Home समाचार न्यू इंडिया में ‘एवरी पर्सन इज इंपोर्टेंट’ – प्रधानमंत्री

न्यू इंडिया में ‘एवरी पर्सन इज इंपोर्टेंट’ – प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 31वीं बार मन की बात को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि देश में सवा सौ करोड़ देशवासियों के महात्म्य को स्वीकार करते हुए ‘लालबत्ती कल्चर’ को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकारी निर्णय से लाल बत्ती का जाना तो एक व्यवस्था का हिस्सा है, लेकिन मन और दिमाग से ‘लालबत्ती कल्चर’ को निकालना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि 5 मई को भारत दक्षिण-एशिया सैटेलाइट लॉन्च करेगा जो दक्षिण-एशिया के साथ सहयोग बढ़ाने में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का कार्यक्रम सबका साथ सबका विकास महज देश के भीतर ही नहीं बल्कि ये वैश्विक परिवेश में लागू है। उन्होंने एक मई को गुजरात और महाराष्ट्र राज्य की स्थापना दिवस की शुभकामना दी।

‘दिमाग से भी लाल बत्ती जानी चाहिए’
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों में वीआईपी कल्चर से नाराजगी है, इसका अनुभव इसे हटाने के बाद हुआ है। उन्होंने मध्य प्रदेश की शिवा चौबे के फोन कॉल का जिक्र करते हुए कहा कि आम लोग वीआइपी कल्चर से घृणा करते हैं, इसलिए लोग इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि बत्ती गाड़ी पर लगती थी लेकिन मन में घुस जाती थी। दिमाग में जो बत्ती घुसी उससे निकलने में थोड़ा वक्त लगता है। पीएम मोदी ने कहा कि मन से भी इसे हटाना है और इसे हम सबको मिलकर करना है। पीएम मोदी ने कहा कि यह भी सफाई अभियान का हिस्सा भी है। उन्होने कहा कि इंडिया का मतलब ईपीआई है। इसका अर्थ है एवरी पर्शन इज इम्पोर्टेंट, यानी सभी देशवासियों का महत्व है।

5 मई को दक्षिण एशिया सेटेलाइट होगा लॉन्च
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब हम सबका साथ-सबका विकास कहते हैं, तो यह बात सिर्फ भारत ही नहीं वैश्विक परिवेश भी लागू होती है। इसी कंसेप्ट के आधार पर 5 मई को भारत दक्षिण-एशिया सैटेलाइट लॉन्च करेगा। दक्षिण-एशिया के साथ सहयोग बढ़ाने के लिये यह भारत का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पड़ोसी देशों को भी फायदा होगा

 

सामूहिकता में शक्ति है, संस्कार है-पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि सवा सौ करोड़ लोगों की सामाजिक एकता और संगठन में शक्ति के भाव को जगाने के उद्देश्य से इस वर्ष संत रामानुजाचार्य की 1000वीं जयंती मनाई जा रही है। भारत सरकार उनके सम्मान में एक डाक टिकट भी जारी करेगी। उन्होंने संत रामानुजाचार्य को याद करते हुए कहा कि हमें उस समय के समाज के बारे में सोचना चाहिए। रामानुजाचार्य जी ने समाज की बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। उन्होंने अपने आचरण द्वारा लोगों में अपनी जगह बनाई। तब अछूत कहे जाने वालों को गले लगाया और मंदिर प्रवेश के लिए आंदोलन किए।

 

श्रम ही ईश्वर है- पीएम मोदी
एक मई को श्रमिक दिवस के रूप में मनाए जाने को लेकर पीएम मोदी ने भगवान बसवेश्वर के द्वारा कही गई ”काय कवे कैलाश” का जिक्र किया और इसका अर्थ समझाते हुए कहा कि आप आपने परिश्रम से ही भगवान शिव की प्राप्ति कर सकते हैं। यानी श्रम ही शिव है अर्थात कर्म ही पूजा है। उन्होंने कहा कि श्रम से स्वर्ग को प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के कल्याण के लिए डॉ. बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के योगदान भुलाया नहीं जा सकता है। श्री मोदी ने कहा कि मजदूर दिवस के मौके पर बीएमएस के दत्तोपंत जी ठेंगड़ी को भी याद करना जरूरी है। एक तरफ माओवाद कहता था दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ। ठेंगड़ी जी कहते थे कि मजदूरों, आओ दुनिया को एक करें। उन्होंने कहा कि उनके विचार वर्तमान में भी प्रासंगिक हैं। 

 

 

कंफर्ट जोन से निकलें युवा-पीएम मोदी
पीएम ने नौजवानों को लेकर कहा कि कई लोग आराम की जिंदगी जीने के आदि हो जाते हैं । कंफर्ट जोन में जीना ठीक है, लेकिन मेहनत जरूरी है। श्री मोदी ने छुट्टियों का उपयोग करने की सलाह देते हुए कहा कि नया अनुभव करें, जिसके बारे में न सुना है, न जानते हैं, नई जगहों पर जाएं। पीएम ने कहा कि जो भी जानने की इच्छा है उसके बारे में कुछ करें। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि अपने भीतर के मानवीय गुणों को मरने न दें। उन्होंने कहा कि छुट्टियों में कुछ नया करें, अपना स्किल बढ़ाएं। पीएम मोदी ने कहा कि जीवन में कुछ बनने का सपना अच्छी बात है, लेकिन अपने भीतर के इंसान को कुंठित न होने दें। तकनीक सीखें, संगीत सीखें, अन्य भाषाएं सीखें।

 

युवाओं से पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने युवाओं के लिए अच्छा प्रयास किया है और युवाओं ने भी डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि अगर आप लोगों को डिजिटल योजना से जोड़ेंगे तो ये कमाई का जरिया भी हो सकता है। इसके लिए आप जितने भीम ऐप डाउनलोड करवाएंगे आपको हर डाउनलोड पर 10 रुपये मिलेंगे।

 

‘पशु-पक्षियों को पानी दें’
पीएम ने कहा, एक समय था जब क्लाइमेट चेंज सिर्फ अकैडमिक कार्यक्रम होता था। लेकिन अब समय बदल गया है। इस बार लोगों ने गर्मियों में उन्हें क्या करना चाहिए इस पर अपने सुझाव दिए हैं। कई लोगों ने पक्षियों की चिंता करते हुए छत पर उनके लिए पानी रखने की बात कही। बच्चे इस काम को बखूबी करते हैं, लेकिन उन्हें इसका मतलब पता होना चाहिए। पीएम ने देशवासियों से कहा कि पशु पक्षियों के साथ लगाव अलग अनुभव कराया। कुछ दिनों पहले गुजरात के एक व्यक्ति ने गौरैया की कम हो रही संख्या पर अपनी चिंता व्यक्त की।

 

बुद्ध के विचार आज भी प्रासंगिक
पीएम मोदी ने कहा कि भारत युद्ध से बुद्ध की ओर जाने के लिए ज्ञान देने की भूमि है। उन्होंने सम्राट अशोक का उदाहरण देते हुए कहा कि आज जिन समस्याओं से जूझ रहा तो बुद्ध के विचार प्रासंगिक लगते हैं।  श्री मोदी ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर यूएन द्वारा कार्यक्रम मनाया जाता है। इस साल यह कार्यक्रम श्रीलंका में होगा। जिसमें मुझे बुद्ध के जीवन को और करीब से जानने का मौका मिलेगा।

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