बीते दो दिनों में दो महत्वपूर्ण बातें हुईं जो कांग्रेस के दोहरे चरित्र को एक बार फिर सामने ले आईं हैं। पहला यह कि कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान गए, वहां पाक आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा को गले लगाया और पीओके के कथित राष्ट्रपति के बगल में बैठकर तस्वीरें खिंचवाईं। जाहिर है जो पाक आर्मी प्रति दिन हमारे सैनिकों को शहीद कर रही है, उनके हत्यारे से गले लगकर कांग्रेस ने यह संदेश दिया है कि वह ‘खूनी’ खेल में पाकिस्तान के साथ है। वहीं जिस पीओके को भारत मान्यता नहीं देता और उसे अपना हिस्सा मानता है, उसके मुखौटे राष्ट्रपति मसूद खान के बगल में सिद्धू शान से बैठे। जाहिर है कांग्रेस ने पाकिस्तान प्रेम में देश के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘नीच’ जाति का कहने वाले मणिशंकर अय्यर का निलंबन कांग्रेस ने वापस ले लिया है। इसके जरिये कांग्रेस ने दो स्पष्ट संदेश दिया है। पहला यह कि कांग्रेस पिछड़े, दलित और वंचित समाज को ‘नीच’ समझती रही है, और आगे भी ‘नीच’ ही समझती रहेगी। दूसरा यह कि वह किसी भी सूरत में पाकिस्तान परस्ती नहीं छोड़ेगी। दरअसल मणिशंकर अय्यर अलगाववाद और आतंकवाद के समर्थक हैं और वे भारत से अधिक पाकिस्तान के हित का सोचते हैं।
बहरहाल माना जा रहा है कि अय्यर की निलंबन वापसी के आदेश और सिद्धू को पाकिस्तान जाने के निर्देश राहुल गांधी ने दिए थे। स्पष्ट है कि पाकिस्तान परस्ती का यह ‘खेल’ देश के मान-सम्मान की कीमत पर खेल रही है!
कांग्रेस की ‘नीच’ जुबान हैं अय्यर
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नवंबर, 2015
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