Home नरेंद्र मोदी विशेष नोटबंदी: मोदी के निशाने पर कौन- गरीब या अमीर?

नोटबंदी: मोदी के निशाने पर कौन- गरीब या अमीर?

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  • नोटबंदी का फैसला किसके लिए- गरीब या फिर अमीरों के लिए? 
  • नोट निकालने की सीमा से किसका नुकसान– गरीबों का या अमीरों का?
  • कैशलेस होने से किसे सबसे ज्यादा परेशानी– गरीबों को या कालेधन रखने वालों को?
    ये सवाल इसलिए अहम है, क्योंकि जिस तरीके से नोटबंदी के मुद्दे पर नरेंद्र मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की गई है। कुछ स्वार्थी मीडिया और तथाकथित रूप से स्वघोषित जनता के हितैषी बने कुछ नेताओं ने हो-हल्ला मचाने की कोशिश की है, उसका पर्दाफाश करना जरूरी है। देश को ये जानना जरूरी है कि आखिर इससे गरीबों का क्या भला या नुकसान हुआ है। क्यों धन कुबेर, काला धन रखने वाले तिलमिलाए हुए हैं और किसी न किसी बहाने, गरीबों की आड़ में सरकार पर निशाना साध रहे हैं। हम आपके सामने उन लोगों की सूची रख रहे हैं, जिनके घरों से लाखों-करोड़ों रुपये कैश निकले हैं और अकूत काला धन का पता चला है। आप भी देखिए कि ये गरीब हैं या अमीर?

देशभर में छापेमारी के कुछ बड़े आकड़ें, एक नजर में –
पी राम मोहन राव- तमिलनाडु सरकार के मुख्य सचिव पी राम मोहन राव के घर, दफ्तर से 30 लाख रुपए के नए नोट मिले। पांच किलो सोना मिला और 5 करोड़ रुपए से अधिक अघोषित आय का पता चला है।

पारसमल लोढा- कोलकाता का व्यापारी पारसमल लोढा मुंबई एयरपोर्ट से धरा गया। उसे विदेश भागने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया। ईडी के पूछताछ में उसने बताया कि वह 30 प्रतिशत कमीशन पर नोट बदलता था।

शेखर रेड्डी- चेन्नई में व्यवसायी शेखर रेड्डी, जिसे बालू माफिया के नाम से जाना जाता है। उसके ठिकाने से आयकर विभाग को 130 करोड़ नकद और 177 किलो सोना मिला। नकदी में 34 करोड़ के नए नोट थे।

श्रीनिवास रेड्डी- चेन्नई में मनी एक्सचेंज रैकेट का भंडाफोड़ कर 90 करोड़ रुपए जब्त किया है। इसमें 70 करोड़ रुपए नए नोट हैं। इसके लिए श्रीनिवास रेड्डी व प्रेम से आयकर विभाग पूछताछ कर रही है।

अर्जुन कुमार हिरानी- तमिलनाडु के सोकारपेट में आयकर विभाग के अधिकारियों ने एक व्यापारी अर्जुन कुमार हिरानी के आवास और कार्यालय पर छापे मारकर छह किलो सोना और 10 करोड़ रुपए के पुराने नोट जब्त किए।

बेंगलुरु में दो सरकारी इंजीनियरों से पांच करोड़ रुपए जब्त किए। इसमें चार करोड़ रुपए 2000 वाले नोट थे। आरोपियों के पास से सोना और जेवरात भी बरामद किया गया है।

रोहित टंडन- ग्रेटर कैलाश, दिल्ली स्थित टी एंड टी नाम के लॉ फर्म से 13 करोड़ 65 लाख रुपए बरामद मिले। इसमें ढाई करोड़ रुपए नए नोट बरामद हुए। इसके कर्ताधर्ता रोहित टंडन को गिरफ्तार किया जा चुका है।

टेलर- चंडीगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय ने एक टेलर (दर्जी) के पास से छापेमारी के दौरान तकरीबन 31 लाख रुपए नकद और 2.5 किलो सोना बरामद किया है। जब्त की गई राशि में 18 लाख रुपए के नए नोट शामिल हैं।

भजिया वाला- सूरत से एक भजिया वाला को पकड़ा गया। उसके पास से 400 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ। विभाग उसके बारे में और जानकारी जुटा रहा है।

सुशील वासवानी- बैरागढ़, मध्य प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील वासवानी के आवास पर छापेमारी में तीन मकान मिले जिसकी कीमत 20 करोड़ आंकी गई। वासवानी कई होटल और शोरूम के मालिक भी हैं।

विक्रम कुमार झा– नवादा, बिहार के जिला सहकारिता अधिकारी विक्रम कुमार झा के घर नवादा, पटना और पूर्णिया में विजिलेंस टीम ने छापा मारा। टीम को झा के ससुराल पूर्णिया से करीब 1.25 करोड़ रुपए कैश बरामद हुए। इनके अलावा, झा के दो मकान का भी पता चला। विजिलेंस टीम का कहना है कि इतनी भारी रकम किसी लोकसेवक के घर से पहली बार उन्हें मिला है।

ओम प्रकाश मांझी- पटना में अधीक्षण अभियंता ओम प्रकाश मांझी के एक साथ कई घरों पर छापेमारी की। निगरानी विभाग के अधिकारी ने मांझी पर आय से अधिक संपति का मामला दर्ज किया है। ढाई लाख रुपए की नकदी, सोना और करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता चला है।

अन्य
जयपुर, राजस्थान में दो व्यवसायियों के पास से छापेमारी में 35 लाख रुपए की कीमत के नए नोट बरामद हुए थे। दोनों व्यवसायी नोट बदलने का काम करते थे।

गुवाहाटी, असम में सीआईडी ने एक व्यवसायी के घर से 1.5 करोड़ रुपए मूल्य के 2,000 और 500 रुपए के नए नोट बरामद किए हैं।

मुंबई पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक कार से एक करोड़ 40 लाख की रकम बरामद की। बरामद किये गए एक करोड़ 40 लाख रुपए की रकम 2000 के नये नोटों के रूप में मिली है।

ये मीडिया की सुर्खियों में रहे छापेमारी के कुछ आंकड़े हैं। छापेमारी में पकड़े जा रहे लोग गरीब और सामान्य नागरिक तो नहीं ही हैं। इस बात को जनता भली भांति देख रही है और समझ भी रही है। भले ही तथाकथित जनहितैषी और गरीबों के पहरुआ होने का दावा करने वाली मीडिया और नेता अपनी आंख बंद करके जानबूझकर न समझना चाहें तो… उन्हें अपने सूरते हाल पर छोड़ देना चाहिए। देश की जनमानस वर्तमान में यही कर भी रही है।

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