मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है और सभी पार्टियों के दिग्गज नेता अपने दल के उम्मीदवारों के लिए वोट मांग रहे हैं, जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। पर कांग्रेस नेताओं को राज्य में इस बार भी जीत की उम्मीद नहीं है। ऐसा इसलिए कि राज्य कांग्रेस के दिग्गज नेता, राहुल गांधी के करीबी और कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी मतदाताओं से सिर्फ अपनी जीत की अपील कर रहे हैे, पार्टी की नहीं। इंदौर से विधायक जीतू पटवारी का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह डोर-टू-डोर कैंपेन के दौरान मतदाता से कहते हुए दिखते हैं, “मेरी इज्जत का ख्याल रखना, पार्टी गई तेल लेने”।
#WATCH Congress MLA from Indore’s Rau,Jitu Patwari during door-to door campaigning in Indore, says, “Aapko meri izzat rakhni hai, Party gayi tel lene.” #MadhyaPradesh ( Source: Mobile footage) pic.twitter.com/ZIodfLdwEY
— ANI (@ANI) 23 October 2018
जीतू पटवारी का यह वीडियो मध्य प्रदेश में कांग्रेस के जमीनी हालात की पूरी कहानी बयां करने के लिए काफी है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होते ही लोगों ने कांग्रेस के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली और मजाक भी उड़ाया।
कांग्रेस विधायक को अपनी पार्टी पर भरोसा नहीं है उनको पता है कांग्रेस के नाम पर मैं चुनाव हार जाऊग तभी तो बोल रहे हैं पार्टी जाए तेल लेने मुझे जिताओ इससे साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस की हालत क्या है
— Keshav singh (@KeshavS45) 23 October 2018
Matlab ki mujhe phir se MLA bana do bas, overall toh Congress waise bhi nahi jeetne wali MP ?
— चिरायु। ? (@TimelessSteel) 23 October 2018
राहुल गांधी है तो पार्टी तो तेल लेने ही गयी है । ग़लत क्या है पटवारीजी की बात मैं । गिने चुने दिन बचे है कोंग्रेस पार्टी के ।
— Auditor (@Corrupt_INC1) 23 October 2018
Hahaha. @smitaprakash Ji I think now all the CONgressis have realised the impending results and hence are rushing to buy oil. Shayad Rahul Ji ke swagat ke liye lathi taiyar karwani hai. @JhaSanjay for PM in CONg party. ?
— Gaurav Raj Dubey BJP (@gauravrajtweets) 23 October 2018
Party to kB ki Nikal li Tel lene
— Sujit Kumar (@SujitKu86460812) 23 October 2018
He is not only an MLA but a Working President of MP Congress. #MadhyaPradesh
— YOGESH JOSHI (@ykjoshi) 23 October 2018
Lol…even he is vry well aware about the goodwill of his cONGRESS party…..Bechara pappu….50 ki aayu mai usse kaha kaha aur kis kis ka tel lene jana padega.
— Nk kataria (@IVna_NSkk) 23 October 2018
This is how Congress will win #MadhyaPradesh. Internal dissent, no confidence in party leadership, no CM face in state.
— Tarun Khanna (@Tarun_Khannaa) 23 October 2018
Congress MLA from Rau Says “Mera Khyal Rakhna Party Gai Tel Lene”
This is the real culture and ethios of @INCIndia #CongressGayiTelLene pic.twitter.com/3og8TXU8vb
— Pradeep Mahaur (@Pradeep_Mahaur) 23 October 2018
Sab Ko pata hai pappu ke naam pe koi vote nahi dene waala! ??
— Devil (@Baredevil_) 23 October 2018
सही बात जुबान पर आ ही गयी @jitupatwari
— Poonam bhardwaj ???? (@Poonambh28) 23 October 2018
इसको भी पता है कांग्रेस के नाम से वोट नही मिलने वाला।
— सत्य प्रकाश कुशवाहा (@SATYAPRAKASHKUS) 23 October 2018
?????? कुत्ते कभी कभी अच्छा भोकता है दसजनपती पप्पू मूत्र बढ़िया काम कर रहा है
— Uttam Purohit (@UtamPurohit1) 23 October 2018
I seriously condemn this trend #CongressGayiTelLene@TajinderBagga pic.twitter.com/VDY2zawcn4
— ShubhArambh (@ShubhAarambh_) 23 October 2018
दिग्विजय सिंह भी बयान से खड़ा कर चुके हैं बवाल
वैसे यह कोई पहला वाकया नहीं है। इससे पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि वह इसलिए कांग्रेस की रैलियों में नहीं जाते हैं क्योंकि उनके बोलने से कांग्रेस के वोट कट जाते हैं। उनके इस बयान के बाद से पार्टी सकते में आ गई थी क्योंकि मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह का अच्छा प्रभाव है और उनका यह बयान पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता था। हालांकि इन बयानों का सीधा मतलब यह है कि राज्य के नेताओं को अपने शीर्ष नेतृत्व यानि राहुल गांधी पर भरोसा नहीं है। इन नेताओं को लगता है कि हार का रिकॉर्ड बनाने वाले राहुल की अगुवाई में पार्टी को जीत मिलना तो असंभव है, ऐसे में कम से कम अपनी जीत तो सुनिश्चित कर ली जाए।
आपको बता दें कि जब से राहुल गांधी ने कांग्रेस की कमान संभाली है पार्टी को सिर्फ हार का ही मुंह देखना पड़ा है। यही वजह है कि पार्टी के नेताओं को यह विश्वास ही नहीं है कि राहुल उन्हें जीत दिला सकते हैं। इसलिए विधानसभा चुनाव ही नहीं, अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी के नेता राहुल को लेकर अपने बयान देते रहते हैं। डालते हैं एक नजर।
क्या कांग्रेस ने आम चुनाव से पहले ही मान ली है हार?
कांग्रेस पार्टी ने लोक सभा चुनाव 2019 से पहले ही हार मान ली है। पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश नहीं करेगी। इतना ही नहीं पार्टी के एक दूसरे वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने भी साफ कहा है कि मौजूदा हालात में कांग्रेस का अकेले दम पर सत्ता में आना मुश्किल है। इससे लगता है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब, ख्वाब ही बनकर रह जाएगा। कर्नाटक चुनाव के समय राहुल गांधी ने खुद को पहली बार प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताते हुए कहा कि अगर 2019 का चुनाव जीते तो मैं पीएम बन सकता हूं। हाल ही में मुंबई में हुई कार्यकारिणी की बैठक में भी राहुल गांधी को सर्वसम्मति से गठबंधन का नेता और प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने पर सहमति जताई गई। जाहिर है राहुल गांधी के मन में प्रधानमंत्री बनने के सपने पल रहे हैं, लेकिन सिर्फ तीन राज्यों पंजाब, पुडुचेरी और मिजोरम तक ही सिमट कर रह गई कांग्रेस ने भी अब मान लिया है कि राहुल का पीएम बनना संभव नहीं है।
आखिर राहुल गांधी की राह क्यों है मुश्किल
लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी, मायावती, अखिलेश यादव, शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू, चंद्रशेखर राव जैसे दिग्गज नेताओं ने विपक्ष के नेता के रूप में राहुल की भूमिका को पूरी तरह से नकार दिया है। क्षेत्रीय दलों के इन नेताओं के रूख से स्पष्ट है कि राहुल गांधी 2019 की लड़ाई में अलग-थलग पड़े दिखाई देंगे। शरद पवार, ममता बनर्जी, सीताराम येचुरी, नवीन पटनायक, चंद्रशेखर राव सरीखे नेता दशकों से राजनीति में हैं, इनकी अपने-अपने राज्यों में जनता पर पकड़ भी है, लेकिन एक दूसरे के तहत काम करने को कोई राजी नहीं है।
मायावती टटोल रही हैं अपनी संभावनाएं
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती का रुख भी बेहद कड़ा दिखाई दे रहा है। मायावती खुद को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर देख रही हैं, जाहिर है ऐसे में वह किसी दूसरे के नाम पर राजी कैसे हो सकती हैं। मायावती ने तो राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के साथ किसी भी गठबंधन से इनकार कर दिया। 16 जुलाई को बहुजन समाज पार्टी के एक नेता ने साफ कहा कि राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री नहीं बन सकते।उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा वक्त की मांग है कि मायावती प्रधानमंत्री बनें।
ममता बनर्जी को राहुल मंजूर नहीं
तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साफ कहना है कि उन्हें किसी भी सूरत में राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकार नहीं हैं। ममता बनर्जी ने कहा कि वह राहुल की अगुवाई में काम नहीं कर सकती हैं।
मुलायम सिंह को भी राहुल नामंजूर
लोकसभा चुनावों में महागठबंधन को लेकर मुलायम सिंह यादव ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि वह कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर नहीं देखते हैं और राहुल गांधी को अपना नेता किसी भी तरह से नहीं मानते हैं।
शरद पवार ने दिखाया आईना
जब बाजार में तुअर दाल बिकने आती है तो हर दाना कहता है हम तुमसे भारी… लेकिन कीमत का पता तो बिकने पर ही चलता है।” साफ है राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने यह बयान देकर जाहिर कर दिया है कि राहुल के पीएम बनने वाले बयान को वे गंभीरता से नहीं लेते। उन्होंने संकेत में ही सही, राहुल के पीएम पद की दावेदारी को भी खत्म कर दिया है।
प्रधानमंत्री तो दूर, पीएम पद का उम्मीदवार बनना भी है असंभव-
*राहुल की अगुवाई में विपक्षी क्षत्रपों का जुटना मुश्किल
*विपक्ष के कई दिग्गजों को राहुल की अगुवाई मंजूर नहीं
*विपक्षी मोर्चा बना भी तो उसमें राहुल की भूमिका नगण्य होगी
*विपक्ष की अगुवाई को लेकर आपस में ही मची है रार
*19 दलों के गठबंधन में प्रधानमंत्री पद के 11 उम्मीदवार
*कई राज्यों में कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के रहमोकरम पर
*अब सिर्फ पंजाब, मिजोरम और पुडुचेरी में बची है कांग्रेस