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डिजिटल लेनदेन में सुपर पावर बनने की राह पर भारत, भुगतान में भारी वृद्धि

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का डिजिटल इंडिया का सपना सच होने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। भारत डिजिटल लेनदेन में सुपर पावर बनने की राह पर है। नोटबंदी के बाद खुदरा डिजिटल भुगतान में काफी वृद्धि हुई है और डिजिटल भुगतान के माध्यम आईएमपीएस से लेनदेन में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल लेनदेन के लिए लोग सबसे ज्यादा भरोसा इमिडिएट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस) पर कर रहे हैं। आईएमपीएस के माध्यम से लेनदेन एक साल में 86 प्रतिशत बढ़कर 98 मिलियन हो गई है और इसके द्वारा कुल लेनदेन 102% बढ़कर 87,106 करोड़ रुपये हो गया है। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) पेमेंट एप BHIM के द्वारा होने वाले भुगतान में 74 गुणा बढ़ोतरी देखी गई। रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल वॉलेट और नेशनल इलेक्ट्रोनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) में बढ़ोतरी देखी गई। मोबाइल वॉलेट से होने वाले ट्रांजेक्शन में 22.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई और यह 320 मिलियन हो गया। इसके द्वारा कुल 14334 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से विकास के लिए टेक्नॉलाजी के इस्तेमाल पर जोर देते हैं। उन्होंने डिजिटल इंडिया बनाने के लिए देश में कई ऐसी योजनाएं लागू की हैं, जिनका असर आम लोगों के जीवन पर पड़ा है। एक नजर डालते हैं डिजिटल इंडिया बनाने में योगदान देने वाली योजनाओं पर

डिजिटल पेमेंट एप BHIM निभा रहा है अहम भूमिका
आंकड़ों से साफ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल पेमेंट बढ़ाने की मुहिम तेजी से आगे बढ़ रही है। नवंबर, 2016 में नोटबंदी के बाद ही 30 दिसंबर को नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने अपना डिजिटल पेमेंट एप BHIM लांच किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस मौके पर कहा था कि भीम एप डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा और इसके जरिए बगैर किसी गलती के सिर्फ मोबाइल नंबर और VPAs के इस्तेमाल से पैसों का ट्रांसफर किया जा सकेगा। हुआ भी यही, दिसंबर में भीम एप लांच होने के बाद ही डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिला, और आज इसका नतीजा सभी के सामने हैं।

37 प्रतिशत बढ़े NEFT
नोटबंदी के बाद बैंक उपभोक्ताओं द्वारा डिजिटल पेमेंट बढ़ा है।  पिछले एक साल में दिसंबर 2016 से दिसंबर 2017 के बीच नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) 37 प्रतिशत बढ़कर 15.78 लाख करोड़ पर पहुंच गई है।

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कार्ड स्वाइप भुगतान में बढ़ोतरी
08 नवंबर, 2016 को डिमोनिटाइजेशन के बाद कार्ड स्वाइप कर भुगतान करने में दोगुने से ज्यादा की वृद्धि हुई है। नोटबंदी के वक्त जहां प्रतिदिन 40 लाख पेमेंट डेबिट कार्ड के जरिए होते थे, वहीं 18 अक्टूबर, 2017 के आंकड़ों के मुताबिक रोजाना 82 लाख पेमेंट डेबिट कार्ड स्वाइप कर किए गए। 

कैशलेस ट्रांजेक्शन और मोदी के लिए चित्र परिणाम

Rupay का इस्तेमाल बढ़ा
ई-कॉमर्स के लिए Rupay का इस्तेमाल बढ़ा है। इसके साथ ही ई-कॉमर्स पर किए जाने वाला खर्च भी दोगुना से अधिक बढ़ा है। गौरतलब है कि Rupay वीजा और मास्टरकार्ड की ही तरह घरेलू कार्ड पेमेंट सिस्टम है। प्रधानमंत्री द्वारा डिजिटल सोसाइटी बनाने के आह्वान का देश के लोगों पर असर हो रहा है अब इसके प्रत्यक्ष उदाहरण सामने आ रहे हैं।

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मोबाइल वॉलेट लेन-देन में भी बढ़ोतरी
मोबाइल वॉलेट के जरिए लेनदेन भी तेजी से बढ़ रहा है। मोबाइल वॉलेट से होने वाले ट्रांजेक्शन में 22.5 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई और यह 320 मिलियन हो गया। इसके द्वारा कुल 14334 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ।

मोबाइल वॉलेट के लिए चित्र परिणाम

एक अरब+एक अरब+एक अरब विजन
जनधन, आधार और मोबाइल यानि JAM की ‘त्रिमूर्ति’ से सामाजिक क्रांति की शुरुआत हो चुकी है। केंद्र सरकार की निगाह अब एक अरब-एक अरब-एक अरब पर है। यानि एक अरब आधार नंबर जो एक अरब बैंक खातों और एक अरब मोबाइल फोन से जुड़े हों। इससे सभी भारतीय साझा वित्तीय, आर्थिक और डिजिटल क्षेत्र में आ चुके हैं। यह कुछ उसी तरीके से है जिससे वस्तु एवं सेवा कर (GST) से एकीकृत बाजार बना है।

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73 करोड़ अकाउंट JAM योजना से जुड़े
जनधन, आधार और मोबाइल यानि (JAM)ने देश में फाइनेंशियल, इकोनॉमिक और डिजिटल क्रांति लाने का काम किया है। अभी तक 52.4 करोड़ आधार, 73.62 करोड़ अकाउंट्स से जोड़े जा चुके हैं। यह संख्या अब जल्दी ही एक अरब तक पहुंच जाएगी। यानी एक अरब आधार, मोबाइल और अकाउंट्स से जुड़ जाएंगे। जाहिर है मात्र इस कदम से देश के लोग स्वत: फाइनेंशियल और डिजिटल मुख्यधारा का हिस्सा बन जाएंगे।

हाईस्पीड इंटरनेट से जुड़े एक लाख गांव
डिजिटल इंडिया की मुहिम में लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ग्रामीण भारत में इंटरनेट पहुंचाने पर तेजी से काम हो रहा है। केंद्र सरकार ने देशभर के 2.5 लाख गांवों को हाई स्पीड इंटरनेट सेवाओं से जोड़ने के लिए भारत नेट कार्यक्रम शुरू किया है, इसके 20 करोड़ से भी ज्यादा ग्रामीण आबादी लाभान्वित होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और विजन के चलते संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत नेट के प्रथम चरण को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर, 2017 को प्रथम चरण पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे समय से पहले ही पूरा कर लिया गया। इतना ही नहीं संचार मंत्रालय के मुताबिक भारत नेट का दूसरा चरण भी समय से पहले इस वर्ष के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।

2.5 लाख गांवों को हाईस्पीड इंटरनेट से जोड़ने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार देश की सभी ग्राम पंचायतों को इंटरनेट सेवा से जोड़ने जा रही है। इसके लिए भारत नेट योजना के तहत सभी ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। भारत नेट के दूसरे चरण में मार्च, 2019 से काफी पहले ही 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायतों को ब्रॉड बैंड नेटवर्क से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।

इंटरनेट से 20 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण आबादी की होगी तरक्की
देश को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने की दिशा में मोदी सरकार किस तेज रफ्तार से काम कर रही है, इसका अंदाजा आपको इससे होगा कि 2011 में शुरु हुई भारत नेट योजना के तहत 2014 तक यूपीए शासनकाल के दौरान सिर्फ 358 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया था। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले साढ़े तीन वर्षों में 2,79,712 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर का जाल फैलाया जा चुका है। जाहिर है कि ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट की पहुंच से 20 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण आबादी को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, कौशल, ई-कृषि, ई-वाणिज्य जैसे सेवाओं तक पहुंचने में मदद मिलेगी, और सही मायने में डिजिटल तौर पर देश का सर्वांगीण विकास हो सकेगा।

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