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मोदी राज में हाईटेक होते गांव, अगले साल मार्च तक सभी ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्‍शन

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ग्रामीण भारत में इंटरनेट पहुंचाने का काम तेजी से हो रहा है। केंद्र सरकार ने मार्च, 2019 तक देश के करीब सभी ढ़ाई लाख ग्राम पंचायतों को इंटरनेट और ब्रॉडबैंड कनेक्‍शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 7 नवंबर, 2019 तक कुल एक लाख 28 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों को यह सेवा उपलब्‍ध कराई जा चुकी है। राज्य सभा में एक लिखित उत्‍तर में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि अब तक लगभग 45 हजार ग्राम पंचायतों में वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित कर दिए गए हैं और 16 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। सभी गांवों को हाई स्पीड इंटरनेट सेवाओं से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने भारत नेट कार्यक्रम शुरू किया है, इसके 20 करोड़ से भी ज्यादा ग्रामीण आबादी लाभान्वित होगी। देश की सभी ग्राम पंचायतों को इंटरनेट सेवा से जोड़ने के लिए भारत नेट योजना के तहत सभी ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है।

इंटरनेट से 20 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण आबादी की होगी तरक्की
देश को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ने की दिशा में मोदी सरकार किस तेज रफ्तार से काम कर रही है, इसका अंदाजा आपको इससे होगा कि 2011 में शुरु हुई भारत नेट योजना के तहत 2014 तक यूपीए शासनकाल के दौरान सिर्फ 358 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर बिछाया गया था। जबकि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में नवंबर, 2019 तक 3,83,462 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर का जाल फैलाया जा चुका है। भारत नेट परियोजना ने प्रतिदिन 800 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर डालकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट की पहुंच से 20 करोड़ से ज्यादा ग्रामीण आबादी को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, कौशल, ई-कृषि, ई-वाणिज्य जैसे सेवाओं तक पहुंचने में मदद मिलेगी, और सही मायने में डिजिटल तौर पर देश का सर्वांगीण विकास हो सकेगा।

डिजिटल इंडिया का सपना हो रहा साकार
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से डिजिटल इंडिया में बदल रहा है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में देश को डिजिटल बनाने के लिए कई कदम उठाए गए। वहीं दूसरे कार्यकाल में भी इस दिशा में लगातार कोशिशें जारी हैं। सरकार ने अब सभी गांवों में ग्रामनेट के जरिये जल्द ही वाई फाई सुविधा उपलब्ध कराने का फैसाल किया है। जिसकी कनेक्टिविटी 10 एमबीपीएस से 100 एमबीपीएस स्पीड के बीच होगी, जबकि भारतनेट एक जीबीपीएस कनेक्टिविटी उपलब्ध करा रहा है, जिसे 10 जीबीपीएस तक बढ़ाया जा सकता है और सी-डॉट के एक्सजीएसपीओएन से इस लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत सहायता मिलेगी।

उपग्रह के जरिये जुड़ेंगे गांव
सी-डॉट की सी-सैट-फाई प्रौद्योगिकी से खासतौर से गांव और दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को फायदा होगा। इसके जरिये उन्हें टेलीफोन और वाई-फाई सुविधाएं मिलेंगी। इस प्रौद्योगिकी से देश के सभी भागों में यह सुविधा सभी मोबाइल फोनों पर उपलब्ध होगी । सुदूर स्थानों पर रहने वाले लोग उपग्रह के जरिये संपर्क प्राप्त करके मुख्यधारा से जुड़े सकेंगे। सुदेर क्षेत्रों में फाइबर लाइन बिछाना कठिन होता है और वहां इंटरनेट उपलब्ध नहीं है।

एक नजर डालते हैं मोदी सरकार के उन कदमों पर जो डिजिटल इंडिया के तहत उठाए गए हैं और देश के जन-जन को फायदा पहुंचा रहे हैं-

भारत में सबसे सस्ता डेटा
प्रधानमंत्री मोदी की दूरदर्शी सोच और मजबूत इच्छाशक्ति के कारण आज भारत में सबसे सस्ता दर पर इंटरनेट डेटा उपलब्ध है। भारत में डिजिटल क्रांति में यह सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 230 देशों में भारत में सबसे कम कीमत में डेटा उपलब्ध कराया जाता है। सस्ते डाटा की इस रेस में भारत ने अमेरिका जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। जियो की मार्केट में एंट्री के बाद से ही सभी टेलिकॉम कंपनियों के बीच प्राइस वॉर छिड़ गई है और यह वॉर अब तक जारी है।

न्यू इंडिया का सपना हो रहा है साकार (जुलाई 2019 तक)
1.40 करोड़ से अधिक किसान e-NAM पोर्टल से जुड़े।
2.38 करोड़ से ज्यादा लोग डिजिलॉकर का कर रहे इस्तेमाल।
1.84 करोड़ विद्यार्थियों को ऑनलाइन मिल रही स्कॉलरशिप।
1.19 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया।
123 करोड़ लोगों का जारी किया गया आधार कार्ड।

3000 रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त में वाई-फाई की सुविधा
डिजिटल इंडिया की दिशा में अपना सफर जारी रखते हुए भारतीय रेल ने 20 अगस्त, 2019 को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए देश के 3000 रेलवे स्टेशनों पर मुफ्त वाई फाई की सुविधा प्रदान कर दी। इनमें से एक हजार स्टेशनों पर यह सुविधा केवल 15 दिन में मुहैया कराई गई है। उत्तर पश्चिम रेलवे के बीकानेर मंडल में स्थित ऐलनाबाद तीन हजारवां रेलवे स्टेशन है। इससे पहले तीन अगस्त को राजस्थान का राणा प्रताप स्टेशन दो हजारवां रेलवे स्टेशन बना जहां मुफ्त वाई फाई की सुविधा प्रदान की गयी। रेलवे की योजना लगभग सभी 6000 रेलवे स्टेशनों पर वाई फाई की सुविधा प्रदान करने की है।

किसानों से मिटती दूरी
मोदी सरकार ने विकास के क्रम में किसानों के, गांवों के बीच की खाई को पाटने के लिए ऐसे कई एप जारी किए हैं, जो सीधे तौर पर इस वर्ग की समस्याओं का समाधान करते हैं। जैसे- इ-पंचायत द्वारा ग्रामीण वर्ग अपने लिए बनी सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करके उनका लाभ उठा सकता है। एम किसान, किसान पोर्टल, किसान सुविधा एप, पूसा कृषि, सॉयल हेल्थ कार्ड एप, इनाम, फसल बीमा मोबाइल एप, एग्री मार्केट एप, फर्टिलाइजर मोबाइल एप आदि ऐसे एप हैं, जो किसान और बाजार के बीच एक ऐसा समन्वयन स्थापित करते हैं, जिनकी सहायता से किसान घर बैठे उन्नत खेती और उसके विकास से जुड़ी सभी प्रकार की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकता है। भूमि की उर्वरकता की जानकारी से लेकर मंडी में फसलों के उचित रेट तक का संपूर्ण ज्ञान इसमें मौजूद है। इससे किसान बिचौलियों द्वारा किए जाने वाले शोषण से भी बच सकता है। 

अब घर बैठे बनेगा पासपोर्ट
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया की मुहिम को जन जन तक पहुंचाने में लगी है। मोदी सरकार इस मुहिम में कामयाब भी हो रही है। चाहे पैसों के लेनदेन की बात हो, टिकट बुकिंग, गैस बुकिंग, ऑनलाइन टैक्स भरने की बात हो, ऐसे हजारों काम है जो डिजिटल इंडिया की वजह से चुटकियों में होने लगे हैं। अब मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया मुहिम के तहत पासपोर्ट सेवा एप लॉन्च किया है। इस एप के जरिए कोई भी घर बैठे ही पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है। इस एप को एप्पल एप स्टोर और गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

पीएम मोदी की पहल से देश को मिली डिजिटल लाइब्रेरी 
प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया से देश के सभी पुस्तकालयों को एक क्लिक दूरी पर समेट दिया गया है। पीएम मोदी की पहल पर राष्‍ट्रीय पठन-पाठन दिवस (20 जून) के अवसर पर पूर्व केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) देश को समर्पित की। यह लाइब्रेरी सूचना व संचार तकनीक (एनएमईआरसीटी) के माध्‍यम से राष्‍ट्रीय शिक्षा मिशन के तत्‍वावधान में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परियोजना है। राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों को डिजिटल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट उपलब्‍ध कराना है और उन्हें ज्ञान प्राप्ति के लिए प्रेरित और सशक्‍त करना है। आईआईटी खड़गपुर ने भारतीय राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी को विकसित किया है। 

200 भाषाओं में 1.76 करोड़ स्टडी मैटेरियल एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध 
राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी में 200 भाषाओं में 160 स्रोतों की 1.7 करोड़ स्टडी मैटेरियल उपलब्ध हैं, इसमें पाठ्य पुस्‍तक, निबंध, वीडियो-आडियो पुस्‍तकें, व्‍याख्‍यान, उपन्‍यास तथा अन्‍य प्रकार की शिक्षण सामग्री शामिल हैं। पूर्व एचआरडी मंत्री जावड़ेकर ने कहा कि डिजिटल लाइब्रेरी से डिजिटल भारत के एक नये युग की शुरुआत हो गई है। यह वेबसाइट और एनडीएल मोबाइल ऐप के रूप में उपलब्ध है। कोई भी व्‍यक्ति, किसी भी समय और कहीं से भी राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी का उपयोग कर सकता है। यह सेवा नि:शुल्‍क है और ‘पढ़े भारत, बढ़े भारत’ के संदर्भ में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

डिजिटल एम्स’ से सुधरती स्वास्थ्य सेवाएं
एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क होता है। यह स्वास्थ्य चाहे देश का हो या व्यक्ति का। भारत में स्वास्थ्य सेवाओं का जो इतिहास रहा है, वह सर्वविदित है। इस सत्य को बदला है मोदी सरकार ने। ‘डिजिटल एम्स’ मोदी सरकार की एक ऐसी ही महत्वाकांक्षी योजना है, जो स्वास्थ्य सुविधाओं को सीधे सामान्य जन से जोड़ती है। इसका उद्देश्य यूएआईडीएआई और एम्स से सीधे तौर पर जोड़ना है। इ-स्वास्थ्य योजना स्वास्थ्य योजनाओं का एक सीधा-सरल विकल्प है। एमरक्त कोष सभी ब्लडबैंकों को आपस में जोड़ने का कार्य करता है, जो जरूरतमंद लोगों को सीधे तौर पर लाभान्वित करता है।

महिला-सुरक्षा से लेकर प्रशासनिक तंत्र तक डिजिटलीकरण
महिला-सुरक्षा एक ऐसा विषय है, जिसे लंबे समय से एक सशक्त और प्रभावी समाधान की तलाश थी। ‘निर्भया एप’ और ‘हिम्मत एप’ ऐसे माध्यम के रूप में ऐसे ही विकल्प सामने आए हैं, जो किसी भी प्रकार की विपत्ति के समय महिलाओं की सुरक्षा को सशक्त बनाते हैं। ये वर्तमान समय में महिलाओं की जीवनशैली, उनके कामकाजी जीवन, उनकी सुरक्षा आदि को बल देते हैं।

पारदर्शी हुआ सरकारी तंत्र
डिजिटल इंडिया माध्यम से देश को डिजिटल के तौर पर सशक्त ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने का पूर्ण प्रयास किया जा रहा है। डिजिटल इंडिया का लाभ पहुंचाने के लिए देश में 2.5 लाख कॉमन सर्विस सेंटर का नेटवर्क स्थापित किए गए। इस उद्यमिता से गरीब, वंचित, दलित एवं महिलाओं को बड़ी संख्या में जोड़ा गया, ताकि ‘सबका साथ सबका विकास’ की अवधारणा को आगे बढ़ाया जा सके। इन केंद्रों में महिलाएं जन औषधि, आधार सेवा, टिकेट बुकिंग जैसी इकाइयों के साथ जुड़कर कार्य कर रही हैं। डिजिटलीकण द्वारा कार्य में दक्षता लाकर, मानवीय श्रम को कम करके तथा उत्पादन में बढ़ोतरी द्वारा प्रत्येक क्षेत्र में क्रांति उत्पन्न करने के प्रयास जारी है। यह सर्वविदित सत्य है कि वर्तमान मोदी सरकार के कार्यकाल में डिजिटलीकरण के कारण संपूर्ण शासन प्रणाली में, शिक्षा के क्षेत्र में, स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भारी सुधार हुआ है। कैशलेस अर्थव्यवस्था और डिजिटल लेन-देन व्यावहारिक रूप ले चुके हैं।

मोदी शासन अपने कार्य में पारदर्शिता के प्रति आरंभ से ही कटिबद्ध है, इसलिए उसने प्रशासनिक कार्यप्रणाली के स्तर से लेकर न्याय व्यवस्था तक में सबकी भूमिका स्पष्ट करने हेतु अनेक एप जारी किए हैं। इन सबका उद्देश्य ‘हार्ड वर्क’ को ‘स्मार्ट वर्क’ में बदलना है, जो तकनीक के विकास के माध्यम से ही संभव है, क्योंकि आज विकास में भारत की दावेदारी विश्व-मंच पर है।

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