Home विपक्ष विशेष भ्रष्टाचार का साथ देना कांग्रेस की मजबूरी है!

भ्रष्टाचार का साथ देना कांग्रेस की मजबूरी है!

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लालू प्रसाद यादव 27 अगस्त को पटना में ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली कर रहे हैं। लेकिन रैली में शामिल होने को लेकर अधिकतर विपक्षी दल पसोपेश में हैं। रैली में कौन-कौन दल शिरकत करेंगे इस बात की जानकारी अब तक बाहर नहीं आ पाई है। बीएसपी, एसपी, लेफ्ट सबने चुप्पी साध रखी है। लेकिन सवाल कांग्रेस के कशमकश को लेकर है।

lalu sonia congress के लिए चित्र परिणाम

लालू का साथ देने के अलावा कांग्रेस के पास विकल्प क्या है?
लालू और उनके सहयोगियों ने चारा घोटाले के 950 करोड़ रुपये उड़ाए तो जरूर पर कानून की गिरफ्त से बच ना पाए। सजा मिली लेकिन सत्ता का मोह अब तक छूट न सका। बिहार की राजनीति में अपने बेटों को स्थापित करने की कवायद जारी रखे हुए हैं। हालांकि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर नीतीश कुमार का साथ छोड़ना लालू के लिए झटका है। लेकिन सवाल कांग्रेस को लेकर उठ रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से अब तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या उपाध्यक्ष राहुल गांधी भाग लेंगे या नहीं। सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी दागी लालू प्रसाद के साथ मंच साझा करेंगे? दुविधा इस बात को लेकर भी है कि पार्टी के पास भ्रष्टाचार मामले में सजायाफ्ता लालू के शरण में जाने के अलावा विकल्प ही क्या है?

rahul sonia lalu के लिए चित्र परिणाम

लालू के साथ जाने पर कांग्रेस में हो सकता है विद्रोह ?
दरअसल बिहार कांग्रेस के भीतर भी दो गुट हैं। एक लालू विरोधी है और दूसरा लालू समर्थक। लालू समर्थक जहां ये कह रहे हैं कि बिहार में पार्टी को लालू की बैशाखी का सहारा लेना ही पड़ेगा, वहीं लालू विरोधियों का कहना है कि राहुल या सोनिया गांधी का लालू के साथ मंच साझा करने से गलत संदेश जाएगा। इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि राहुल के राजनीतिक भविष्य को देखते हुए लालू से गले मिलना महंगा साबित हो सकता है। तीसरा तर्क यह है कि बिना बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किए रैली में जाना विरोधियों को बैठे बिठाए आलोचना का एक मुद्दा दे सकता है। चौथा तर्क यह है कि लालू प्रसाद ने कभी भी बिहार के कांग्रेस नेताओं से सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया। जाहिर तौर पर लालू समर्थन और विरोध के मुद्दे पर पार्टी में भीतर ही भीतर बवाल है। ऐसे हालात में लालू के साथ जाने पर कांग्रेस विधायकों के एक बड़े गुट में मौजूद असंतोष विद्रोह का रूप भी ले सकता है।

मायावती ने विपक्षी ‘एकता’ पर फेरा पानी
बीएसपी के ट्विटर अकाउंट @bspup2017 पर जारी पोस्‍टर में लालू प्रसाद यादव और तेजस्‍वी यादव, शरद यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी और सोनिया गांधी की तस्वीरें हैं। दरअसल 27 अगस्‍त को लालू यादव की पार्टी राजद की पटना में रैली होने जा रही है। उसी कड़ी में विपक्षी एकजुटता को दिखाते हुए यह पोस्‍टर जारी किया गया था। उसको तेजस्‍वी यादव जैसे राजद नेताओं ने रिट्वीट भी किया था। अब इस पोस्‍टर को बसपा ने फर्जी करार दिया। जाहिर है बीएसपी के इस इनकार से विपक्षी दलों को एक करने के प्रयासों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। हालांकि अब यह खबर है कि बीएसपी अध्यक्ष मायावती तो रैली में भाग नहीं लेंगी लेकिन उनकी पार्टी की तरफ से सतीश मिश्रा रैली में आ सकते हैं, लेकिन इसकी भी पुष्टि होनी अभी बाकी है।

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