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कर्मचारियों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, EPFO ने बढ़ाईं ब्याज दरें, 8.65 प्रतिशत हुई

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के किसानों के साथ-साथ संगठित और असंगठित क्षेत्र के कामगारों को लेकर काफी फिक्रमंद दिखाई दे रहे हैं। यही वजह है कि वह उनके हित में एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं। इसी कड़ी में मोदी सरकार ने भविष्य निधि पर ब्याज दर बढ़ाकर कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने भविष्य निधि (EPF) पर ब्याज दर बढ़ाकर 8.65 प्रतिशत करने की घोषणा की है। तीन साल में पहली बार ईपीएफ पर ब्याज बढ़ाया गया है।

6 करोड़ से अधिक अंशधारकों को होगा फायदा

श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भविष्य निधि जमा पर 8.65 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज देने का निर्णय किया है। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह ब्याज दर 8.55 प्रतिशत वार्षिक थी। गंगवार ने कहा कि इस फैसले से EPFO के 6 करोड़ से अधिक अंशधारकों को फायदा मिलेगा।

मोदी सरकार ने हमेशा कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि रखा है, एक नजर डालते हैं बीते साढ़े चार वर्षों में कर्मचारियों की बेहतरी के लिए उठाए गए कदमों पर-असंगठित क्षेत्र के कामगारों को 3,000 रुपये की मासिक पेंशन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरिम बजट में असंगठित क्षेत्र के कामगारों को प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (PMSYM) योजना के रूप में एक बड़ा तोहफा दिया था। 15 फरवरी,2019 से इस योजना की शुरूआत हो चुकी है। इस योजना का लाभ लेने के लिए देशभर के 3.13 लाख कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है। इसके तहत 60 साल की उम्र के बाद हर कामगार को 3,000 रुपए महीने पेंशन दी जाएगी। इस योजना का लाभ असंगठित क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों को मिलेगा। जिनकी न्यूनतम मासिक आय 15 हजार रुपए या उससे कम तथा आयु सीमा 18-40 वर्ष के बीच है। कर मुक्त ग्रेच्युटी सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर हुई 20 लाख

मोदी सरकार ने अंतरिम बजट-2019 में कर्मचारियों को एक और तोहफा दिया। बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा (Gratuity) 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का ऐलान किया। हालांकि इससे संबंधित विधेयक ‘ग्रेच्युटी का भुगतान (संशोधन) अधिनियम, 2018’ को 29 मार्च 2018 से लागू कर दिया गया था। इसके साथ ही मोदी सरकार निजी क्षेत्र में ग्रेच्युटी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 5 साल से घटाकर 3 साल करने पर विचार कर रही है। यानि अगर किसी कर्मचारी ने किसी कंपनी में 3 साल तक नौकरी कर ली है तो उसे ग्रेच्युटी मिलेगी। श्रम मंत्रालय ग्रेच्युटी की गणना करने के तरीकों में भी बदलाव करने पर विचार कर रही है। इसके तहत ग्रेच्युटी की गणना 30 दिन की सैलरी पर की जा सकती है। वर्तमान समय में निजी क्षेत्र में कर्मचारी की 15 दिन की सैलरी पर ग्रेच्युटी की गणना की जाती है।NPS में 14% योगदान देगी मोदी सरकार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में सरकार का योगदान 10 प्रतिशत से बढ़ाकर मूल वेतन का 14 प्रतिशत कर दिया है। जबकि एनपीएस में कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत पर बना रहेगा। इसके साथ ही कर्मचारियों को 10 प्रतिशत तक व्यक्तिगत योगदान पर आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत कर योग्य आय से छूट भी मिल जाएगी। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी कर्मचारियों को कुल कोष में से 60 प्रतिशत अंतरित करने को मंजूरी दी गई जो फिलहाल 40 प्रतिशत है। इस कदम से 36 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ होगा।

मोदीराज में देश के कामगारों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा हुई मजबूत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साढ़े चार सालों में देश के करोड़ों कामगारों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए कई नीतिगत फैसले लिए हैं। ये फैसले ऐसे हैं, जिन्हें कांग्रेस की सरकारों ने दशकों से लटकाये रखा था। इन फैसलों से कामगारों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मजबूत हुई है। देश के संगठित और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के अधिकारों को प्रधानमंत्री मोदी ने सुनिश्चित किया। देश में, आजादी के बाद से कांग्रेस की सरकारों के दौरान कामगारों के अधिकार सिर्फ और सिर्फ फाइलों में ही बंद होकर रह गये थे। बीते चार सालों में प्रधानमंत्री मोदी ने कामगारों को उपक्रमों से अधिकार दिलवाने के लिए कानूनी उलझनों को खत्म कर दिया।

कामगारों को अधिकार मिलना सुनिश्चित किया

कामगारों के स्वास्थ्य, पेंशन, भत्ते, सुरक्षा आदि से संबंधित अधिकारों को सुनिश्चित कराना सरकार के लिए सरल हो चुका है। देश के 5.85 करोड़ उपक्रमों को मात्र 5 रजिस्टरों में सारी जानकारी वेबपोर्टल-श्रम सुविधा पोर्टल- के माध्यम से देनी होती है। सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाना पूरी तरह से बंद हो गया है, साथ ही इंस्पेक्टर राज भी बंद हो चुका

असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा

प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साढ़े चार सालों में देश के 47 करोड़ असंगठित क्षेत्र के कामगारों के जीवन को सम्मानजनक और सुविधापूर्ण बनाने के लिए असंगठित श्रमिक सूचकांक संख्या (UWIN) कार्ड दे रही है। सभी कामगारों की UWIN को आधार संख्या से जोड़ कर बैंक खातों से जोड़ा जा रहा है।  खातों के जरिए, सरकार असंगठित क्षेत्र के कामगारों को पेंशन, बीमा, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के लिए दी जा रही आर्थिक सहायता को सीधे खातों में दे रही है। प्रधानमंत्री मोदी डीबीटी के जरिए, कामगारों को न केवल आर्थिक सहायता दे रहे हैं बल्कि हजारों करोड़ रुपये से अधिक के धन का दुरुपयोग होने से बचाया है।संगठित क्षेत्र में गरीब कामगारों के लिए बेहतर अवसर बनाया

प्रधानमंत्री मोदी, एक तरफ असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए सम्मानजनक जीवन की परिस्थितियां बना रहे हैं तो दूसरी तरफ संगठित क्षेत्र के 8 प्रतिशत कामगारों के अधिकारों को सुनिश्चित करने और समाजिक सुरक्षा को उन्नत करने का काम किया है। संगठित क्षेत्र के सभी श्रमिकों को सीधे खाते में वेतन को दिए जाने को सुनिश्चिचत करने के लिए 50 लाख से अधिक जन धन खाते खोले गये। Employees’ Provident Fund में एक करोड़ नये श्रमिकों का खाता खोला जा चुका है। संगठित क्षेत्र के गरीब कामगारों को स्वास्थ्य की अच्छी सुविधा देने के लिए ESIC की सुविधा को उन्नत करने के साथ साथ सदस्यों की संख्या बढ़ायी जा रही है। ESIC में एक करोड़ से अधिक सदस्यों को जोड़ दिया गया है।पेंशनधारियों के लिए पेंशन मिलना सरल किया

प्रधानमंत्री मोदी कामगारों की छोटी से छोटी समस्याओं के प्रति बेहद संवेदनशील हैं तभी सरकार कामगारों के जीवन को सरल और खुशहाल बनाने के लिए कई फैसले लिए। पेंशनधारियों के लिए हर साल बैंकों में जाकर सत्यापन कराने की समस्या को पूरी तरह से खत्म कर दिया, अब डिजिटल सत्यापन के माध्यम से घर बैठे ही कोई बुजुर्ग अपना भत्ता पा सकता है। अब तक 1.94 करोड़ से भी अधिक पेंशनधारियों को यह सुविधा मिल चुकी है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं से सभी कामगारों को तेजी से लाभ मिल रहा है।जाहिर है प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साढ़े चार सालों में संगठित और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के जीवन को सरल और सशक्त बनाने के लिए योजनाओं को जितनी तेज गति से लागू किया है वह अपने आपमें एक मिसाल है।

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