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हिंदुस्तान और हिंदू धर्म को बदनाम करने में सिलेक्टिव क्यों हैं ये फिल्मी सितारे?

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कठुवा में बच्ची के साथ बलात्कार हुआ भी है या नहीं इस बात का किसी के पास सबूत नहीं हैं। हालांकि कुछ फिल्मी सितारे जल्दी में हैं और कठुआ मामले को लेकर वे देश को बदनाम करने का अभियान चला रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने की इतनी अधिक आतुरता है कि अब उन्हें भारतीय होने में भी शर्म आ रही है। बॉलीवुड का  यह धड़ा भारत को बलात्कारी देश तक कह रहा है। इन्हें हिंदू धर्म में बुराइयां नजर आ रही हैं और देव स्थान को बलात्कार का स्थान घोषित करने की कुत्सित कोशिश जारी है। 

दरअसल ये वही लोग हैं जो 8 अप्रैल को सासाराम में मेराज आलम द्वारा हिंदू बच्ची से बलात्कार करने वाले पर कुछ नहीं कहता। ये वही जमात है जो 4 अप्रैल को मुबई में मोहम्मद अजमेर शेख द्वारा एक चार साल की बच्ची के बलात्कार पर खामोश रहता है। ये वही कुनबा है जो असम, बगाल में हिंदू महिलाओं पर हो रहे अत्याचार-बलात्कार पर कुछ नहीं बोलता। ये वही लोग हैं जिन्होंने कश्मीर में हजारों हिंदू महिलाओं की अस्मत तार-तार करने वालों पर कभी कुछ नहीं कहता। ये सिलेक्टिव हैं और अपनी सहूलियत के हिसाब से ही मुद्दे उठाते हैं और उसे भुनाते हैं।

बहरहाल जिस अंदाज में एक घटना को पूरे हिंदू समुदाय से जोड़ दिया गया है, वह बेहद ही घिनौना है। देश के उन सौ करोड़ लोगों का अपमान किया जा रहा है जो स्वभाव ही नहीं, बल्कि अपनी संस्कृति से ही सेक्यूलर चरित्र के हैं। आइये हम उनके बारे में भी जानते हैं जिन्होंने हिंदुस्तानी समाज को बदनाम करने का बीड़ा उठाया है, उन्होंने कैसे अपने पक्षपातपूर्ण रवैये से देश और हिंदू धर्म दोनों का नुकसान पहुंचाया है। 

जावेद अख्तर

जावेद अख्तर ने ट्वीट कर लिखा, ”जो भी लोग महिलाओं के हित में और उनके लिए जस्टिस मांग रहे हैं उन्हें इस घटना को जानने के बाद स्टैंड लेना चाहिए और आवाज उठानी चाहिए। बलात्कारियों के खिलाफ आवाज उठाइए। उन लोगों के खिलाफ भी आवाज उठाइए जो उन्नाव और कठुआ में बचाना चाहते हैं।”

जावेद अख्तर का यह ट्वीट उनके दोहरे रवैये की पोल खोलता है। दरअसल उन्होंने इस मामले पर अब तक 38 ट्वीट किए हैं, जबकि सासाराम, मुंबई और सूरत में नाबालिगों से बलात्कार के मामले में एक शब्द तक नहीं कहा है। जाहिर है वहां आरोपी हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम धर्म से ताल्लुक रखने वाले हैं।

फरहान अख्तर

फरहान अख्तर ने ट्वीट किया कि – ”यह बहुत ही जरूरी सवाल है। एक आठ साल की बच्ची जो अभी कुछ जानती भी नहीं थी उसके साथ कई दिनों तो कई लोगों ने रेप किया वह भी … देवस्थल में। अतुल्नीय भारत !!’’

फरहान अख्तर ने हिंदू धर्म पर कटाक्ष किया तो भारतीयता पर भी तंज कसा। ऐसे ये जनाब वही हैं जिन्होंने कासगंज में तिरंगा यात्रा में मुस्लिमों द्वारा  तिरंगा यात्रा के विरोध किए जाने को उचित ठहराया था। उन्होंने लिखा था, ”26 जनवरी को जुमा था, क्या हिंदुओं को उस दिन मुस्लिम बाहुल्य इलाके से तिरंगा यात्रा निकालने और वंदेमातरम के नारे लगाने से नहीं बचना चाहिए था।’’ हालांकि बाद में विवाद बढ़ता देख अपने इस बयान से मुकर गए थे और ट्वीट को फेक करार दिया था।  

सोनम कपूर

सोनम ने एक और ट्वीट किया और अपने हिंदुस्तानी होने पर शर्म जताई। 8 साल की लड़की का देव-स्थान में रेप हुआ। उन्होंने लिखा,  ”फेक नेशनल्स और फेक हिंदुओं को शर्म आनी चाहिए, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि यह हमारे देश में हो रहा है।”

सोनम कपूर के बारे में जान लीजिए कि वह कांग्रेस पार्टी को फॉलो करती हैं। स्पष्ट है कि यह क्या कनेक्शन है और वे कहां से निर्देशित हैं। यह भी स्पष्ट है कि किस योजना के तहत हिंदुओं को बदनाम करने के लिए ऐसे ट्वीट किए जा हैं।

स्वरा भास्कर

स्वरा भास्कर ने लिखा, ”एक 8 साल की बच्ची के साथ बलात्कार और फिर हत्या हुई क्योंकि वह मुस्लिम जनजाति की थी, जिसे हिंदू राइट विंग के गुंडे उस इलाके से निकालना चाहते थे।”

स्वरा भास्कर के बारे में जानना आवश्यक है कि यह जेएनयू से पढ़ी हैं और फ्लॉप अभिनेत्री हैं। दूसरा यह कि ये वही हैं जिसने पद्मावत विवाद पर कहा था कि वह खिलजी की सेक्स स्लेव बनना पसंद करतीं बजाय जौहर करने के। जाहिर है जिसकी मानसिकता ही किसी की सेक्स स्लेव बनने की है उसके बारे में और क्या कहा जा सकता है?

कल्कि कोचलिन

कल्कि ने एक फोटो शेयर कर लिखा कि ”मैं हिंदुस्तान हूं और मैं इस घटना से शर्मिंदा हूं।” इस फोटो में वह एक पोस्टर पकड़े हुए नजर आ रही हैं।

कल्कि कोचलिन के बारे में तथ्य यह है कि वह अनुराग कश्यप की दूसरी पत्नी थीं और 2015 में उनका तलाक भी हो चुका है। आम आदमी पार्टी के करीबी अनुराग कश्यप और कल्कि मिलकर मोदी सरकार का विरोध करते हैं। मुद्दा कोई भी हो उसे धर्म और जाति का एंगल देने से नहीं चूकते।  

ऋचा चड्ढा

ऋचा चड्ढा ने लिखा, ”एक नाबालिग के साथ बलात्कार और हत्या को कोई भी सही नहीं ठहरा सकता। आखिर कैसे वह गौ हत्या को एक बहाना बना सकते हैं जब उन्होंने इस हरकत को एक मंदिर में अंजाम दिया गया है? ऐसे लोग नकली हिंदू हैं, वह किसी भी धर्म के लिए शर्मनाक हैं। उन सभी पर लानत, जो इन लोगों को बचा रहे हैं।”

ऋचा चड्ढा के बारे में जानना आवश्यक ये है कि ये भी कांग्रेस पार्टी के करीब हैं और काफी लंबे समय से रिचा चड्डा और अली फजल नाम के सेलिब्रेटी से इसके गहरे ताल्लुकात हैं। कहा तो यह भी जा रहा है कि इन्होंने अपना धर्म भी बदल कर इस्लाम कबूल कर लिया है।

सोनाली बेंद्रे

सोनाली बेंद्रे ने ट्वीट कर लिखा कि शर्मनाक, शर्मनाक है कि हम इंसानियत दिखाने की जगह धर्म और राजनीति मुद्दे पर उतर आए हैं।

अपने समय की फ्लॉप अभिनेत्री रहीं सोनाली बेंद्रे राजनीति में अपना मुकाम ढूंढ रही हैं। पहले बीजेपी के करीब आने की कोशिश की थी, लेकिन भाव नहीं मिला तो अब कांग्रेस की ओर रुख कर रही हैं।

सिमी ग्रेवाल

सिमी ग्रेवाल ने लिखा,  ”इस दुनिया में इससे ज्यादा बर्बर कोई जाति नहीं है, इतने शैतान आसिफा के रेपिस्ट। ऐसे लोगों के लिए इस अपराध की कोई सजा नहीं हो सकती है।”

श्रुति सेठ आलम

टीवी सीरियल और कुछ छोटी फिल्मो में काम करने वाली श्रुति सेठ है। खुद को बेहद निष्पक्ष बताती है, ये भी कठुवा मामले पर कैंपेन चला रही हैं। हालांकि ये खुद असम बिहार और तमाम इलाकों में हो रही घटनाओं पर चुप हैं।

कई मामलों में राष्ट्रवादियों, हिंदुओं और बीजेपी को निशाने पर लेती आईं श्रुति सेठ ने तब भी मुंह नहीं खोला था जब IS के आतंकियों ने 39 भारतीयों को मार दिया था। ऐसा क्यों?

दरअसल इनका पूरा नाम है ‘श्रुति सेठ आलम’ या ‘श्रुति आलम’, और इनकी शादी नहीं, बल्कि इनका निकाह हुआ था। इनके शौहर का नाम दानिश आलम है। अब आप जान गए होंगे कि क्यों वे खुद को निष्पक्ष बताकर कठुवा पर तो कैंपेन चलाती हैं, पर असम पर चुप क्यों रहती हैं!

अपराध पर उनका गुस्सा वाजिब है, परन्तु एक पूरी जाति और धर्म को कठघरे में खड़ा करने वाली सिमी ग्रेवाल ने 2015 ‘असहिष्णुता कैंपेन’ के दौरान काफी सक्रिय भूमिका निभाई थी।

कठुआ में बच्ची के साथ बलात्कार हुआ है या नहीं ये कोई नहीं जानता। दरअसल जम्मू पुलिस अपनी ही रिपोर्ट को तीन बार बदल चुकी है। दूसरा यह कि डॉक्टर ने भी दो बार पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बनाए गए हैं। तीसरा यह कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जो खुद मुस्लिम है गुलाम अहमद मीर, वो भी कह चुके है की महबूबा सरकार इस मामले में असल दोषियों को बचा रही है। चौथा यह कि जम्मू कश्मीर सरकार इस पूरी घटना को सीबीआई को सौंपने को तैयार नहीं है। पांचवां यह कि आरोपी सीबीआई जांच करने की मांग के साथ ही नार्को टेस्ट की मांग खुद ही कर रहा है। छठा यह कि वहां के मुस्लिम समुदाय के लोग भी इस घटना को साजिश बता रहे हैं। सातवां यह  कि इसे सांप्रदायिक रंग देकर देश को बदनाम करने की कोशिश हो रही है।

इस पूरे मामले में नामी-गिरामी हस्तियों ने जिस तरह से अपरिपक्वता दिखाई है और असंवेदनशील होते हुए हिंदू और हिंदुस्तान को बदनाम करने के कुत्सित अभियान में साथ दिया है, वह बेहद निंदनीय है। 

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