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गुजरात में निचले स्तर पर उतरी कांग्रेस, झूठे आंकड़े पेश कर सवाल दाग रहे राहुल

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गुजरात में चुनावी फायदे के लिए कांग्रेस पार्टी निचले स्तर पर उतर आई है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुजरात सरकार पर निशाना साधने के लिए न सिर्फ बेवजह के सवाल उठा रहे हैं बल्कि झूठ का सहारा लेकर और गलत आंकड़े पेश कर राज्य की जनता को बरगलाने की कोशिश भी कर रहे हैं। रविवार को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गुजरात में महिलाओं के शोषण, महिलाओं के लिए किए गए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया। राहुल ने ट्वीट किया, ‘न सुरक्षा, न शिक्षा, न पोषण बल्कि महिलाओं को मिला तो सिर्फ शोषण, आंगनवाड़ी वर्कर और आशा, सबको दी सिर्फ निराशा। साथ ही उन्होंने अपने ट्वीट के अंत में लिखा है कि ‘गुजरात की बहनों से किया सिर्फ वादा, पूरा करने का कभी नहीं किया था इरादा।‘

महिला साक्षरता का गलत आंकड़ा पेश किया
इतना ही नहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात में महिला साक्षरता को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने इंफोग्राफिक्स के जरिए गुजरात में महिलाओं की साक्षरता से संबंधित कुछ आंकड़े भी ट्ववीट किए हैं। इन आंकड़ों में दिखाया गया है कि 2001 से 2011 के बीच गुजरात में महिला साक्षरता दर में 70.73 से गिरकर 57.8 फीसदी हो गई है।

गुजरात में लगातार बढ़ रही है महिला साक्षरता
राहुल गांधी ने जो भी आंकड़े दिखाए वो गलत हैं। गुजरात में महिला साक्षरता की सच्चाई इसके उलट है। सही आंकड़ों के हिसाब से गुजरात में 2001 से 2011 के बीच महिला साक्षरता में 12.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। यह वृद्धि 1991 से 2001 के बीच हुई 8.9 फीसदी बढ़ोतरी से काफी ज्यादा है। इससे साफ हो गया है कि कांग्रेस पार्टी झूठे आंकड़े पेश कर गुजरात सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रही है।

कांग्रेसी नेताओं में महिलाओं के प्रति नहीं है सम्मान
जहां तक गुजरात में महिलाओं के शोषण की बात है तो, यह बातें राहुल गांधी या फिर किसी और कांग्रेस नेता के मुंह से शोभा नहीं देती है। इतिहास गवाह है कि कांग्रेस पार्टी के नेता महिलाओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने और उनका मजाक उड़ाने खुद की शान समझते हैं। कांग्रेस के नेता महिलाओं के प्रति कितनी घिनौनी सोच रखते हैं लगातार इसके उदाहरण सामने आते रहे हैं। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी हों, शशि थरूर या फिर दिग्विजय सिंह सबने महिलाओं पर ओछे बयान दिये हैं। जाहिर है कि जब राहुल गांधी ही महिलाओं पर शर्मनाक बयान देने में आगे रहे हों तो बाकी नेता पीछे क्यों रहेंगे। राहुल ने 10 अक्टूबर, 2017 को वडोदरा में लोगों से यह पूछा था कि क्या संघ की शाखाओं में महिलाएं स्कर्ट पहने दिखती हैं? इससे पहले भी वो महिलाओं के प्रति अपनी नफरत को दर्शा चुके हैं। 2014 में राहुल गांधी के उस बयान पर जबरदस्त हंगामा हुआ था जिसमें उन्होंने कहा था कि जो लोग मंदिर में देवी पूजा करने जाते हैं, वही लोग बसों में लड़कियों को छेड़ते हैं।

थरूर ने मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर का उड़ाया था मजाक
हाल ही में जब देश मिस वर्ल्ड के एक और ताज मिलने की खुशी में डूबा होता है और लोग मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर की बधाइयां दे रहे थे। तब कांग्रेस के नेता शशि थरूर मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर का मजाक उड़ा रहे थे। उन्होंने छिल्लर को चिल्लर कहकर कटाक्ष किया था। थरूर की गंदी सोच उनके 19 नवंबर, 2017 के ट्वीट से झलकती है जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘हमारी मुद्रा का विमुद्रीकरण करना कितनी बड़ी भूल थी! बीजेपी को इस बात का अहसास होना चाहिए कि भारतीय मुद्रा का विश्व भर में वर्चस्व है, देखिए हमारी चिल्लर भी मिस वर्ल्ड बन गई हैं।’

दिग्विजय ने अपनी पार्टी की सांसद को कहा था ‘टंच’ माल
कांग्रेस के और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने इंदौर में 27 जुलाई, 2013 को अपनी ही पार्टी की सांसद मीनाक्षी नटराजन को टंच माल कहकर संबोधित किया था। कांग्रेस की महिला नेताओं की भी सोच ज्यादा अलग नहीं। 2008 में युवा पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के बाद एक सवाल के जवाब में दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कह डाला था, “महिलाओं को ज़्यादा एडवेंचर्स नहीं होना चाहिए।” वहीं एक और महिला कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने बलात्कार जैसे जघन्य अपराध को लेकर बुलंदशहर में कहा था ‘’Rape is common”

प्रदर्शनकारी महिलाओं पर अभिजीत के बयान से मचा था हंगामा
कांग्रेस ने महिलाओं के जले पर नमक छिड़कने वाले सैकड़ों बयान दिये हैं। दिसंबर, 2012 के दिल्ली गैंगरेप मामले को लेकर आंध्र प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण ने कहा था कि रेप से बचने के लिए औरतों को घर के अंदर ही रहना चाहिए। कांग्रेस सांसद और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने निर्भया गैंगरेप कांड के बाद महिला प्रदर्शनकारियों का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि प्रदर्शन के बाद ये महिलाएं रात को मेकअप से पुतकर पब में जाएंगी।

निरुपम ने स्मृति ईरानी को ठुमके लगाने वाली कहा था
अब सवाल ये उठता है कि किया कांग्रेस पार्टी में महिलाओं के लिए कोई सम्मान है या नहीं? क्या कांग्रेस में महिला नेता अपने बारे में अपने ही नेताओं के गंदे बयान सुनने की अभ्यस्त हो चुकी हैं? कांग्रेस के पूर्व मंत्री दामोदर राउत ने कांग्रेस प्रवक्ता सुलोचना दास पर तो टिप्पणी करते हुए ये कह डाला था कि मुझे पता है किसे खुश करके आप कांग्रेस की प्रवक्ता बनी हैं। कांग्रेस के लिए फिल्म या टीवी से जुड़ी महिलाएं ठुमके लगाने वाली से ज्यादा नहीं हैं। दिसंबर 2012 में कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने एक टीवी चैनल पर बहस के दौरान बीजेपी सांसद स्मृति ईरानी को पैसे के लिए ठुमके लगाने वाली कहा था।

महिलाओं पर शर्मनाक टिप्पणी के आदी हैं कांग्रेसी नेता
महिलाओं के निजी से निजी विषय पर भी कांग्रेसी नेता शर्मसार करने वाली टिप्पणी से बाज नहीं आए हैं। 28 मार्च 2017 को केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने के बाद एम एम हसन ने कहा था कि मासिक धर्म अपवित्र होता है और महिलाओं को उन दिनों में किसी भी पूजा या इबादत की जगह पर नहीं जाना चाहिए।

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