Home पोल खोल कांग्रेसियों के भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था राज्यसभा टीवी! वेंकैया नायडू...

कांग्रेसियों के भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया था राज्यसभा टीवी! वेंकैया नायडू ने दिए जांच के आदेश

SHARE

केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्टाचार ने किस तरह संस्थागत रूप ले लिया था इसका एक नमूना राज्यसभा टीवी भी है। राज्यसभा टीवी देश में कांग्रेसी ‘महालूट’ की भी एक और निशानी है। कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार ने राज्यसभा टीवी के जरिये अपने करीबियों को जमकर लाभ पहुंचाया है। यहां करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार के भी बड़े मामले सामने आए हैं। इतना ही नहीं एक संवैधानिक संस्था के फंड से किसी पार्टी विशेष का एजेंडा चलाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता रहा है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को जब इन मामलों का पता लगा तो उन्होंने राज्यसभा टीवी में भ्रष्टाचार के जांच के आदेश दे दिये हैं।

राज्यसभा टीवी में खर्च का ऑडिट कराया जाएगा
जानकारी के अनुसार राज्यसभा टीवी शुरू होने से लेकर अब तक इस पर 375 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। जबकि बड़े-बड़े प्राइवेट चैनलों का बजट भी इतना नहीं होता। राज्यसभा की कार्यवाही दिखाने के मकसद से शुरू किए गए इस चैनल ने बाकायदा कमर्शियल फिल्मों का प्रोडक्शन भी शुरू कर दिया था और इसके लिए प्राइवेट प्रोड्यूसर को बिना किसी औपचारिकता के करोड़ों रुपये दिए गए। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भ्रष्टाचार पर संज्ञान लेते हुए पूरे खर्च का ऑडिट कराने को कहा है।

Image result for वेंकैया नायडू ने राज्यसभा टीवी

राज्यसभा टीवी से प्राइवेट पार्टी को दिये गए फंड
राज्यसभा टीवी के फंड से साढ़े 12 करोड़ रुपये एक कमर्शियल फिल्म ‘रागदेश’ बनाने के लिए दे दिए गए। फिल्म इसके अलावा फिल्म के प्रमोशन और दूसरे मदों में खर्च अलग हैं। इस फिल्म का प्रोड्यूसर राज्यसभा टीवी को नहीं, बल्कि इसके सीईओ गुरदीप सप्पल को बनाया गया। दरअसल सप्पल हामिद अंसारी के ओएसडी भी थे। इसके अलावा राज्य सभा के ही खर्चे पर इनमें से कुछ कांग्रेसी पत्रकारों ने देश-विदेश की सैर भी की। इतना ही नहीं राज्यसभा ने कई ऐसे पत्रकारों के स्पेशल प्रोग्राम भी चलाए जो कांग्रेस, नक्सलियों और यहां तक कि जिहादी गुटों के लिए प्रोपोगेंडा करने के लिए बदनाम रहे हैं।

दिग्विजय सिंह की पत्नी को हीरोइन बनाने पर ‘लूट’
दरअसल ‘राग देश’ नाम की इस फिल्म के जरिये कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह की दूसरी पत्नी अमृता राय हीरोइन बनाई गईं। इस फिल्म में अमृता राय का अहम किरदार था। ‘राग देश’ नाम की इस फिल्म का प्रोडक्शन राज्यसभा टीवी ने किया। गौरतलब है कि ये सरकारी चैनल जनता के टैक्स के पैसे से चलते हैं और चैनल पर राज्यसभा की कार्यवाही का प्रसारण किया जाता है। इसके अतिरिक्त समसामयिक मुद्दों से जुड़े कार्यक्रम के प्रसारण लिए बनाया गया था, लेकिन कांग्रेसी नेताओं ने इसे एक प्लेटफॉर्म की तरह इस्तेमाल किया।

फिल्म के प्रमोशन के नाम पर करोड़ों लुटाए
इसी साल जिस समय संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है उस वक्त सीईओ सप्पल राज्यसभा टीवी की पूरी टीम को लेकर फिल्म का प्रमोशन करने के लिए मुंबई चले गए। इनमें एडमिन हेड चेतन दत्ता, हिंदी टीम के प्रमुख राजेश बादल, इंग्लिश टीम के हेड अनिल नायर, टेक्निकल हेड विनोद कौल, आउटपुट हेड अमृता राय (दिग्विजय की पत्नी), इनपुट हेड संजय कुमार समेत एडिटोरियल टीम के कम से कम 20 सदस्य शामिल थे। फिल्म के प्रमोशन के नाम पर इन सभी ने करीब एक महीने तक पूरे देश में सैर-सपाटा किया।

किराये के नाम पर मिली थी लूट की छूट
दरअसल राज्यसभा चैनल के लिए संसद भवन के बाहर एक जगह किराये पर ली गई थी जिसका किराया करोड़ों रुपये था। बताया जा रहा है कि इसमें भी घोटाले का शक है। साढ़े तीन करोड़ रुपये तो सिर्फ कर्मचारियों को लाने-ले-जाने के लिए कैब सर्विस पर फूंक दिए गए। राजधानी में कार्यालय परिसर के लिए 25 करोड़ रुपये का वार्षिक किराया और कैब और आवास रखने के मामले में लगभग 3.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

Image result for वेंकैया नायडू और हामिद अंसारी

कांग्रेस का एजेंडा चलाने के लिए फूंक दिए करोड़ों
आरोप है कि राज्यसभा टीवी के बहाने कांग्रेस ने अपने वफादार पत्रकारों की एक पूरी फौज को फायदा दिलवाया। उन्हें गेस्ट एंकर बनाकर हर महीने लाखों रुपये बांटे गए। किसी न किसी समूह में संपादक, समूह संपादक, सीईओ जैसे पदों पर काबिज नामों पर गौर करें तो सिद्धार्थ वरदराजन और एमके वेणु (द वायर के संपादक), भारत भूषण (संपादक, कैच न्यूज), गोविन्दराज एथिराज (पूर्व प्रधान संपादक, ब्लूमबर्ग टीवी इंडिया जो अब इंडिया स्पेंड.कॉम और फैक्टचेकर.इन चलाते हैं) और उर्मिलेश। ये सभी राज्यसभा टीवी पर मोदी सरकार के विरुद्ध प्रोपेगैंडा चलाते रहे हैं।

सरकारी पैसों से सैर-सपाटे के नाम पर ‘महालूट’
आरोप है कि तत्कालीन उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी जब-जब विदेश जाते उनके साथ राज्यसभा टीवी की एक के बजाय दो टीमें भेजी जाती थीं। ताकि ज्यादा लोगों को सरकारी पैसे पर विदेश की सैर करवाई जा सके। इसके अलावा नौकरी में रहते हुए इसके पत्रकारों ने विदेशों में पढ़ाई और स्कॉलरशिप पर भी खूब ऐश की। इन पत्रकारों में दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय द वायर के एमके वेणु, कैच के भारत भूषण, इंडियास्पेंड.कॉम के गोविंदराज इथिराज और उर्मिलेश जैसे नाम थे। ये सभी कांग्रेस के वेतनधारी पत्रकार माने जाते रहे हैं।

राष्ट्रपति से ज्यादा उपराष्ट्रपति का बजट!
उपराष्ट्रपति भले ही राष्ट्रपति के नीचे का पद है, लेकिन उनका बजट राष्ट्रपति से कहीं अधिक होता है। अगर इस साल के बजट को देखें तो राष्ट्रपति के लिए जहां 66 करोड़ रुपए आवंटित किए गए, वहीं उपराष्ट्रपति के लिए 377.21 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया। यानि करीब-करीब छह गुने से भी ज्यादा। दरअसल उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सभापति होता है। उसका अपना सचिवालय होता है, जिसमें 1500 से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी होते हैं। इसके अलावा राज्यसभा टीवी का मुखिया भी उपराष्ट्रपति ही होता है। बावजूद इसके इतना बड़ा बजट सवालों के घेरे में है।

Image result for वेंकैया नायडू और हामिद अंसारी

बहरहाल राज्यसभा टीवी घोटाले से जुड़ी कई और जानकारियां अभी सामने आनी बाकी हैं। चैनल को चलाने में आर्थिक हिसाब-किताब, भर्तियों में घोटाला, वेतन और प्रोफेशनल फीस बांटने में भेदभाव जैसी बातों की पूरी जांच की जरूरत है। ताकि यह पता चल सके कि एक कांग्रेसी की अगुवाई वाली आखिरी संस्था में किस बड़े पैमाने पर जनता की गाढ़ी कमाई को लूटा गया है। बहरहाल तत्कालीन उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति होने के नाते हामिद अंसारी वहां की सारी गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार माने जाएंगे।

Leave a Reply