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आतंक से चाहिए आजादी, लड़कियों में भी दिखा पुलिस में भर्ती का क्रेज

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जम्मू-कश्मीर के युवाओं में देश की मुख्य धारा में लौटने की बेचैनी है। आतंकवाद से लड़ने का जज्बा उनमें दिख रहा है। यही वजह है कि लेफ्टिनेंट उमर फयाज की आतंकियों के हाथों अपहरण और हत्या के बाद भी जम्मू-कश्मीर के युवा डरे नहीं।

अर्धसैनिक बलों के लिए रिक्रूटमेंट के लिए 67 हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन दिए। इनमें 6000 कश्मीरी लड़कियां शामिल हैं।

खबरों के मुताबिक 698 सब-इंस्पेक्टर्स की पोस्ट के लिए 67,218 कश्मीरी युवक-युवतियों ने आवेदन किया है। इनमें से 35,722 कश्मीर और 31,498 जम्मू इलाके से हैं। करीब 6000 कश्मीरी लड़कियों ने भी आवेदन किया है। रूढ़िवादी समाज की परंपराओं को तोड़ते हुए ये लड़कियां भर्ती अभियान में शामिल हुई हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि कश्मीर में आतंकवाद के कारण महिलाओं ने बहुत बुरे दिन देखे हैं, जिसे अब सुधारने की जरूरत है। कई ऐसे युवा भी सामने आए हैं जिनका कहना है कि वे आतंकियों का सामना करने को तैयार हैं। इनका कहना है कि आतंकी गलत रास्ते पर हैं और उन्हें सही रास्ते पर लाने की जरूरत है। इसके लिए पुलिस की नौकरी मिलने पर उन्हें अपनी भूमिका मिल जाएगी।

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