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मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों का असर, पहली तिमाही में मिलेंगे नौकरियों के बंपर मौके

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार की नीतियों के चलते रोजगार के क्षेत्र में लगातार प्रगति देखने को मिल रही है। आर्थिक मोर्चे पर देश लगातार तरक्की कर रहा है और अर्थव्यवस्था मजबूत होने के चलते युवाओं को रोजगार मिलने का अधिक मौका मिल रहा है। एक सर्वे के मुताबिक नए साल में युवाओं को नौकरियों के बंपर मौके मिलने का सिलसिला जारी रहेगा। मैनपॉवर ग्रुप के ताजा रोजगार आउटलुक सर्वे के मुताबिक नए वर्ष की पहली तिमाही (जनवरी-मार्च 2018) में कर्मचारी भर्तियों में तेजी बने रहने की उम्मीद है। यह सर्वे पूरे देश में 4,500 से अधिक नियोक्ताओं के बीच आयोजित किया गया था। इस सर्वें में तमाम सेक्टरों में काम कर रही शीर्ष कंपनियों को शामिल किया गया था।

मजबूत अर्थव्यवस्था से बढ़ रहे हैं रोजगार 

इस सर्वे में कहा गया है कि पिछली तिमाही की तुलना में मौजूदा तिमाही में नौकरी चाहने वालो के लिए ज्यादा मौके सृजित होंगे। मैनपॉवर ग्रुप के एमडी एजी राव के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास की गति बरकरार है, यही वजह है कि इस तिमाही में नौकरी बाजार भी सकारात्मक है। उन्होंने कहा कि बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद सरकार की रोजगारपरक और कौशल विकास जैसी योजनाओं की वजह से देश में व्यापक आर्थिक बुनियादी सुधार हुआ है। इसके साथ ही बिजनेस के लिए तमाम सहूलियतें देने, तमाम अवरोधों को खत्म करने के साथ निर्माण क्षेत्र और दूसरी बड़ी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से नौकरियों के मौके लगातार बढ़ रहे हैं।

सर्वे के अनुसार केंद्र सरकार की तरफ से आर्थिक प्रगति को बरकरार रखने के लिए तमाम उपाय किए जा रहे हैं, और इन्हीं का असर है कि पिछले कुछ महीनों से नौकरी बाजार लगातार बढ़त दिखा रहा है। सरकार की तरफ से लगातार उद्योग जगत को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है, इसी के चलते जॉब मार्केट के अच्छे दिन आ रहे हैं। सर्वे के मुताबिक जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान सर्विस, माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, मैन्युफेक्चरिंग, ट्रांस्पोर्टेशन और यूटिलिटी जैसे सभी क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि की संभावना है। सर्विस सेक्टर में सबसे ज्यादा 27 फीसदी से ज्यादा रोजगार के मौके सृजित होने की उम्मीद है। वहीं फायनेंस सेक्टर में 15 फीसदी, बीमा क्षेत्र में 19 फीसदी और रियल इस्टेट सेक्टर में 20 फीसदी नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। इसी प्रकार शिक्षा, रिटेल, ट्रांसपोर्टेशन और यूटिलिटी सेक्टर में भी बड़ी संख्या में नौकरी के मौके मिलने की संभावना है। 2017 की आखिरी तिमाही की तुलना में हर क्षेत्र में इस तिमाही में 5 फीसदी तक ज्यादा रोजगार मिलने की संभावना जताई जा रही है।

इससे पहले भी जॉब मार्केट को लेकर हुए कई सर्वेक्षण और रिपोर्ट्स में रोजगार के प्रति सकारात्मक संकेत दिख चुके हैं। कुछ दिन पहले  Naukri.com की रिपोर्ट में भी इसी तरह के आंकड़े सामने आए थे।

नवंबर में आई नौकरियों की बहार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश लगातार प्रगति की ओर अग्रसर है। केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से जहां कंपनियों का बिजनेस बढ़ रहा है वहीं युवाओं के रोजगार में भी खासी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, कौशल विकास जैसी योजनाओं को लागू किया है। आज इन योजनाओं का असर दिखने लगा है। Naukri.com  की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में आईटी, एफएमसीजी, बीपीओ, बैंकिंग, निर्माण जैसे सेक्टर में नौकरियों की बहार आई हुई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष नवंबर महीने में युवाओं और पेशवरों को 16 फीसदी ज्यादा नौकरियां मिली हैं।

दिख रहा है पीएम मोदी की योजनाओं का असर

जब भी नौकरियों की बात होती है तो सामने आता है कि युवाओं को सबसे ज्यादा नौकरियां आईटी सेक्टर में मिल रही हैं, लेकिन इस बार यह ट्रेंड बदला हुआ है। इस बार आईटी सेक्टर के अलावा दूसरे क्षेत्रों में नौकरियों के अवसर ज्यादा सृजित हुए हैं। यह इस बात का संकेत है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो योजनाएं चलाई गई हैं, जमीनी स्तर पर उनका असर दिखने लगा है। अब देशभर में ज्यादातर सेक्टरों में एक समान तरीके से विकास हो रहा है, और युवाओं को नौकरियां भी मिल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले महीनों में इसी तरह रोजगार और नौकरी के मौके बढ़ेंगे। इस साल नवंबर महीने के लिए Naukri Job Speak Index 2,113 पर है, और यह इस बात का संकेत है कि जॉब मार्केट में जबरदस्त रिकवरी हो रही है।

निर्माण, ऑटो, बैंकिंग सेक्टर में ज्यादा मौके

Naukri.com के चीफ सेल्स ऑफिसर वी सुरेश का कहना है कि इस बार आईटी सेक्टर नहीं बल्कि निर्माण, इंजीनियरिंग, ऑटो, औद्योगिक उत्पाद, एडमिनिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, फाइनेंशियल सर्विस, कंटेंट राइटर और बैंकिंग सेक्टर में नौकरियों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। नवंबर 2016 की तुलना में इस साल निर्माण और इंजीनियरिंग क्षेत्र में 46 फीसदी, जबकि ऑटो सेक्टर में 39 फीसदी ज्यादा रोजगार के मौके सृजित हुए हैं। इतना ही नहीं इस दौरान भारी उद्योग के सेक्टर में 30 फीसदी और बैंकिंग सेक्टर में 24 फीसदी नौकरी के ज्यादा मौके मिले हैं। 

मेट्रो ही नहीं छोटे शहरों में भी बढ़े नौकरी के अवसर

यह पीएम मोदी और उनकी सरकार की नीतियों का ही असर है कि रोजगार के अवसर सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं रहे हैं, बल्कि छोटे शहरों में नौकरी के समान अवसर पैदा हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आठ मेट्रो शहरों में से सात में नौकरी के अवसर बढ़े हैं, इसके अलावा छोटे शहरों में नौकरियां बढ़ रही है। इंडेक्स के मुताबिक कोलकाता में सबसे ज्यादा 51 फीसदी नौकरियों के मौकों में वृद्धि हुई है, जबकि दिल्ली-एनसीआर में 15 फीसदी और मुंबई में 16 फीसदी रोजगार बढ़ा है। अहमदाबाद और जयपुर में भी नौकरी मिलने के प्रतिशत में इजाफा हुआ है। अहमदाबाद में 30 फीसदी से अधिक नौकरियां लोगों को मिली है, वहीं जयपुर में 21 फीसदी ज्यादा टेलेंट डिमांड हुई है। अगर अनुभव के आधार पर देखें तो फ्रैशर से लेकर तीन साल के एक्सपीरियेंस वाले युवाओं को 21 फीसदी ज्यादा नौकरी मिली है। वहीं 16 साल से ज्यादा तजुर्बे वाले पेशेवरों को भी 21 फीसदी ज्यादा नौकरी के मौके मिले हैं।

इन आंकड़ों से यह साफ हो गया है कि देश में अब रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और युवाओं को अपनी मनचाही नौकरी मिल रही है। एक नजर डालते हैं प्रधानमंत्री मोदी की उन नीतियों पर जिनकी वजह से यह बदलाव हो रहा है।

‘मेक इन इंडिया’ के जरिए 2020 तक 10 करोड़ रोजगार पैदा होंगे

देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ योजना की शुरुआत की थी। यही वह योजना है जो रोजगार के क्षेत्र में क्रांति लाने की ताकत रखती है। हाल ही में नीति आयोग के महानिदेशक (डीएमईओ) और सलाहकार अनिल श्रीवास्तव ने कहा था कि ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि हम चौथे तकनीकी रेवॉल्यूशन के दौर से गुजर रहे हैं। सरकार मेक इन इंडिया के जरिए 2020 तक 10 करोड़ युवाओं को रोजगार देने के मिशन के साथ काम कर रही है।  

मेक इन इंडिया का उद्देश्य बेरोजगारी दूर करना 
मेक इन इंडिया के तहत भारत में शुरू होने वाले उद्योगों के लिए बड़ी संख्या में प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत होगी। युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए कौशल विकास मंत्रालय द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसके तहत युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

जीडीपी का 25 प्रतिशत हो जाएगा प्रत्यक्ष निवेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का लक्ष्य मेक इन इंडिया के तहत भारत को विश्व में निर्माण क्षेत्र का केंद्र बनाना है। इसके साथ-साथ देश के भीतर ही उन्नत प्रौद्योगिकी और तकनीकी से निर्माण क्षेत्र में विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। एक अनुमान है कि 2022 आते-आते देश के जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत हो जाएगी।

मजबूत होगी भारतीय अर्थव्यवस्था
मेक इन इंडिया के पूर्णतया मूर्त रूप लेने से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। युवाओं को देश में रोजगार मिलेगा और विदेशी आयात में कमी आएगी। विदेशी मुद्रा की बचत होगी और सरकारी कोष को मजबूती मिलेगी। रक्षा उत्पादों के देश में बनने के बाद रक्षा सौदों की लागत घटेगी और बिचौलियों से बचा जा सकेगा। कंपनियों से मिलने वाले करों से राज्य सरकार की आय बढ़ेगी और देश के हर भाग में रोजगार की उपलब्धता बढ़ेगी। भारतीय कंपनियों के उत्पादों की सीधी टक्कर अब विदेशी कंपनियों के उत्पादों से होगा और देश की जनता को इस प्रतिद्वंदिता का लाभ मिलेगा। रोजमर्रा के जरूरत की चीजों के दाम घटेंगे और गुणवत्ता बेहतर होगी।

देश में पहली बार बन रही है रोजगार नीति
मोदी सरकार देश में पहली बार एक राष्ट्रीय रोजगार नीति बना रही है। आगामी केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा हो सकती है। रोजगार नीति आने से देश में प्रत्येक साल एक करोड़ रोजगार सृजन का रास्ता साफ हो जाएगा। इस नीति में सभी सेक्टरों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। नौकरी के सृजन के लिए समग्रता के साथ सरकार एक रोडमैप भी बना रही है। केंद्र की इस राष्ट्रीय रोजगार नीति के माध्यम से नियोक्ताओं को और अधिक रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा तो नौकरियों को आकर्षक बनाने के लिए सेक्टरों के अनुसार उद्यम से जुड़े नियमों और नीतियों में सुधार किया जाएगा। 

रोजगार नीति में प्रत्येक सेक्टर के लिए अलग-अलग लक्ष्य रोजगार नीति के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को संगठित क्षेत्र से जोड़ना है ताकि उन्हें न्यूनतम मजदूरी और पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा मिल सके। इसके लिए सरकार आर्थिक, सामाजिक और श्रमिक नीतियों में संशोधन भी करेगी। राष्ट्रीय रोजगार नीति के तहत सभी सेक्टरों में रोजगार की संभावना तलाशी जाएगी। सेक्टर वाइज रोजगार के लिए एक टारगेट तय किया जाएगा। टारगेट पांच साल के लिए तय किया जाएगा, जिसे एक समय अंतराल पर मॉनीटर किया जाएगा।   

स्टार्टअप इंडिया
यह योजना उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो लोग अपना खुद का कारोबार शुरू करना चाहते हैं। इसके तहत कारोबार शुरू करने की इच्छा रखने वाले लोगों को आर्थिक मदद दी जाती है और साथ ही उन्हें टैक्स में छूट भी मिलती है। इस योजना के तहत अब तक 1,81,119 मोड्यूल का पंजीकरण हो चुका है। इसकी शर्तों में ये भी शामिल किया जा रहा है कि कितने लोगों को रोजगार मिलेगा। 

डिजिटल इंडिया
डिजिटल इंडिया की योजना से युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर पैदा हुए। सरकार के हर क्षेत्र में ई- क्रांति के कदम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में गांवों और गैर महानगरीय शहरों को नये उत्पाद और सेवा देने वाले युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे है। इसी तरह पर्यटन के क्षेत्र में भी डिजिटल क्रांति ने नये बाजार खोलकर युवाओं को रोजगार के काफी अवसर दिये हैं।

मुद्रा योजना
छोटे कारोबारियों को मदद करने के लिए इस योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। इस योजना के तहत तीन तरह के लोन दिए जाते हैं। शिशु योजना के तहत 50 हजार रुपये तक के लोन दिए जाते हैं, किशोर योजना के तहत 50 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। जबकि तरुण योजना के तहत 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के लोन दिए जाते हैं। मुद्रा बैंक से देश के करीब 5 करोड़ 77 लाख छोटे कारोबारियों को फायदा हुआ है। छोटी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और दुकानदारों को इससे लोन मिलता है। इसके साथ ही सब्जी वालों, सैलून, खोमचे वालों को भी इस योजना के तहत लोन दिए जाने का प्रावधान है। इससे रोजगार सृजन करने और देने वालों की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। 

वित्तीय वर्ष कर्ज की संख्या
2015-16 3,48,80,924
2016-17 3,97,01,047
2017-18 (15 दिसंबर तक) 2,54,89,165

कौशल विकास योजना
इसके लिए 21 मंत्रालयों और 50 विभागों में फैले कौशल विकास कार्य को एक ही मंत्रालय के अधीन लाया गया। अगले चार साल में एक करोड़ युवकों को प्रशिक्षित करने के लिए 12,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना शुरू की गई। इसमें 20 लाख से अधिक युवक पहले ही लाभान्वित हो चुके हैं। इसके तहत देशभर में फैले हुए 978 रोजगार कार्यालय राष्ट्रीय कॅरियर सेवा पोर्टल में एकीकृत किये गये हैं।

15 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार– देश के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कृत-संकल्प हैं। इस संकल्प की सिद्धि के लिए किसी भी प्रकार के कदम उठाने में वह पीछे नहीं हटे हैं और लगातार ऐसे फैसले ले रहे हैं, जिनसे सभी को रोजगार के अवसर मिलें और सबका विकास सुनिश्चित हो सके। इसी को ध्यान में रखते हुए, 83 हजार किलोमीटर के राजमार्गों के निर्माण और चौड़ीकरण की योजना को लागू करने के लिए 7 लाख करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दे दी गई है। इस योजना के लागू होने से 15 करोड़ श्रम दिवसों का रोजगार युवाओं को मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार बनने के बाद से देश में राजमार्गों के निर्माण कार्यों में तेजी आई है। 2016-17 के दौरान प्रतिदिन अब तक की सबसे तेज गति से राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया। प्रति दिन 22 किमी. राजमार्गों का निर्माण हुआ, जो 2015-16 में 16 किमी. प्रतिदिन था, वहीं यूपीए सरकार के दौरान साल 2014-15 में 12 किमी. और 2013-14 में 11 किमी. रहा था। 

मीडिया और मनोरंजन उद्योग में 7-8 लाख रोजगार
Confederation of Indian Industries (CII) और ग्लोबल मैनेजमेंट कंसल्टिंग कंपनी Boston Consulting Group (BCG) की रिपोर्ट से यह अनुमान सामने आया है कि आने वाले पांच वर्षों में भारत की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सात से आठ लाख नौकरियां निकलने जा रही हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में मीडिया और मनोरंजन की सामग्रियों को लेकर रुझान काफी बढ़ा है जिसके चलते इस सेक्टर में रोजगार के अवसर काफी बढ़ने वाले हैं। CII के डायरेक्टर जनरल चंद्रजीत बनर्जी ने कहा: “डिजिटल प्लेटफॉर्म का काफी विस्तार हो रहा है और इस सेक्टर में इतने अवसर बनने जा रहे हैं जितने पहले कभी नहीं बने। विशेष रूप से रचनाकार, कथाकार और टेक्नोलॉजी मुहैया कराने वालों  के लिए बहुत सारे मौके उभरेंगे।”

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