Home समाचार “बहनजी माफ करना इस बार वोट नहीं दे पाऊंगा” वायरल हुई चिट्ठी

“बहनजी माफ करना इस बार वोट नहीं दे पाऊंगा” वायरल हुई चिट्ठी

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यूपी में दलित परेशान हैं। अखिलेश के ‘गुंडाराज’ से मुक्ति पाने के लिए छटपटा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से अखिलेश यादव और मुलायम यादव ने मिलकर लड़ने की नौटंकी की है, उसके बाद से उन्हें लगता है कि अगर मायावती का ही साथ दिया तो दलितों को भारी नुकसान हो सकता है। ये दलित किसी भी कीमत पर अखिलेश यादव को एक और मौका देने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में दलितों ने बीजेपी का दामन थामने का फैसला किया है।

वैसे भी दलित समुदाय नरेंद्र मोदी से काफी खुश है। जिस तरीके से नरेंद्र मोदी ने दलितों के हित के लिए और बाबा साहेब अंबेडकर के लिए मिशन मोड में काम किया है, उससे दलितों के बीच अच्छा संदेश गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल एक दलित की चिट्ठी 

सोशल मीडिया पर इस समय एक दलित की चिट्ठी वायरल हो रही है। इस चिट्ठी में एक दलित ने बिना अपना नाम लिए अपना दर्द बयान किया है। बहन जी (मायावती) के नाम लिखी इस चिट्ठी में बहन जी से माफी मांगते हुए लिखा है कि

“मैं एक दलित हूं। नाम नहीं बता सकता,

लेकिन पिछले 22 साल से आपको वोट दे रहा हूं।
सुख में, दुख में।
हार में, जीत में।
लेकिन कभी मैंने आपका साथ नहीं छोड़ा।
लेकिन इस बार माफ करना बहन जी।
इस बार आपको वोट नहीं कर पाऊंगा।
इस समय मुझे आपके न जीत पाने की चिंता नहीं है,
बल्कि अखिलेश यादव-मुलायम यादव के गुंडे जीत न जाएं,
इस बात का सबसे ज्यादा डर है ”

युवक बहनजी से साफ तौर पर कह रहा है कि अबकी बार उसे माफ कर दिया जाए। हर बार की तरह इस बार वो बीएसपी को वोट नहीं दे सकेगा। दलितों पर हुए अत्याचार उसे याद हैं इसलिए हर सूरत में अखिलेश के गुंडा राज से मुक्ति चाहिए।

“पूरे राज्य में दलितों के ऊपर जितनी क्रूरता हुई
अत्याचार हुए
कानून का राज खत्म हुआ
यादवों-मुसलमानों का राज कायम हुआ
इस बार भी डर है कि कहीं बाप-बेटे
नौटंकी कर फिर से जीत न जाएं
इसलिए मैं दलित होने के बाद भी
इस बार भाजपा के लिए वोट करूंगा”

दलितों सिर्फ मुक्ति नहीं अब मोदी चाहिए। वही हैं जो परिवारवाद, लोभ-लालच से ऊपर हैं। मोदी ही हैं जो अंबेडकर के अनुयायियों का सम्मान कर सकते हैं।

“पूरे राज्य में दलितों के ऊपर जितनी क्रूरता हुई
अत्याचार हुए
कानून का राज खत्म हुआ
यादवों-मुसलमानों का राज कायम हुआ
इस बार भी डर है कि कहीं बाप-बेटे
नौटंकी कर फिर से जीत न जाएं
इसलिए मैं दलित होने के बाद भी
इस बार भाजपा के लिए वोट करूंगा”

सोशल मीडिया पर तेजी से ये संदेश वायरल हो रहा है। इसे बड़ी तादाद में लाइक्स मिल रहे हैं और शेयर भी जोर-शोर से किया जा रहा है। तेजी से वायरल होते इस संदेश में साफ है कि दलित युवक ये कतई नहीं चाहता कि यूपी में फिर से अखिलेश का गुंडाराज कायम हो। उसे इस बात का डर सता रहा है कि पिता-पुत्र की नौटंकी के झांसे में कहीं प्रदेश दोबारा न फंस जाए। ऐसा नहीं होने देने के लिए वह दलित युवक इस बार कमर कस चुका है। मायावती और बीएसपी के लिए 22 साल की निष्ठा और समर्पण को भी वह छोड़ने को तैयार है।

अखिलेश राज में दलितों पर अत्याचार

दलित युवक अत्याचार के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं। इस बार महागठबंधन के नाम पर दोबारा सत्ता पाने की कोशिशों को लेकर भी अलर्ट हैं।

“उत्तर प्रदेश के दलितों जाग जाओ
ठगों के महागठबंधन के खिलाफ
अखिलेश के गुंजाराज से मुक्ति के लिए
बीजेपी को जिताओ
यादव राज-मुस्लिम राज के खात्मे के लिए
मोदी जी का साथ दो”

अखिलेश राज में दलितों पर कितना जुल्म हुआ, वो भी दलितों को याद है और सोशल मीडिया पर प्रसारित संदेश में इसका प्रभावशाली तरीके से जिक्र हुआ है।

यूपी में दलितों की हत्या, अपहरण, बलात्कार सबसे ज्यादा

1 साल में दलित उत्पीड़न के 8358 मामले (सर्वाधिक)

1 साल में दलित हत्या- 208

1 साल में दलित महिलाओं के साथ बलात्कार-444 (दूसरे नंबर पर)

1 साल में दलित अपहरण मामले-415 (सर्वाधिक)

जबरन शादी के लिए महिलाओं का अपहरण-338 (सर्वाधिक)

1 साल में दलितों के खिलाफ बलवे की घटना-632 (सर्वाधिक)

संदेश में कहा गया है कि जाग जाओ दलितों। ये मौका दोबारा 5 साल बाद मिलेगा। गलती मत दोहराओ और न सिर्फ अखिलेश का गुंडा राज खत्म करो, बल्कि मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को को गद्दी सौंपो। तभी चैन की नींद सो पाओगे।

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