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मोदी राज में अर्थव्यवस्था मजबूत: ऑटो सेक्टर को लगे ‘पंख’

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का आर्थिक माहौल लगातार सुधर रहा है। अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबरें मिल रही हैं। त्योहारों का सीजन ऑटो सेक्टर के लिए काफी लकी रहा है। वित्त वर्ष 2019-20 में ऑटो सेक्टर में यात्री वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी हुई है। अक्टूबर में 285,027 लाख पैसेंजर व्हीकल्स यूनिट्स की बिक्री हुई। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स यानी सियाम की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले यह बढ़ोतरी 0.28 प्रतिशत ज्यादा है। जबकि अक्टूबर, 2018 में 284,223 यूनिट्स की बिक्री हुई थी।

SUV की बिक्री में 22.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी

यूटिलिटी सेगमेंट में बिक्री में शानदार बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर 2019 में इस सेगमेंट में 100,275 यूनिट्स की बिक्री हुई, जो 22.22 प्रतिशत ज्यादा थी। इस सेगमेंट में मारुति ने अक्‍टूबर 2019 में कुल 23,108 कारें बेची हैं, जबकि सितंबर, 2019 के दौरान कुल आंकड़ा 21,526 यूनिट का था। वहीं पिछले साल अक्‍टूबर में कंपनी ने 20,764 यूनिट की बिक्री की थी।

मारुति सुजुकी की बिक्री में 25.11 प्रतिशत की बढ़ोतरी

मारुति सुजुकी की बिक्री में पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 4.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, पिछले माह यानी सितंबर की तुलना में अक्टूबर में 25.11 प्रतिशत बिक्री में बढ़त दर्ज हुई है। मारुति ने बताया कि उसने अक्टूबर 2019 में 1,53,435 वाहनों की बिक्री की। साल 2018 में इसी दौरान 1,46,766 यूनिट की बिक्री हुई थी। वहीं सितंबर 2019 में कंपनी ने 1,22,640 वाहन बेचे थे।

मारुति कंपनी के निर्यात में 5.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी

अक्टूबर 2019 में मारुति कंपनी का निर्यात 5.7 प्रतिशत बढ़कर 9,158 यूनिट रहा, जो सितंबर 2019 में 7,188 वाहनों का निर्यात किया था। वहीं एक साल पहले समान अवधि में मारुति ने 8,666 कारों का निर्यात किया था।

आगे भी ग्रोथ रहेगी बेहतर

सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस त्योहारी सीजन में मांग, नए मॉडल्स का लॉन्च होना और मारुति सुजुकी की ग्रोथ ने ऑटो सेक्टर को आगे बढ़ने में मदद की है। साथ ही, उन्होंने कहा फाइनेंस की बेहतर सुविधा मिलने से भी गाड़ियों की बिक्री बढ़ी है। नवंबर और दिसंबर में ग्राहकों का रुख सकारात्मक होने के चलते बिक्री बेहतर रहने की उम्मीद है।

एक नजर डालते हैं उन संकेतों पर, जिनसे साफ जाहिर होता कि मोदी सरकार में अर्थव्यवस्था तेज रफ्तार से बढ़ रही है।

रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा विदेशी मुद्रा भंडार

मोदी सरकार की नीतियों के कारण आज भारत का विदेशी का मुद्रा भंडार नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक नवंबर को समाप्त सप्ताह में 3.52 अरब डॉलर बढ़कर 446.09 अरब डॉलर के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया। इससे पिछले सप्ताहांत में देश का विदेशीमुद्रा भंडार 1.83 अरब डॉलर बढ़कर 442.58 अरब डॉलर हो गया था।

रिजर्व बैंक ने कहा कि आलोच्य सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 3.201 अरब डॉलर बढ़कर 413.65 अरब डॉलर हो गयी। विदेशी मुद्रा परिसम्पत्तियां विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा है। डॉलर में अभिव्यक्त की जाने वाली विदेशीमुद्रा आस्तियां यूरो, पौंड और जापानी येन जैसी मुद्राओं की विनिमय दर में घट बढ़ से भी प्रभावित होती हैं।

आईएमएफ को भरोसा, वैश्विक अर्थव्यवस्था की अगुवाई करेगा भारत
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा है कि भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया वैश्विक वृद्धि का केंद्र बनने की दिशा में बढ़ रहा है और 2040 तक वृद्धि में इसका अकेले एक-तिहाई योगदान हो सकता है। आईएमएफ के हालिया शोध दस्तावेज में कहा गया कि बुनियादी ढांचे में सुधार और युवा कार्यबल का सफलतापूर्वक लाभ उठाकर यह 2040 तक वैश्विक वृद्धि में एक तिहाई योगदान दे सकता है। आईएमएफ की एशिया एवं प्रशांत विभाग की उप निदेशक एनी मेरी गुलडे वोल्फ ने कहा कि हम दक्षिण एशिया को वैश्विक वृद्धि केंद्र के रूप में आगे बढ़ता हुए देख रहे हैं।

अगले साल 7 प्रतिशत हो जाएगी विकास दर- आईएमएफ
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने पिछले दिनों देश की अर्थव्यवस्था पर भरोसा जताते हुए कहा कि अगले साल भारत की आर्थिक वृद्धि दर सुधरकर 7 प्रतिशत पर पहुंच जाने का अनुमान है। आईएमएफ के एशिया प्रशांत विभाग के उप-निदेशक जोनाथन ओस्ट्री ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष (2020-21) में सात प्रतिशत के आसपास रहने की संभावना है। चालू वित्त वर्ष में इसके 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। मौद्रिक नीति प्रोत्साहन जैसे उपायों से आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि हाल में कर कटौती, सरकार के वित्तीय क्षेत्र में समस्याओं को दूर करने के लिये उठाये गये कदमों तथा विभिन्न क्षेत्रों को समर्थन देने के उपायों से निकट भविष्य में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में सुधार की उम्मीद है।

सबसे तेजी से बढ़ रही है भारतीय अर्थव्यवस्था- आईएमएफ
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने हाल ही में कहा कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे तेजी से बढ़ रही है। आईएमएफ ने कहा कि 2019 में भी भारत और चीन दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बने रहेंगे। आईएमएफ के एमडी क्रिस्टालिना जियोर्गिवा ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले साल काफी मजबूत वृद्धि दर्ज की गई थी। आईएमएफ ने कहा है कि भारत ने अर्थव्यवस्था को लेकर बुनियादी मुद्दों पर काम किया है, लेकिन लंबे समय तक विकास को लेकर कुछ परेशानियां हैं, जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। भारतीय महिलाएं काफी प्रतिभाशाली हैं और श्रम शक्ति में उन्हें शामिल किया जाए। आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

औद्योगिक उत्पादन जुलाई में 4.3 प्रतिशत बढ़ा

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में वृद्धि दर जुलाई माह में 4.3 प्रतिशत दर्ज की गई। जुलाई में मासिक आधार पर उद्योगों ने रफ्तार पकड़ी है। आईआईपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ जुलाई महीने में 4.2 प्रतिशत रही, बिजली उत्पादन में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि रही, जबकि खनन क्षेत्र की वृद्धि दर इस साल जुलाई में बढ़कर 4.9 प्रतिशत रही। उद्योगों की दृष्टि से विनिर्माण क्षेत्र के 13 समूहों ने जुलाई, 2018 की तुलना में जुलाई, 2019 के दौरान धनात्मक वृद्धि दर दर्ज की है। इस दौरान ‘खाद्य उत्‍पादों के विनिर्माण’ ने 23.4 प्रतिशत की सर्वाधिक धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसके बाद ‘बुनियादी धातुओं के विनिर्माण’ का नम्बर आता है जिसने 17.3 प्रतिशत की धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है। इसी तरह ‘पहनने वाले परिधानों के विनिर्माण’ ने 15.0 प्रतिशत की धनात्‍मक वृद्धि दर दर्ज की है।

इसी साल दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगा भारत
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की इकोनॉमी दिन दूनी- रात चौगुनी तरक्की कर रही है। आज पूरी दुनिया में इंडियन इकोनॉमी का बोलबाला है। अर्थव्यवस्था के मामले में भारत आज विश्व की चोटी के देशों को चुनौती दे रहा है। आईएचएस मार्किट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत इस साल ब्रिटेन को पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इतना ही नहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2025 तक भारत जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश हो जाएगा। इस रिपोर्ट में भारतीय उपभोक्ता बाजार के भी 2019 में 1.9 खरब डॉलर से लगभग दोगुना बढ़कर 2025 तक 3.6 खरब डॉलर हो जाने की भविष्यवाणी भी की गई है।

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