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कांग्रेस और वाम दलों ने दलितों के भारत बंद को हाईजैक कर हिंसा फैलाई!

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एससी/एसटी कानून में बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में देशभर में दलित संगठनों का सोमवार को भारत बंद हिंसक हो गया। बताया जा रहा है कि कांग्रेस और वामदलों के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंच कर भारत बंद को हिंसक रूप दे दिया है। मध्य प्रदेश के मुरैना में हुई झड़प में जहां एक युवक की मौत हो गई है। वहीं, ग्वालियर दो लोगों के मरने की खबर है। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में भी एक शख्स की मौत की खबर है। उत्तर प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, सहारनपुर, बागपत, मुजफ्फरनगर आदि शहरों में प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया। राजस्थान के बाड़मेर और मध्य प्रदेश के भिंड में दो गुटों में हुई झड़प में करीब 30 लोग जख्मी हुए हैं। बाड़मेर में कई वाहनों में आग लगाई गई है। पंजाब, बिहार, और ओडिशा में भी बंद का व्यापक असर है। यहां प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ रेल रोका है बल्कि सड़क जाम कर परिवहन व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाया है। दलितों के हिंसात्मक प्रदर्शन के चलते देश भर के कई जगहों पर कर्फ्यू लगा दिया गया है। आप तस्वीरों के जरिए देख सकते हैं कि किस तरह दलित संगठनों ने उत्पात मचाया है।

प्रदर्शनकारियों में घुसे कांग्रेस और लेफ्ट कार्यकर्ता
बड़ा सवाल यह कि आखिर दलित संगठन यह प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की बात कहने के बाद भी इन लोगों को किसने भड़काया है? बताया जा रहा है कि दलितों के प्रदर्शन को कांग्रेस, वामदलों समेत दूसरी पार्टियों ने हाईजैक कर लिया है। इन दलों के कार्यकर्ता प्रदर्शनकारियों के बीच शामिल हो गए हैं, और तोड़फोड़ कर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। दलितों के भारत बंद के दौरान यूपी के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन और आगजनी की घटना पर प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने कहा कि रविवार रात ही को जिलों के डीएम और एसएसपी को अलर्ट किया गया था। उन्होंने साफ कहा है कि मेरठ, हापुड़, आगरा और गाजियाबाद में हुई हिंसा प्री-प्लानिंग का हिस्सा प्रतीत हो रही है।

केंद्र सरकार ने SC में दायर की पुनर्विचार याचिका
केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जा चुकी है। देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को ही इसकी जानकारी दी थी, सोमवार को भी उन्होंने ट्वीट कर बताया कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की जा चुकी है।

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