Home समाचार जानिए अपने ही जाल में कैसे फंसी कांग्रेस?

जानिए अपने ही जाल में कैसे फंसी कांग्रेस?

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राहुल गांधी समेत कांग्रेस के तमाम बड़े नेता आजकल नोटबंदी का विरोध करने में लगे हैं। लेकिन भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान का विरोध कर कांग्रेस खुद अपने जाल में फंस गई। नोटबंदी अभियान के विरोध में कांग्रेस की ओर से जो कारण बताए गए वो पार्टी के लिए गले की हड्डी बन गई। कैशलेस अभियान को पलीता लगाने के लिए पार्टी ने जो तर्क दिए वो कांग्रेसी सरकार के शासनकाल में हुए विकास की पोल खोलने के लिए काफी है।

कांग्रेसी नेताओं के तर्क की कुछ बानगी यहां देखिए-

तर्क नंबर एक-देश के ज्यादातर लोग गरीब और उनके पास बैंक खाते नहीं हैं।
आजादी के बाद से देश में करीब साठ साल तक कांग्रेस की सरकार रही है। इस तर्क से कांग्रेस मान रही है कि गरीबों के विकास के लिए वह सिर्फ जबानी या कागजी काम कर रही थी। वह आमलोगों के विकास के लिए सही मायने में कभी गंभीर नहीं थी। 2014 तक भी देश के ग्रामीण इलाकों तक बैंकों की पहुंच नहीं हो पाई, इसके लिए जिम्मेदार कौन है। आजादी के इतने साल भी कांग्रेस की सरकार देश की आम जनता को बैंकिंग अर्थव्यवस्था जोड़ पाने में नाकाम रही। गरीबी हटाओ का नारा देने वाली कांग्रेस ने इसे नारा ही रहने दिया। भला हो नरेंद्र मोदी का जिनके प्रधानमंत्री बनते ही देश में जनधन अभियान शुरू हुआ और गांव-गांव के लोग अपना बैंक खाता खोल पाने में सफल हुए। प्रधानमंत्री मोदी के कारण लोगों के पास रोजगार के काफी अवसर है और वो गरीबी रेखा से धीरे-धीरे ऊपर उठ रहे हैं।

तर्क नंबर दो- देश के ज्यादातर लोग साक्षर नहीं हैं, कैसे करेंगे ऑनलाइन पेमेंट?कांग्रेस का कहना है कि प्रधानमंत्री देश को कैशलेस करने की बात कर रहे हैं लेकिन यह संभव नहीं है क्योंकि देश के ज्यादातर लोग पढ़े-लिखे नहीं हैं। चूंकि वे पढ़े-लिखे नहीं हैं इसलिए ऑनलाइन पेमेंट नहीं कर सकते। आज भी देश के ज्यादातर लोग अनपढ़ है। आखिर इसके लिए आप किसे जिम्मेदार ठहराएंगे? आखिर आपने इतने साल तक देश पर राज करने के बाद भी कांग्रेस ने लोगों को साक्षर क्यों नहीं बनाया? प्रधानमंत्री अब जब देश को साक्षर बनाने की बात कर रहे हैं…डिजिटल की तरफ बढ़ने की बात कर रहे है… जो काम आप नहीं कर पाए उसे कर रहे हैं। कम से कम सहयोग नहीं, विरोध तो मत कीजिए। मोदी जी देश को आगे ले ज रहे हैं, उसमें अड़ंगा तो मत डालिए।

तर्क नंबर तीन- लोगों के पास रोजगार नहीं भला वो कैशलेस कैसे होंगे?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि देश में बेरोजगारी एक विकराल समस्या की तरह है। लोगों के पास रोजगार नहीं है, भला वो कैशलेस कैसे अपनाएंगे। बेरोजगारी के लिए भी आप मोदी सरकार को ही जिम्मेदार ठहराएंगे? अब तक आप तुष्टिकरण की नीति अपनाते रहे। लोगों को रोजगार की जगह रेवड़ी बांटते रहे। वोटबैंक ना खिसके इसके लिए दस तरीके अपनाते रहे लेकिन असल में रोजगार का सृजन हो आपने वह नहीं किया। देश में अब भी इतने लोगों के हाथ में काम नहीं है इसके लिए आपने उन्हें कौशल विकास की ट्रेनिंग नहीं दी। उन्हें रोजगार का साधन मुहैया कराने के बजाय आपने उनके हाथ में चुनावी लॉलीपॉप थमाई। अब नरेंद्र मोदी स्किल इंडिया पर जोर देकर आम लोगों को जीविका मुहैया कराने का साधन दे रहे हैं। रोजगार के लिए कई योजनाएं शुरू कर चुके हैं। और जहां तक कैशलेस होने की बात है तो वह एक साधारण फोन से भी मुमकिन है।

तर्क नंबर चार- ज्यादातर गांवों में बिजली नहीं और हो रही कैशलेस इकॉनोमी की बात
देश में आधे से ज्यादा गांवों में आज भी बिजली नहीं है। ज्यादातर गांव आज भी अंधेरे में है। यह तर्क देकर क्या कांग्रेस खुद अपने ऊपर आरोप नहीं लगा रही। साठ साल कांग्रेसी शासन में भी देश के ज्यादातर गांवों में बिजली ना पहुंचना ये किसकी विफलता है? 2014 में सरकार बनाने के बाद प्रधानमंत्री की प्राथमिकता में विद्युतीकरण सबसे ऊपर है। देश के सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। मोदी सिर्फ विकास की बात ही नहीं कर रहे उसे धरातल पर ला भी रहे हैं।

तर्क नंबर पांच- ऑनलाइन पेमेंट सुरक्षित नहीं
कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि जब एसपीजी सुरक्षा वाले राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट सुरक्षित नहीं है तो ऑनलाइन लेनदेन की सुरक्षा की गारंटी कैसे दी जा सकती है। कैशलेस अभियान को पटरी से उतारने के लिए कांग्रेसी नेताओं के इसी तरह के अजीबोगरीब बयान सामने आए हैं। भला एसपीजी और ट्विटर अकाउंट हैक होने से ऑनलाइन पेमेंट का क्या लेना-देना। ऑनलाइन पेमेंट को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार कई कदम उठा चुकी है और संबंधित विभागों को इस बारे में दिशानिर्देश भी दे चुकी है। डिजिटल भुगतान के लिए कई स्तर की सुरक्षा अपनाई जा रही है।

नोटबंदी के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ऐसा ब्रह्मास्त्र छोड़ा है जिससे कांग्रेसी नेता खुद अपने ही जाल में उलझ कर रह गए हैं। उन्हें कोई रास्ता नहीं दिख रहा है। ऐसे में पार्टी नेता वो आरोप भी लगा दे रहे हैं जिसके लिए कांग्रेस खुद जिम्मेदार है। डिजिटल भुगतान और कैशलेस अभियान का विरोध करने वाले नेताओं पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने सोमवार को कानपुर में कहा कि जो लोग यह कहते नहीं थकते थे कि भारत में कंप्यूटर और मोबाइल राजीव गांधी लेकर आएं, अब वही लोग गरीबों के पास मोबाइल नहीं होने की शिकायत कर रहे हैं।

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