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नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता का जनाधार

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पुरानी मान्यता है कि जब तुम्हारे विरोधी तुम्हारी आलोचना कुछ ज्यादा ही करने लगें तो समझ लो कि तुम्हारे कार्यों का प्रभाव बढ़ रहा है और तुम सही रास्ते पर हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भी कुछ ऐसा ही है। उनके द्वारा उठाया गया प्रत्येक कदम विरोधियों के निशाने पर रहता है, चाहे वह देशवासियों के दीर्घकालीन हितों को ध्यान में रखकर ही क्यों न लिया गया हो। अब यह और बात है कि अनेक प्रकार के कुप्रचारों के बावजूद नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता देश में भी आश्चर्यजनक रूप से बढ़ रही है और विदेश में भी। आइए, प्रधानमंत्री मोदी की कुछ उन विशेषताओं के बारे में जाना जाए, जो उनकी अपार लोकप्रियता का कारण हैं।

सबसे पहले अपनी जवाबदेही
मोदी सरकार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सत्ता में आते ही सबसे पहले उन्होंने अपने शासन को पारदर्शी बनाने का कार्य किया। इसके द्वारा शुरू किया गया डिजिटल इंडिया कार्यक्रम पूर्ववर्ती सरकारों की कार्यशैली के ठीक विपरीत रहा। इ-गवर्नेस के द्वारा एक चुस्त-दुरुस्त प्रशासन व्यवस्था बनाने का प्रयास हुआ। साथ ही भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगी। कार्य के निपटान और उसमें लगने वाले समय के प्रति भी जवाबदेही बढ़ी। सरकारी तौर पर आंकड़ों को निपटाने का जो कार्य पहले 24 घंटों में हुआ करता था, वही अब 24 मिनट में होने लगा। प्रशासन और जनता के बीच की दूरी को कम किया गया। सरकार को अधिक सक्षम, सुलभ और सहभागितापूर्ण बनाने के लिए मोबाइल गवर्नेंस को बढ़ावा देने की नीतियां बनीं, जिससे गैर कागजी लेन-देन को समाप्त करने की दिशा में बड़े बदलाव देखने को मिले। इ-गवर्नेंस के बाद यह अगला ऐसा प्रयास है, जिसने एक तय परिपाटी पर चले आ रहे कामकाज के ढर्रे को तोड़ा। इ-विज पोर्टल और वाई-फाई हॉटस्पॉट जैसी योजनाओं के द्वारा पूरे देश की जनता को डिजिटल इंडिया के फॉर्मेट से जोड़ने का लक्ष्य तय किया गया।

तकनीक से तरक्की के मार्ग पर
देश में प्रतिवर्ष लाखों युवा अपनी शिक्षा पूरी करके रोजगार की उम्मीद से आगे बढ़ते हैं और फिर बेरोजगारों की भीड़ में तब्दील हो जाते हैं। मोदी सरकार ने इस समस्या के मूल पर आघात किया। उन्होंने न केवल उन्नत से उन्नत तकनीक से जुड़ने के लिए युवाओं को प्रेरित किया, बल्कि स्व रोजगार हेतु सटीक मार्गदर्शन के लिए भी योजनाएं बनाईं। तकनीक से तरक्की के मार्ग पर अग्रसर मोदी सरकार ने देश के कौशल को अंतर्राष्ट्रीय मंच प्रदान किया। प्रधानमंत्री कौशल योजना, मेक इन इंडिया तथा डिजाइन इन इंडिया जैसी योजनाएं वे माध्यम थे, जिन्होंने देश के कौशल की सामर्थ्य को पहचाना। मोदी सरकार की नई नीतियों का लाभ लाखों लोगों को मिला। वह एक विशाल समुदाय, जो आज भी गांवों में बसता है, बेरोजगारी का सबसे बड़ा वर्ग भी यही था। पूर्ववर्ती सरकार की अदूरदर्शितापूर्ण नीतियों के परिणामस्वरूप कल के किसान आज के शहरी मजदूरों में बदल चुके थे। मोदी सरकार ने इस वर्ग के हितों की रक्षा के लिए रोजगार की खोज में, शहरों की ओर पलायन को रोककर, वे जहां हैं, वहीं उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु कदम उठाए। इन प्रयासों से उन्हें स्व रोजगार हेतु आवश्यक आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण तथा उन्नत विकास हेतु हरसंभव सहायता उपलब्ध हुई। वे हाथ जो पहले दूसरों के सामने काम मांगने के लिए फैले रहते थे, अब वे इस सहायता के चलते दूसरों को काम दे पाने में सक्षम हो गए थे। उनके कार्य और रचनात्मक कौशल को विश्व-मंच मिला। इससे बेरोजगार युवाओं में मोदी सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा। 

विदेश यात्राएं विश्व भ्रमण नहीं थीं
प्रधानमंत्री मोदी की विदेश यात्राएं हमेशा से विरोधियों के निशाने पर रही हैं। विरोधी उनकी इन यात्राओं को विश्व भ्रमण के तौर पर प्रचारित करते रहे हैं। उन्होंने कभी यह समझने का प्रयास ही नहीं किया कि इन यात्राओं के पीछे एक दूरदर्शितापूर्ण नीति काम करती रही है। इन यात्राओं के द्वारा प्रधानमंत्री ने हमेशा अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को सशक्त किया। भारतीय बाजारों की संभावनाशीलता को प्रमुखता दी। विदेशी निवेश के लिए बड़ी कंपनियों को आमंत्रित किया। साथ ही देश के युवाओं को भी अपने-आप को तकनीकी रूप से दक्ष बनने को प्रोत्साहित किया, ताकि वे अपनी सामर्थ्य और कौशल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के मापदंडों के अनुकूल बना सकें। विदेशी कंपनियों के निवेश ने भारतीय युवाओं के लिए रोजगार के बड़े अवसर जुटाए। इसके अतिरिक्त विश्व के साथ भारत के संबंध भी मैत्रीपूर्ण हुए। जो देश पहले नरेन्द्र मोदी को अपने देश का वीजा तक नहीं देते थे, उन्हीं देशों ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए कैसे पलक-पांवड़े बिछाए, पूरा विश्व इस बात का साक्षी है।

भारतीय संस्कृति के गौरव को किया उन्नत
भारत की अनेक ऐसी विरासतें और निधियां हैं, जो हमेशा से विश्व के आकर्षण का केंद्र बनी रहीं, मगर पहले कभी किसी ने इन अनमोल विरासतों के उद्धार का प्रयास नहीं किया। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय योग को केवल अपने निजी जीवन का भाग ही नहीं बनाया, बल्कि उसे ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ बना कर वैश्विक पटल पर पहुंचा दिया। भारतीय चिकित्सा प्रणाली की, बिना किसी साइड इफैक्ट के, रोग के समूल नाश की क्षमता को मोदी सरकार की नीतियों ने महत्ता प्रदान कर उसे मेडिकल टूरिज्म से जोड़ दिया। गांवों की खादी को केवल शहरी जीवन से जोड़ने के लिए लोगों का आह्वान किया, साथ ही इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्व दिलाने के लिए भी प्रतिबद्धता अपनाई, जिसने गरीब ग्रामीणों के जीवन में भारी बदलाव किए। उनके काम को बहुत बड़ा बाजार मिला। क्या इससे पहले किसी भी सरकार ने इस तरह का कोई प्रयास किया था? सच्चाई यह रही कि गरीबों का उत्थान सिर्फ कागजी खानापूर्ति में ही होता रहा।

अल्पसंख्यकों, महिलाओं, किसानों, वंचितों का उत्थान
अल्पसंख्यक, महिलाएं, किसान और वंचित वर्ग हमेशा से प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रहे हैं। अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 2017-2018 के बजट में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए बजट को बढ़ाकर 4195.48 कर दिया गया, जिसे उनके सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास पर खर्च किया गया। छात्रवृतियां, फैलोशिप, सीखो और कमाओ, नई मंजिल नई रोशनी और उस्ताद जैसी योजनाओं पर 2600 करोड़ से अधिक खर्च किए जा चुके हैं। स्नातक शिक्षित मुस्लिम युवतियों की शादी के समय 51000 रुपये की शगुन राशि देने की व्यवस्था, मदरसों की तालीम का तालमेल आधुनिक शिक्षा से बिठाना, पुरानी ऐतिहासिक इमारतों का जीर्णोद्धार आदि मोदी सरकार के प्रयासों में से कुछ हैं। महिलाओं की स्थिति में उत्थान के लिए बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, उज्जवला योजना, सुकन्या समृद्धि योजनाओं जैसे वे प्रयास हैं, जिनका अस्तित्व सरकारी कागजों में ही नहीं, बल्कि व्यावहारिक परिवर्तनों के रूप में देखने को मिला। इनके अतिरिक्त किसानों के लिए साइन हेल्थ कार्ड, जैविक खेती को बढ़ावा, राष्ट्रीय गोकुल मिशन, किसान चैनल, कृषि योजना जैसी अनेक योजनाएं मोदी शासन काल में ही बनीं। साथ ही स्वच्छता अभियान से सारे देश को एक लक्ष्य एक सूत्र से जोड़ा गया।

बेमिसाल नेतृत्व क्षमता बनी लोकप्रियता का आधार
प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने देशहित में कठोर निर्णय लेने से कभी परहेज नहीं किया। नोटबंदी, जीएसटी, आधार आदि ऐसे कठोर निर्णय रहे, जिससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। उनमें गुस्सा भी बहुत ज्यादा था, परंतु फिर भी नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व क्षमता पर कभी किसी ने उंगली नहीं उठाई। सभी इस बात को समझ रहे थे कि दशकों से भ्रष्टाचार, घोटालों और स्वार्थपूर्ण राजनीति का शिकार रहे देश को इन सब समस्याओं से मुक्त कराने के लिए ऐसे ही कड़े प्रयासों की आवश्यकता है। विरोधी चाहे जो कहते रहें, देश की जनता का पूर्ण समर्थन नरेन्द्र मोदी के साथ पग-पग पर रहा। इसके अतिरिक्त नरेन्द्र मोदी का व्यक्तित्व, उनकी बातचीत की शैली, उनकी वेशभूषा, बच्चों से लेकर बड़ों तक उनकी सहजता से घुल-मिल जाने की कला, पारदर्शी जीवनशैली आदि उनके व्यक्तित्व की अनेक विशेषताओं में से एक हैं।  

 

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