सदी की सबसे बुरी बाढ़ की विभीषिका झेल रहे गुजरात में त्राहिमाम है। बनासकांठा सहित दस जिलों में अब तक 215 से अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। सरकार हर स्तर पर राहत और बचाव कार्य में लगी हुई है। गुजरात के सीएम विजय रूपानी आज (02 अगस्त) अपने जन्मदिन पर भी बाढ़ पीड़ितों के बीच बनासकांठा में मौजूद हैं। लेकिन दूसरी ओर की सच्चाई ये है कि आम लोगों को बाढ़ के बीच छोड़कर कांग्रेस के विधायक बेंगलुरु के रिसॉर्ट में मस्ती कर रहे हैं। संवेदनहीनता का आलम यह है कि राज्यसभा प्रत्याशी अहमद पटेल ने ये दावा किया है कि विधायक बेंगलुरु से स्थिति पर नजर बनाए रखे हैं और हर मुमकिन मदद भी कर रहे हैं। दरअसल कांग्रेस का नेतृत्व हो या जन प्रतिनिधि, यह उनकी कार्यसंस्कृति ही रही है कि वे मुसीबत के समय आम जनता को दगा दे जाते हैं।
मंदसौर में किसानों को छोड़ भाग गए थे राहुल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी जून के पहले पखवाड़े में पुलिस फायरिंग में मारे गए किसानों के परिजनों से मिलने के लिए मंदसौर गए थे। दिल्ली वापिस लौटते हुए उन्होंने उदयपुर में किसानों से मुलाकात की थी और कहा था कि वे केंद्र की मोदी सरकार से उनके हक की लड़ाई लड़ेंगे। लेकिन सबकुछ बीच में छोड़कर राहुल अपनी नानी के घर छुट्टियां मनाने चले गए। देश में किसान आंदोलन भड़की हुई आग के बीच कांग्रेस के युवराज का यूं विदेश चले जाने से किसान आहत हुए। दरअसल उनके विदेश दौरे के दौरान ही 19 जून यानि राहुल का जन्मदिन था। बहरहाल किसानों को यूं मझधार में छोड़ जाना राहुल और कांग्रेस की फितरत बताता है।
Will be travelling to meet my grandmother & family for a few days. Looking forward to spending some time with them!
— Office of RG (@OfficeOfRG) June 13, 2017
जरूरत के वक्त ‘रणछोड़’ हैं राहुल !
एक नजर राहुल के उन दौरे पर जब भारत अहम मुद्दों से जूझ रहा था और कांग्रेस उपाध्यक्ष विदेश निकल गए
-16 दिसम्बर 2012 को हुए निर्भया रेप और हत्या मामले में दिल्ली और देशभर में छिड़े आंदोलन के बीच भी राहुल विदेश दौरे पर थे। तब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी।
-भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्संस्थापन (संशोधन) विधेयक 2015 के लोकसभा द्वारा 10 मार्च, 2015 को पारित होने के समय भी वह संसद में मौजूद न रहकर विदेश दौरे पर थे।
-दादरी में 28 सितंबर 2015 को अखलाक की हत्या मामले पर जब पूरे यूपी में सियासी बवाल मचा हुआ था तब भी राहुल भारत में मौजूद नहीं थे।
-साल 2016, नवंबर में नोटबंदी के समय भी वह बीच में ही विदेश दौरे पर निकल गए थे।
फजीहत के डर से आई बाढ़ पीड़ितों की याद
गुजरात में बाढ़ से त्राहिमाम है दूसरी तरफ राजनीतिक तापमान बढ़ा हुआ है। इस बीच खबर है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दो दिवसीय दौरे पर गुजरात आएंगे। दो दिन के दौरे में वे बनासकांठा और पाटण के बाढ़ग्रस्त इलाकों में जाकर लोगों से मुलाकात करेंगे। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि पहले तो उन्होंने अपने विधायकों को अपनी जनता से दूर कर दिया है और अब वे सिर्फ मीडिया को अपना चेहरा दिखाने गुजरात जा रहे हैं। क्या राहुल को यह नहीं पता है कि पीएम मोदी गुजरात के हालात का जायजा भी ले चुके हैं और 500 करोड़ के राहत पैकेज का एलान भी कर दिया है। दरअसल खबरें तो ये हैं कि राहुल गांधी राज्यसभा के लिए कांग्रेस प्रत्याशी अहमद पटेल के लिए वोटों की सेटिंग के लिए जा रहे हैं न कि बाढ़ पीड़ितों का दर्द जानने।
… तो इसलिए असम नहीं गए कांग्रेस के युवराज
दरअसल गुजरात में 8 अगस्त को राज्यसभा चुनाव हैं और उसके चंद महीनों बाद गुजरात विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। राहुल गांधी का यह दौरा इस लिहाज से ही सेट की गई है कि इसका राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। सवाल यह है कि अगर राहुल की राजनीतिक मंशा नहीं है तो वे असम और पूर्वोत्तर के दौरे पर क्यों नहीं गए। पूरा पूर्वोत्तर बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है, पीएम ने 2350 करोड़ का पैकेज भी दे दिया लेकिन राहुल एक दौरा तक नहीं कर सके। दरअसल सियासत में संवेदनशीलता भूल बैठे राहुल अपने 44 विधायकों को बेंगलुरू में फाइव स्टार सुविधाओं के बीच रखे हुए हैं और खुद पूर्वोत्तर न जाकर गुजरात जा रहे हैं, जाहिर है जहां चुनाव होगा वहां राहुल होंगे।
44 कैद विधायकों को आ रही घर की याद
रिजॉर्ट में कैद गुजरात के 44 विधायकों को घर की याद आ रही है, वे अपनी जनता के बीच जाने की चाहत रखते हैं, उन्हें घर के खाने की खुशबू खींच रही है। लेकिन कांग्रेस के आलाकमान के हुक्म पर उन्हें अभी कर्नाटक में ही कैद रखने का आदेश है। कर्नाटक के ऊर्जा मंत्री डी के शिवकुमार जिनका ईगलटन रिसॉर्ट है, उन्होंने कहा है कि वे उन्हें गुजराती खाना इसी रिजॉर्ट में मुहैया कराएंगे। बहरहाल ऊर्जा मंत्री के रिजॉर्ट में कैदी कांग्रेस फिलहाल स्वीमिंग पुल में तैराकी का आनंद ले रहे हैं। जाहिर है ऐसा करके वे गुजरात की दो करोड़ बाढ़ पीड़ित जनता के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं।