Home केजरीवाल विशेष रिश्तेदारों को मलाई खिला रहे हैं केजरीवाल और उनके मंत्री

रिश्तेदारों को मलाई खिला रहे हैं केजरीवाल और उनके मंत्री

SHARE

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने और ईमानदारी का ढोंग रचने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल राजनीति में उतरने के बाद पूरी तरह से भाई-भतीजावाद के दलदल में फंस गए। आप संयोजक केजरीवाल का दामन इस दौरान तेजी से दागदार होता चला गया। अब तो पार्टी के ज्यादातर नेताओं और उनके रिश्तेदारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। तीन साल से भी कम समय में उनका असली चेहरा सामने आने लगा है। आइए पड़ताल करते हैं इस विवादास्पद मुख्यमंत्री के कार्यकाल में भाई-भतीजावाद ने किस तरह से अपने पैर पसारे हैं-

केजरीवाल के साले सुरेंद्र बंसल को मिला ठेका
दिल्ली के पीडब्लूडी विभाग में अरविंद केजरीवाल के साले सुरेंद्र बंसल को काम करने के लिए ठेका दिया गया। यही नहीं सुरेंद्र बंसल ने कई फर्जी कंपनियां बनाकर उनके फर्जी बिल से पीडब्लूडी विभाग से करोड़ों रुपए की कमाई की। दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा बंसल के खिलाफ शिकायत मिलने पर जांच भी कर रही थी। एक स्वयंसेवी संगठन के राहुल शार्मा ने इस बात की शिकायत पुलिस विभाग में की थी।

बंसल को 2014 से 2016 के बीच कई निर्माण कार्यों का सरकारी काम दिया। जिनमें कई डमी कंपनी बनाकर करोड़ो का काम दिखाया गया और फिर कागजों पर ही काम दिखलाकर पैसे हड़प लिए गए। उनके खिलाफ शिकायत में कहा गया है कि केजरीवाल ने नियमों को ताक पर रखकर बंसल को टेंडर जारी किए। बताया जाता है कि बंसल ने रेणू कंस्ट्रक्शन के नाम से कंपनी बनाई और फिर महादेव इम्पेक्स से सामान खरीदा हुआ दिखाया। जबकि महादेव इम्पेक्स ने सेल टैक्स विभाग को दी जानकारी में कोई कारोबार नहीं दिखाया है। यानी कंस्ट्रक्शन का सारा काम सिर्फ कागजों पर हुआ और पैसा सरकार के फंड से दिया गया।

आरोप है कि बंसल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संबंध का फायदा उठाते हुए अधिकारियों को प्रभावित किया। एनजीओ की शिकायत के बाद दिल्‍ली पुलिस ने अपनी आर्थिक अपराध शाखा को शुरुआती जांच के आदेश दिए हैं। एनजीओ का कहना है कि जिन्होंने खुद अपने रिश्तेदारों को रेवड़ी बांटी हों उनसे किसी निष्पक्ष जांच और इंसाफ की उम्मीद कैसे की जा सकती है।

दामाद निकुंज अग्रवाल को बनाया ओएसडी
ईमानदारी का ढोंग रचने वाले केजरीवाल रिश्ते के अपने एक दामाद डॉक्टर निकुंज अग्रवाल के कारण भी आरोपों के घेरे में हैं। केजरीवाल पर आरोप है कि दामाद को नौकरी दिलाने के लिए उन्होंने बड़े स्तर पर धांधली की। निकुंज ने फर्जी तरीके से ना सिर्फ सरकारी अस्पताल में नौकरी पाई बल्कि सरकारी खर्चे पर चीन सहित कई जगहों की यात्रा भी की। चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में जॉब के लिए निकुंज अग्रवाल ने 6 अगस्त 2015 को हाथ से लिखकर आवेदन किया। अस्पताल डायरेक्टर को लिखे पत्र में खुद को डीएनबी ऑर्थोपेडिक सर्जन बताते हुए सीनियर रेसीडेंट पद पर काम करने की इच्छा जताई। लेकिन अस्पताल में कोई वैकेंसी ना होने के बावजूद चार दिन के अंदर 10 अगस्त 2015 को एडहॉक पर नियुक्त भी कर लिया गया। जबकि इस पोस्ट के लिए कोई विज्ञापन भी नहीं निकाला गया था।

इसके साथ ही कई योग्य अधिकारियों को नजरअंदाज कर, सभी नियमों को ताक पर रखते हुए अगले महीने 4 सितंबर 2015 को निकुंज को सत्येंद्र जैन का ओएसडी बना दिया गया। इतना ही नहीं सत्येंद्र जैन ने निकुंज को ओएसडी पद पर चार बार सेवा विस्तार भी दिया।

सत्येंद्र जैन ने अपनी पुत्री को बनाया सलाहकार
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की जनता को स्वास्थ्य सुविधाएं घर तक पहुंचाने लिए मोहल्ला क्लिनिक की योजना शुरु की, लेकिन इस योजना की आड़ में केजरीवाल के स्वास्थ्य मंत्री संतेन्द्र जैन अपने घर का फायदा करने में लग गये। मंत्री ने अपनी बेटी सौम्या जैन को इस योजना के लिए सलाहकार नियुक्त कर दिया। इस योजना के तहत हजारों मोहल्ला क्लिनिक बनने हैं। उपराज्यपाल नजीब जंग ने भी इस पक्षपातपूर्ण निर्णय पर आपत्ति की, लेकिन केजरीवाल को कोई फर्क नहीं पड़ा। उपराज्यपाल ने इस नियुक्ति की जांच के आदेश सीबीआई को दे दिए। सीबीआई इसकी जांच कर रही है। लेकिन मंत्री पिता कह रहे है कि मैनें कोई पक्षपात नहीं किया, वह सरकार को अपनी सेवाएं मुफ्त में दे रही थी। कमाल की बात है कि दिल्ली सरकार में 1 अप्रैल 2016 को आवेदन करती है और उन्हें 18 अप्रैल 2016 से स्वास्थ्य विभाग में चल रहे सुधारों के निगरानी की जिम्मेदारी ले लेती हैं लेकिन मिशन के निदेशक 10 मई 2016 को हस्ताक्षर करते हैं। बवाल बढ़ने के बाद सौम्या जैन ने मोहल्ला क्लीनिक से इस्तीफा दे दिया।

स्वाती मालीवाल को बनाया महिला आयोग का अध्यक्ष
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 18 जुलाई 2016 को दिल्ली महिला आयोग के पद पर नियुक्त होने से पहले स्वाती मालीवाल को अपने सचिवालय में उप सचिव के पद पर 1.15 लाख रुपए और अन्य सुविधाओं के साथ नियुक्त किया था। इस समय वह जनता कि शिकायतों और जनता संवाद का कार्य देख रही रही थी। स्वाती मालीवाल हरियाणा के बहुचर्चित आप नेता नवीन जयहिंद की पत्नी हैं। नवीन जयहिंद ने योगेन्द्र यादव का जमकर विरोध किया था और केजरीवाल का साथ दिया था। योगेन्द्र यादव भी हरियाणा से ही आते हैं। केजरीवाल ने जयहिंद की सेवाओं का फल इस रूप में दिया।

मुख्यमंत्री और मंत्रियों के पास 200 लोगों का स्टाफ
मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनके मंत्रियों के स्टाफ की संख्या 200 है। इसकी जानकारी बीजेपी के विधायक ओपी शर्मा को 2016 के बजट सत्र के दौरान एक लिखित जवाब में सरकार ने दिया था। आश्चर्य की बात है कि कुल स्वीकृत पद 81 ही हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल के स्टाफ में ही 79 कर्मचारी हैं। इनका वेतन 18,000 से लेकर 1,15,000 रुपए तक है। इसके अलावा बहुत सारे सलाहकारों को गाड़ी, घर, टेलिफोन आदि की सुविधाएं भी दी गई हैं।

केजरीवाल सरकार अपने लोगों और रिश्तेदारों को सरकारी लाभ के लिए पद बांटती हैं। स्वाती मालीवाल की महिला आयोग में नियुक्ति भी पक्षपातपूर्ण ढंग से की गई, जिसके लिए केजरीवाल और उपराज्यपाल के बीच में कई दिनों तक जंग चली थी। इसी तरह अपने स्टाफ में भी लोगों की नियुक्ति कर रखी है। इसी तरह की उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया के स्टाफ में 63 कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए एसीबी को दिसम्बर 2016 में शिकायत मिली, जो प्रधानमंत्री को भी स्वीकृत पद 39 से कहीं अधिक है। इसमें 10 चपरासी हैं।

Leave a Reply