री मोदी ने साढ़े सालों में देश में कई ऐतिहासिक आर्थिक सुधार किए-
नोटबंदी से ‘क्लीन मनी’ अभियान को बढ़ाया
• जीएसटी से देश का आर्थिक एकीकरण किया
• डिजिटलाइजेशन से आर्थिक प्रणाली को पारदर्शी बनाया
• व्यापार संतुलन बनाया
• भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की नीतियां लागू की
• विदेशी कर्ज को घटाया
• विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाया
• तीन सालों में हुए 7000 छोटे और सूक्ष्म नियमों में सुधार किया

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में सबका विकास के संकल्प को पूरा करने के लिए, धन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए जिन आर्थिक सुधारों को लागू किया, उसका ही परिणाम है कि देश में ऐतिहासिक विदेशी पूंजी का निवेश हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक सुधारों ने देश को विकास के जिस मार्ग पर ला दिया है, उस पर देश के ही नहीं, विश्व के निवेशकों का भी भारत में विश्वास बढ़ा है। भारत में बढ़ता यह विश्वास, प्रधानमंत्री मोदी की इस देश के प्रति की गई सच्ची सेवा है, जो पिछले इतने सालों में इस देश की कोई सरकार नहीं कर सकी।

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