Home पश्चिम बंगाल विशेष भतीजे के भ्रष्टाचार को सपोर्ट करती रही हैं ममता बनर्जी?

भतीजे के भ्रष्टाचार को सपोर्ट करती रही हैं ममता बनर्जी?

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क्या अब ममता बनर्जी के पाप का घड़ा फूटने वाला है? क्या ममता बनर्जी का हाल भी लालू प्रसाद जैसा होने वाला है? क्या ममता बनर्जी भी लालू की तरह भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हैं? अपने बेटे तेजस्वी यादव के कारण जिस तरह लालू प्रसाद को बिहार के पावर सेंटर से हटना पड़ा क्या ममता बनर्जी का भी यही हाल अपने भतीजे के कारण होने वाला है? दरअसल ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और इस कारण ममता भी जांच की जद में आ सकती हैं। भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद अब विपक्ष ममता को घेरने की तैयारी कर रहा है। कांग्रेस जहां इस मामले को संसद में भी उठाने की तैयारी कर रही है वहीं सीपीएम ने भी आरोप लगाए हैं कि ममता राज में घोटालों की बाढ़ आ गई है।

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ममता के भतीजे पर भ्रष्टाचार के आरोप
दरअसल एक निजी चैनल टाइम्स नाऊ के हाथ लगे दस्तावेज के अनुसार ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक ने भ्रष्टाचार किया है। अभिषेक की कंपनी ‘लीप्स ऐंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड’ को राज किशोर मोदी नाम के एक शख्स ने भुगतान किया। बताया जा रहा है कि राज किशोर मोदी जमीन की सौदेबाजी का काम करता है। उसपर जमीन हथियाने और हत्या की कोशिश में शामिल होने जैसे आपराधिक आरोप हैं और उसके खिलाफ जांच भी चल रही है। कागजातों से पता चलता है कि राज किशोर ने लीप्स ऐंड बाउंड्स प्राइवेट लिमिटेड में डेढ़ करोड़ रुपयों से ज्यादा का निवेश किया।

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अभिषेक बनर्जी ने की है कमिशनखोरी
आरोप है कि अभिषेक जब इस कंपनी के डायरेक्टर थे, तब उन्हें कमिशन भी दिया गया था। दिलचस्प यह है कि साल 2009 में खुद ममता बनर्जी ने ही राज किशोर को गिरफ्तार किए जाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था। टाइम्स नाउ अपने पास के दस्तावेज के आधार पर दावा करता है कि 2012 और 2013 में अभिषेक और राज किशोर के बीच एक कॉमन लिंक था। इस शख्स का नाम अशोक तुलस्यान था। अशोक एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) था। अशोक न केवल राज किशोर की कंपनी ‘ग्रीन टेक सिटी प्राइवेट लिमिटेड’ के डायरेक्टर्स में से एक था, बल्कि अभिषेक बनर्जी की कंपनी में भी वह एक ऑडिटर था।

ममता की परेशानी का सबब बनेंगे अभिषेक
इस पूरे मामले में ममता बनर्जी के लिए कई चीजें परेशानी का कारण बन सकती हैं। अभिषेक की कंपनी के निदेशक, जिनमें अभिषेक की पत्नी भी शामिल हैं, मुख्यमंत्री बनर्जी के आधिकारिक निवास ’30 बी, हरिश चटर्जी रोड, कोलकाता’ में रहते हुए दिखाए गए हैं। बताया गया है कि ये सभी CM आवास में ही रहते हैं। यह कागजात अभिषेक पर लग रहे आरोपों को ममता के करीब ले आया है। अभिषेक 2014 में सांसद बने। इससे पहले तक वह ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री आवास में ही रह रहे थे। सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने अपनी कंपनी ‘लीप्स ऐंड बाउंड्स’ के निदेशक पद से इस्तीफा दिया था।

मामले पर खामोश क्यों है ममता की पार्टी?
इस बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इन कागजातों पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। पार्टी के सांसद सुगाता रॉय ने टाइम्स नाउ से कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मुझे ऐसा लगता है कि ये सारे आरोप गलत हैं। वहीं पार्टी के प्रवक्ता डेरेक ओ ब्रायन ने भी इस मामले में बोलने से इनकार कर दिया है। बहरहाल ममता बनर्जी की पार्टी अभी इस पर खामोश है, लेकिन जनता के पैसों की लूट पर जनता तो जवाब जरूर मांगेगी और ममता को जवाब भी देना ही पड़ेगा।

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चौथे खम्भे को है ममता से खतरा !
टाइम्स नाऊ के पत्रकार तामल साहा ने इस मामले का खुलासा किया है। लेकिन रिपोर्ट ब्रेक करने के कुछ ही मिनट पहले तमिल साहा को कोलकाता पुलिस ने नोटिस भेज दिया। साहा को सब-इंस्पेक्टर एच दलपति के सामने पेश होने का निर्देश दिया गया है। इस नोटिस के बाद साहा के पास पुलिस थाने से एक फोन भी आया था। इस बीच कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ”मैं उम्मीद करता हूं कि जिस पत्रकार ने इस खबर का खुलासा किया है, वह सुरक्षित है।” अधीर रंजन के द्वारा आशंका व्यक्त किये जाने से इतना तो साफ है कि राज्य में ममता का खौफ है।

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CPM को लगता है नहीं होगी कार्रवाई
लोकसभा में CPM के सांसद मोहम्मद सलीन ने कहा है कि इस मामले में किसी के भी खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी, इसकी संभावना बहुत कम ही है। उन्होंने आशंका व्यक्त की है कि इस खबर को दिखाए जाने के बाद टाइम्स नाउ के खिलाफ ही कोई कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। मोहम्मद सलीम ने कहा कि हमारी मांग है कि यह मामला प्रवर्तन विभाग को सौंप दिया जाए।

बहरहाल शारदा, नारदा और राशन कार्ड जैसे घोटालों से घिरी ममता बनर्जी के लिए भतीजे का भ्रष्टाचार नयी मुसीबत लेकर आया है। ये साफ है कि भतीजे ने सत्ता के रसूख का इस्तेमाल किया और खूब पैसे बनाए हैं। ऐसे में ममता बनर्जी अपनी सफाई पेश करे तो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बेहतर होगा वरना जांच एजेंसियां तो अपना काम करेंगी ही। 

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