Home विचार ‘भगवा’ को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने रची थी राजनीतिक साजिश!

‘भगवा’ को बदनाम करने के लिए कांग्रेस ने रची थी राजनीतिक साजिश!

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वर्ष 2007 में हैदराबाद के मक्का मस्जिद में बम विस्फोट हुआ था। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने आतंकी संगठन हूजी से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन उन्हें छोड़ दिया गया। इसके बाद देश में हिंदुओं को बदनाम करने की एक साजिश रची गई और नाम दिया गया ‘भगवा आतंकवाद’!

दरअसल इस प्रकरण के जरिये यह दिखाने की कोशिश की गई कि मुसलमान ही नहीं हिंदू भी आतंकी होते हैं। अब 11 वर्षों के बाद इस मामले में कोर्ट ने अपना निर्णय सुना दिया है और सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। जाहिर है यह फैसला कांग्रेस की उस साजिश का पर्दाफाश करता है जिसके तहत हिंदुओं को बदनाम करने के लिए ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे शब्द गढ़े गए थे।

कांग्रेस ने ऐसे रची थी भगवा को बदनाम करने की साजिश
मक्का मस्जिद ब्लास्ट के पीछे हरकत उल जिहाद का हाथ था और ब्लास्ट करने वाला था वाकर अहमद। कहा जाता है कि सोनिया गांधी के निर्देश पर असल आतंकियों को पकड़ने के बाद भगा दिया गया और असीमानंद समेत कई हिंदुओं को फंसा दिया गया। अब कोर्ट के निर्णय से यह साबित हो गया है कि हिंदुओं को बदनाम करने की हर साजिश के सूत्रधार भी रही हैं। अब जब इस मामले में असीमानंद समेत सभी आरोपी बरी हो गए हैं तो कांग्रेस एनआइए पर सवाल उठा रही है, लेकिन भगवा आतंकवाद साजिश रचने को लेकर कोई जवाब नहीं दे पा रही है।

आरवीएस मणि ने किया भगवा को बदनाम करने की साजिश का खुलासा
यूपीए सरकार के दौरान गृह सचिव रहे आरवीएस मणि ने इस मामले की पूरी साजिश सामने ला दी है। उन्होंने कहा, ”हिंदू आतंकवाद जैसा कोई मामला नहीं था, लेकिन मेरे ट्रांसफर के बाद मंत्रालय में ‘हिंदू आतंकवाद’ की कहानी गढ़ी गई। गृह मंत्रालय ने हवा देकर हिंदुओं को बदनाम करने की साजिश रची थी।” उन्होंने कहा कि इस साजिश में साथ नहीं देने के लिए ही उनका गृह मंत्रालय से ट्रांसफर कर दिया गया था। जिसके बाद सरकार के इस रुख से परेशान होकर उन्होंने रिटायरमेंट के 22 महीने पहले की स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली थी। उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय में काम करने का मतलब था कि राजनेताओं का काम करना, इसलिए एक निष्पक्ष ब्यूरोक्रेट के तौर पर काम करना मेरे लिए संभव नहीं था।

कांग्रेस ने भगवा आतंकवाद कह कर हिंदुओं को किया बदनाम
समझौता ब्लास्ट में भी सोनिया गांधी की अगुआई में भगवा आतंकवाद की साजिश रची गई थी। 18 फरवरी, 2007 को समझौता एक्सप्रेस में ब्लास्ट केस में दो पाकिस्तानी मुस्लिम आतंकवादियों को पकड़ा गया था, उसने अपना गुनाह भी कबूल किया था, लेकिन महज 14 दिनों में उसे चुपचाप छोड़ दिया। उनके स्थान पर निर्दोष हिन्दुओं को गिरफ्तार किया गया। समझौता विस्फोट में कांग्रेस को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए सोनिया गांधी, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, शिवराज पाटिल और सुशील कुमार शिंदे ने हिंदू आतंकवाद का जाल बुना और इस केस में स्वामी असीमानंद को फंसाया गया ताकि भगवा आतंकवाद की साजिश को अमली जामा पहनाया जा सके।

भगवाधारी साधु-संतों का अपमान करना कांग्रेस की साजिश
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी अपनी किताब ‘द कोलिशन इयर्स’ में ये खुलासा किया है कि 2004 में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गिरफ्तारी के पीछे सोनिया गांधी हाथ था। जाहिर है इसके मूल में हिंदू विरोध ही था। दरअसल दक्षिण भारत में बेरोक-टोक ईसाई धर्म का प्रचार चल सके इसके लिए वेटिकन के इशारे पर शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को साजिश के तहत गिरफ्तार करवाया गया। हालांकि 2013 में वे बाइज्जत बरी किए गए, लेकिन उन्हें बेकसूर ही 10 वर्षों तक हिंदू होने की सजा भुगतनी पड़ी और जेल के सलाखों के पीछे रहना पड़ा।

हिंदुओं को अपमानित करने का कोई मौका नहीं छोड़ती कांग्रेस
राम सेतु को तोड़ने की पहल हो या फिर राम के अस्तित्व को नकारते हुए अदालत में शपथपत्र दाखिल करना हो, कांग्रेस ने हिंदू समाज को डिमोरलाइज करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। हाल में जब अदालत में तीन तलाक के मुद्दे पर बहस हो रही थी तो कांग्रेस के नेता कपिल सिब्बल ने भगवान राम की तुलना तीन तलाक और हलाला से कर दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह राम हिंदुओं के लिए आस्था का सवाल है उसी तरह तीन तलाक और हलाला मुसलमानों की आस्था का मसला है।

आप नेता ने भगवा पहनकर मस्जिद के सामने लहराई तलवार
भगवा रंग को बदनाम करने के लिए कांग्रेस की रची इस साजिश का हिस्सा अब कई राजनीतिक दल बन चुके हैं। रामनवमी के दिन दिल्ली शाहदरा इलाके में मस्जिद के बाहर भगवा रंग के कपड़े पहन कर भड़काऊ नारे लगाए और माहौल खबर करने की कोशिश की। एक समाज की भावनाओं को आहत कर हिंदू-मुस्लिम फसाद कराने की साजिश रची गई। आरोप भारतीय जनता पार्टी पर लगाए गए।

हालांकि इस मामले की अब पोल खुल गई है और अरविंद केजरीवाल की साजिश सामने आ गई है। दरअसल मस्जिद के सेक्रेटरी ने खुलासा किया है कि नारा लगाने वालों में आम आदमी पार्टी के विधायक और विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल का बेहद करीबी है और पार्टी का कार्यकर्ता है।


बीएसपी नेता ने अंम्बेडकर मूर्ति को भगवा कर पैदा किया विवाद
उत्तर प्रदेश के बदायूं में डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर की प्रतिमा विखंडित कर दी गई। प्रशासन ने त्वरित एक्शन लेते हुए मूर्ति दोबारा बनवा दी। हालांकि बहुजन समाजवादी पार्टी के नेताओं ने बाबा साहेब की भगवा रंग की मूर्ति लगवा दी और भाजपा को बदनाम करने के लिए खूब शोर मचाया। जब मामले से पर्दा उठा तो पता लगा कि मयावती के कहने पर इसकी एक सुनियोजित साजिश रची गई थी और बदायूं जिले के बहुजन समाजवादी पार्टी के हिमेंद्र गौतम ने बाबासाहेब की प्रतिमा को भगवा रंग से रंगा था।

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