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पी चिदंबरम के खिलाफ कसा सीबीआई का शिकंजा, देखिए कितनी बड़ी घोटालेबाज है चिदंबरम एंड फैमिली

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ सीबीआई का शिकंजा कसता जा रहा है। एयरसेल-मैक्सिस घोटाले में सीबीआई ने पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ एक नई चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में चिदंबरम और कार्ति के अलावा सीबीआई ने लोकसेवकों समेत 10 व्यक्तियों और छह कंपनियों को आरोपी बनाया है। अगर इन पर दोष साबित हो जाता है तो पी चिदंबरम समेत सभी आरोपियों को 7 साल तक की सजा हो सकती है।

आपको बता दें कि कुल 3,500 करोड़ रुपये के एयरसेल-मैक्सिस सौदे तथा 305 करोड़ रुपये के आईएनएक्स मीडिया मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम की भूमिका जांच के घेरे में है। सीबीआई मामले में यह जांच कर रही है कि चिदंबरम जो कि 2006 में वित्त मंत्री थे, उन्होंने कंपनी को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की तरफ से मंजूरी किस प्रकार दे दी, जबकि ऐसा करने का अधिकार केवल मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति के पास था।

यूपीए शासन के दस वर्षों के शासन में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम पर अपने पद का दुरुपयोग कर दोनों हाथों से देश को लूटने का आरोप है। हाल ही में उनके बेटे कार्ति चिदंबरम ने खुलासा किया है कि दुनियाभर में उनकी 6 लाख करोड़ के अधिक की संपत्ति है। एक नजर डालते हैं चिदंबर एंड फैमिली के घोटालों की लिस्ट पर-

6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का मालिक है चिदंबरम परिवार!
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व वित्त मंत्री पी चिंदबरम और उनके परिवार ने गैरकानूनी तरीके से अकूत दौलत कमाई है। दुनिया भर में चिदंबरम परिवार की हजारों करोड़ नहीं बल्कि लाखों करोड़ रुपये की संपत्ति फैली हुई है। जी हां, पहले इस तरह के सिर्फ आरोप लगते थे, लेकिन अब पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने खुद यह बात कबूल की है। कार्ति चिदंबरम ने एक व्हाट्सएप चैट के दौरान यह खुलासा किया है कि उसकी छह लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की संपत्ति पूरी दुनिया में फैली हुई है। इतना ही नहीं उसने यह भी बताया है कि इस संपत्ति की वजह से दुनिया के ज्यादातर देशों में वीजा की जरूरत तक नहीं होती। वह अपनी इच्छा के मुताबिक जब चाहें तब दुनिया के किसी भी देश में जा सकता है और वहां रह भी सकता है।

मुकेश अंबानी से भी अमीर हैं चिदंबरम!
कार्ति चिदंबरम ने जो दावा किया है कि उसके मुताबिक एशिया के सबसे बड़े अमीर मुकेश अंबानी से भी अधिक संपत्ति चिदंबरम परिवार के पास है। जाहिर है कि इनकम टैक्स की घोषणा में इस अकूत दौलत का खुलासा चिदंबरम एंड फैमिली ने नहीं किया है, इसलिए आरोप लगाए जा रहे हैं कि यह सारा कालाधन है, जो दशकों से लूट कर चिदंबरम एंड फैमिली ने जमा किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस वाट्सएप चैट में कार्ति चिदंबरण लिखता है कि “मुझे पासपोर्ट की जरूरत ही नहीं है, क्योंकि मेरे पास 6 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो मुझे ग्लोबल एचएनआई की श्रेणी प्रदान करता है। मैं अपनी इच्छा के अनुरूप दुनिया के अधिकांश देशों में जा सकता हूं और वहां रह भी सकता हूं।”

कार्ति चिदंबरम के खुलासे पर www.pgurus.com ने विश्लेषण किया है और पी चिदंबरम द्वारा जुटाई गई संपत्ति का आकलन किया है। पीगुरु के मुताबिक पी चिदंबरम ने स्टॉक मार्केट घोटाला, बेनामी संपत्ति, विदेशी खाते और लोन मंजूरी के बदले कमीशन से यह अकूत दौलत एकत्र की है। आरोप है कि इन्हीं चार स्रोतों से चिदंबरम ने इतनी अकूत संपत्ति बनाई है। पीगुरु ने कहा है कि जिस प्रकार देश के बड़े से बड़े घोटाले में पी चिदंबरम और उनका परिवार शामिल है और जितनी घोटाले की राशि सामने आई है अगर उसे जोड़ दिया जाए तो निश्चित रूप से कार्ति चिदंबरम का दावा सही बैठता है। 

सत्ता की मदहोशी में चिदंबरम एंड फैमिली ने लोकतंत्र को बना डाला लूटतंत्र!
कहा जाता है कि लोकतंत्र लोकलाज से चलता है, लेकिन केंद्र में यूपीए सरकार के दौरान भ्रष्ट कार्यसंस्कृति ने अपनी जड़ें जमा ली थीं। लोकलाज को ताक पर रख कर लूटतंत्र का बोलबाला हो गया था। कोयला घोटाला, टू जी घोटाला, कॉमनवेल्थ घोटाला… जैसे महाघोटालों की लंबी फेहरिस्त है। दरअसल सत्ता के दंभ में कांग्रेसियों ने सिर्फ यही सीखा कि अमीर पूंजीपतियों के साथ मिल कर देश के संसाधनों को कैसे लूटा जाए?

मोदी सरकार की सख्ती से खुल रही चिदंबरम एंड फैमिली के लूटतंत्र की पोल
यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहते हुए पी चिदंबरम ने फर्जीवाड़ों और घोटालों के जो खेल किए हैं, उसके लगातार खुलासे हो रहे हैं। 11 मई को आयकर विभाग ने पी चिदंबरम के परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ काला धन कानून के तहत चार चार्जशीट दायर की है। ये चार्जशीट चिदंबरम की पत्नी नलिनी, बेटे कार्ति और बहू श्रीनिधि के खिलाफ हैं। दरअसल पूर्व वित्त मंत्री अनेकों घोटालों के सूत्रधार रहे हैं, क्योंकि उन्होंने जानकारी होने के बावजूद ऐसे कई काम किए जो देश के खजाने को नुकसान पहुंचाने वाले थे।

चिदंबरम एंड फैमिली ने आयकर विभाग को अधेरे में रखा
आयकर विभाग की चार्जशीट के अनुसार पी चिदंबरम एंड फैमिली ने अपने निवेश की जानकारी टैक्स अधिकारियों को नहीं दी थी। चिदंबरम के बेटे कार्ति के सह स्वामित्व वाली कंपनी चेस ग्लोबल एडवाइजरी ने भी इस बारे में नहीं बताया, जो नियमों का उल्लंघन है। गौरतलब है कि चिदंबरम के परिवार के इन सदस्यों की यूनाइटेड किंगडम के कैंब्रिज में 5.37 करोड़ की संपत्ति है। ब्रिटेन में ही 80 लाख की एक और संपत्ति है, वहीं अमेरिका में 3.28 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति भी है।

चिदंबरम एंड फैमिली ने 14 देशों में छिपाई काली कमाई
आयकर विभाग के अनुसार चिदंबरम और उनके परिवार ने 14 देशों में 3 अरब डॉलर यानि लगभग 20 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति गैरकानूनी तरीके से कमाई है। इसके अलावा विदेशी बैंकों में कुल 21 अकाउंट का भी अब तक पता चल चुका है। गौरतलब है कि चिदंबरम एंड फैमिली की लूट का पता तब चला था, जब दिसंबर 2015 में एयरसेल मैक्सिस घोटाले में छापेमारी हुई थी। तब उनकी बेनामी संपत्तियों से जुड़े कई दस्तावेज पकड़े गए थे।

भारत के नवाज शरीफ हैं चिदंबरम– निर्मला सीतारमण
चिदंबरम और उनके परिवार पर करीब 9 करोड़ रुपये की विदेशी संपत्ति का खुलासा न करने को लेकर यह चार्जशीट दाखिल की गई है। यह चार्जशीट इंपोजिशन ऑफ टैक्स ऐक्ट, 2015 के तहत चेन्नई की स्पेशल कोर्ट में फाइल की गई है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने चिदंबरम के लूटतंत्र की तुलना पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के घोटालों से की है। गौरतलब है कि नवाज शरीफ को विदेशी संपत्ति के मामले में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा है।

नीरव मोदी-मेहुल चोकसी से चिदंबरम के ‘अनैतिक’ रिश्ते
2013 में लॉन्च की गई 80:20 गोल्ड आयात स्कीम को लेकर राजस्व खुफिया महानिदेशालय (डीआरआई) ने आपत्ति की थी, लेकिन पी चिदंबरम ने उसे लागू कर दिया। गौरतलब है कि 80:20 स्कीम के तहत जिन 7 कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया, उनके भगोड़े घोटालेबाज नीरव मोदी और मेहुल चोकसी से संबंध हैं। दरअसल इस योजना का इस्तेमाल चोकसी सहित अन्य जूलर्स ने ब्लैक मनी की राउंड ट्रिपिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया। राउंड ट्रिपिंग के तहत कालाधन देश के बाहर जाता है और व्हाइट बनकर वापस लौटता है।

सात अन्य मामलों में भी जांच के घेरे में है पी चिदंबरम
पी चिदंबरम यूपीए सरकार में मई 2004 से 2009 और अगस्त 2012 से मई 2014 के बीच दो बार वित्तमंत्री थे। ईडी ने पी चिदंबरम के वित्तमंत्री रहते हुए दिये गए कुल 2721 एफआइपीबी क्लीयरेंस की पड़ताल की थी, इनमें 54 मामले संदेहास्पद पाए थे। ईडी ने इन सभी मामले की फाइल एफआइपीबी से तलब की और उनकी गहन पड़ताल की। कुल आठ ऐसे मामले मिले जिनमें सीधे तौर पर गड़बड़ी के सबूत मिले। गौरतलब है कि इन सभी मामलों में एफआइपीबी क्लीयरेंस पाने वाली कंपनियों की ओर से कार्ति चिदंबरम और उनकी सहयोगी की कंपनियों में निवेश किया गया था।

भ्रष्टाचार पर पीएम मोदी के सख्त एक्शन से खुली पोल
अफसरशाही में पकड़ की बदौलत चिदंबरम एंड फैमिली के विरुद्ध मामला लटकता रहा। बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी और नये ब्लैकमनी और बेनामी कानून के तहत केस दर्ज करने की मांग की । इसके बाद पीएम मोदी ने सीधे इस मामले की निगरानी शुरू कर दी, हालांकि इसके बावजूद वित्त मंत्रालय के कुछ अफसरों ने चिदंबरम को बचाने की कोशिश जारी रखी, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई।

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