जम्मू-कश्मीर के युवाओं में देश की मुख्य धारा में लौटने की बेचैनी है। आतंकवाद से लड़ने का जज्बा उनमें दिख रहा है। यही वजह है कि लेफ्टिनेंट उमर फयाज की आतंकियों के हाथों अपहरण और हत्या के बाद भी जम्मू-कश्मीर के युवा डरे नहीं।
अर्धसैनिक बलों के लिए रिक्रूटमेंट के लिए 67 हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन दिए। इनमें 6000 कश्मीरी लड़कियां शामिल हैं।
Meanwhile in #Kashmir. A Police recruitment rally at Bakshi Stadium in Srinagar on Saturday. pic.twitter.com/Slm6H2eZV2
— The Crow-e-Kupwara (@KupwaraKnight) May 13, 2017
खबरों के मुताबिक 698 सब-इंस्पेक्टर्स की पोस्ट के लिए 67,218 कश्मीरी युवक-युवतियों ने आवेदन किया है। इनमें से 35,722 कश्मीर और 31,498 जम्मू इलाके से हैं। करीब 6000 कश्मीरी लड़कियों ने भी आवेदन किया है। रूढ़िवादी समाज की परंपराओं को तोड़ते हुए ये लड़कियां भर्ती अभियान में शामिल हुई हैं।
Today Kashmiri girls attend a police recruitment rally at Bakshi Stadium in Srinagar #Kashmir pic.twitter.com/czunESgu89
— #IamCensored (@PrayForKashmir) May 13, 2017
स्थानीय लोगों का कहना है कि कश्मीर में आतंकवाद के कारण महिलाओं ने बहुत बुरे दिन देखे हैं, जिसे अब सुधारने की जरूरत है। कई ऐसे युवा भी सामने आए हैं जिनका कहना है कि वे आतंकियों का सामना करने को तैयार हैं। इनका कहना है कि आतंकी गलत रास्ते पर हैं और उन्हें सही रास्ते पर लाने की जरूरत है। इसके लिए पुलिस की नौकरी मिलने पर उन्हें अपनी भूमिका मिल जाएगी।
#ICYMI Amid growing unrest, nearly 19,000 youths in #Kashmir applied for army recruitment. pic.twitter.com/sQhRXPMXYM
— Firstpost (@firstpost) May 4, 2017