कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से प्रधानमंत्री मोदी और उनके फॉलोअर्स के खिलाफ एक आपत्तिजनक पोस्ट को शेयर किया है। उन्होंने पोस्ट में समर्थकों को ‘भक्त’ कहकर पुकारा गया है और उनके खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया।
Not mine but couldn’t help posting it. My apologies to the person concerned. He is the best in the “Art of Fooling!” pic.twitter.com/6BGz3lFtcf
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 8, 2017
दिग्विजय ने पीएम मोदी के बारे में लिखा है कि 1. भक्तों को चू… बनाया और 2. चू… को भक्त बनाया। कांग्रेस नेता ने इससे ना सिर्फ प्रधानमंत्री बल्कि देश के करोड़ों लोगों को गाली दी है। यह देश के करोड़ों मतदाताओं और प्रधानमंत्री मोदी के समर्थकों को गाली है।
This the level of a General Secretary of a National Party… He was Chief Minister of a state…. Cheap
— Yogesh Mandhani (@yogeshmandhani) September 8, 2017
— Sameer Singh (@Sameer_Singh_SS) September 8, 2017
इनके ट्वीट पे कोई सवाल या विवाद नहीं होगा. क्योंकि इनको @narendramodi फ़ॉलो नहीं करते?? pic.twitter.com/LCQ6UFzz4K
— Rohit Sardana (@sardanarohit) September 8, 2017
When an elected representative tweet something with word ‘chutiya’ in it, tells a lot about his character, leadership and vision.
— Miss Aarya (@whsitleblower) September 8, 2017
इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर एक पोस्ट में दावा किया कि पत्रकार रवीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘गुंडा’ कहा। बाद में माफी मांगते हुए उन्होंने नया ट्वीट कर लिखा कि, ‘रवीश ने प्रधानमंत्री के प्रति कोई अपशब्द का उपयोग नहीं किया… यूट्यूब पर जो रवीश का भाषण था, वह मैंने ट्वीट किया था… रवीश जी क्षमा करें…’
रवीश ने प्रधान मंत्री के प्रति कोई अपशब्द का उपयोग नहीं किया यूट्यूब पर जो रवीश का भाषण था वह मैंने ट्वीट किया था। रवीश जी क्षमा करें।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 8, 2017
दिग्विजय सिंह राज्यसभा सांसद और कांग्रेस पार्टी के महासचिव हैं। वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। दिग्विजय सिंह ने इसके पहले 13 जून, 2012 को गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को राक्षसराज रावण बताया था। वह पार्टी की एक महिला नेता को टंच माल जैसे आपत्तिजनक शब्द से भी संबोधित कर चुके हैं। ऐसा पहली बार नहीं है कि कांग्रेसी नेता लोकतंत्र की मर्यादा को तार-तार करने में जुटे हैं। कांग्रेसी नेता उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं जिसकी शुरुआत सोनिया गांधी ने की थी। आज हम ऐसे ही कांग्रेसी नेताओं के कारनामे आपको बताते हैं
जब सोनिया ने मोदी को कहा था-‘मौत का सौदागर’
कौन भूल सकता है सोनिया गांधी का वो बयान, जिसने वास्तव में गुजरात की जनता को झकझोर कर रख दिया था। तब सोनिया ने गुजरात के तत्कालीन और बेहद लोकप्रिय मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मौत का सौदागर’ बताया था। 31 मई, 2007 को नवसारी में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा था- “गुजरात की सरकार चलाने वाले झूठे, बेईमान, मौत के सौदागर हैं।“ बहस छिड़ गयी थी कि मौत का सौदागर कौन?- वो, जिसने भूकंप से त्राहि-त्राहि कर रहे गुजरात को इस भीषण आपदा के बाद फिर से खड़ा कर दिया। दोबारा नेस्तनाबूत हो चुके शहरों को बसाने में जी-जान कर एक दी। या वो जो संसद पर हमला करने वालों को फांसी की सजा से बचाती रही, इशरत जैसी आतंकी को शहीद बनाने की कोशिश में जुटी रही।
सोनिया का ‘ज़हर की खेती’ वाला बयान
कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी ने 1 फरवरी, 2014 को भी कर्नाटक के गुलबर्ग में नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। सोनिया ने कहा था, “मेरा पूरा भरोसा है कि आप ऐसे लोगों को मंजूर नहीं करेंगे जो जहर का बीज बोते हैं।“ ‘मौत का सौदागर’ के बाद ‘ज़हर की खेती’ के इस बयान ने इस बार गुजरात ही नहीं देश की जनता की भावना को जगा दिया। नतीजा लोकसभा चुनाव में सामने आया- बीजेपी 278, कांग्रेस-45.
राहुल का ‘खून की दलाली’ वाला बयान
बात 6 अक्टूबर, 2016 की है जब देश सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जय-जयकार कर रहा था। विरोधी भी चुप रहने को मजबूर थे। हां, केजरीवाल जरूर सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। तभी यूपी चुनाव की तैयारी कर रहे राहुल गांधी किसान यात्रा से लौटने के बाद आत्मघाती हमला कर बैठे। उस सर्जिकल स्ट्राइक पर, जिसमें पहली बार पाकिस्तान में घुसकर हिन्दुस्तान ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था, जिसकी दुनिया में सबने सराहना की, पाकिस्तान उफ तक नहीं कर पाया; राहुल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ‘खून की दलाली’ करने का आरोप लगा डाला।
कांग्रेसी नेता ने खुलेआम दी बोटी-बोटी काटने की धमकी
तब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार थे, जब उन्हें बोटी-बोटी काट देने की धमकी खुलेआम दी गयी। लोकसभा चुनाव के दौरान सहारनपुर में कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान मसूद ने 28 मार्च, 2014 को ये बयान देकर यूपी ही नहीं पूरे देश में नफरत की सियासत को हवा देने की कोशिश की। प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने तो इस बयान का कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन जनता ने इसका जवाब दिया। नरेन्द्र मोदी को न सिर्फ भारी बहुमत से देश का प्रधानमंत्री बनाया, बल्कि इमरान मसूद की रखवाली कर रही कांग्रेस को धूल चटा दी। खुद इमरान की हार तो जिक्र करने वाली बात भी नहीं। कांग्रेस फिर भी जनता के फैसले से सबक लेने को तैयार नहीं दिखती।
कांग्रेसी जलील मस्तान ने प्रधानमंत्री को नक्सली, उग्रवादी और डकैत कहा
बिहार कांग्रेस के नेता जलील मस्तान ने अभद्रता की सारी हदें ही पार कर दी। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अपनी पार्टी के कार्यकर्ता से नरेंद्र मोदी की तस्वीर पर जूते मरवाए और जब इस कांग्रेसी मंत्री का मन नहीं भरा तो उन्होंने प्रधानमंत्री को नक्सली, उग्रवादी और डकैत तक कह डाला। आखिर जलील की जुबां पर ताला लगता भी कैसे जब खुद पार्टी की मुखिया सोनिया गांधी प्रधानमंत्री को मौत का सौदागर कह चुकी है।
हिटलर, मुसोलिनी, गद्दाफी से तुलना
नोटबंदी को लेकर जहां पूरा देश नरेन्द्र मोदी के साथ खड़ा, विपक्ष को काले कारोबारियों के साथ खड़ा होने में जरा भी शर्म नहीं आई। विपक्ष ने दुनिया के कुख्यात रहे तानाशाह हिटलर, मुसोलिनी, कर्नल गद्दाफी से प्रधानमंत्री की तुलना कर डाली। राज्यसभा में प्रमोद तिवारी ने ये शर्मनाक बयान दिया जिस पर खूब हंगामा मचा। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश की जनता की फिक्र थी, चंद विरोधियों की नहीं। हर सर्वे में लोगों ने पीएम के एक्शन को सही ठहराया और ‘थोड़ी परेशानी बड़ा मकसद’ से जुड़े रहे।
कोरबा में कांग्रेस विधायक ने पीएम को दी गाली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गाली देने की जो परिपार्टी बड़े नेताओं ने शुरू की है, उसका असर ये है कि छोटे स्तर पर भी मर्यादा टूट रही है। छत्तीसगढ़ के कोरबा में 29 नवम्बर, 2016 को कांग्रेस की रैली में बड़े नेताओं की मौजूदगी में विधायक श्याम लाल कंवर अपना मानसिक संतुलन खो बैठे। उन्होंने प्रधानमंत्री को बुरा-भला कहने के बाद उनके लिए अपशब्दों की लड़ियां ही लगा दीं। कांग्रेस की ये ‘आक्रोश रैली’ नोटबंदी के खिलाफ कर रही थी, लेकिन रैली पीएम मोदी के खिलाफ गाली-गलौच में बदल गयी।
मोस्ट स्टूपिड प्राइम मिनिस्टर
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने एक निजी समाचार चैनल इंडिया टीवी के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर अपमानजनक बात कह दी। 16 मई, 2016 को टीवी कार्यक्रम में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मोस्ट स्टूपिड प्राइम मिनिस्टर बता दिया। अल्वी के इस विवादित कमेंट के बाद वहां मौजूद लोग बुरी तरह भड़क गए। कांग्रेस नेता के खिलाफ लोगों ने ‘शर्म करो’, ‘शर्म करो’ के नारे लगाए।
सांप, बिच्छू और गंदा आदमी
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद मणिशंकर अय्यर ने 3 मार्च, 2013 को श्री नरेंद्र मोदी को सांप, बिच्छू और गंदा आदमी कहा था।
लहू पुरुष, पानी पुरुष, असत्य का सौदागर
कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने नवंबर, 2012 की एक चुनावी रैली में नरेंद्र मोदी को लहू पुरुष, पानी पुरुष और असत्य का सौदागर बताया।
घांची
सुरेंद्रनगर से कांग्रेस के सांसद सोमा गंदा पटेल ने नवंबर 2012 में एक रैली के दौरान मोदी पर जातिगत टिप्पणी की थी।
बंदर, रैबिज से पीड़ित
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अर्जुन मोडवाडिया ने अक्तूबर 2012 की अपनी चुनावी रैली के भाषण में नरेंद्र मोदी की तुलना बंदर से की थी। मोडवाडिया ने यह भी कहा था कि मोदी रैबिज से पीड़ित हैं।
चूहा
कांग्रेस राज्यसभा सांसद हुसैन दालवई ने 2012 के गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान उत्तर गुजरात की पलनपुर रैली में कहा कि सरदार पटेल के सामने मोदी केवल चूहे मात्र हैं।
दाऊद इब्राहिम
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने मार्च 2012 में श्री नरेंद्र मोदी की लना दाऊद इब्राहिम से की।
बदतमीज, नालायक, इसके मां-बाप कौन हैं?
कांग्रेस नेता रिजवान उस्मानी ने 2009 के लोकसभा चुनाव की रैली में मोदी को बदतमीज, नालायक कहा और सवाल उठाया कि इसका बाप कौन हैं? इसकी मां कौन है?
एक वायरस
कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने 7 जून, 2013 को नरेंद्र मोदी को न्यूमोनिया की तरह का वायरस कहा और उसे नमोनिटिस का नाम दिया।
बंदर
तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने 8 जून, 2013 को श्री मोदी की बंदर के साथ तुलना की। उन्होंने कहा कि मोदी इस तरह भीड़ को खिंचते हैं, जैसे लोग बंदर के करतब देखने जाते हैं।
भस्मासुर
13 जून 2013 को तत्कालीन कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी को भस्मासुर कहा।
पागल कुत्ता
कांग्रेस नेता और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने 14 जुलाई, 2013 को नरेंद्र मोदी को पागल कुत्ता कहा।
गंगू तेली
कांग्रेसी नेता तत्कालीन केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद ने 17 अगस्त, 2013 को नरेंद्र मोदी को गंगू तेली बताया।