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संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली का जोरदार भाषण, विपक्ष को दिखाया आईना

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संसद में अनुपूरक अनुदान पर चर्चा के दौरान वित्तमंत्री अरुण जेटली पूरे फॉर्म में नजर आये। उन्होंने ना सिर्फ विपक्ष के एक-एक आरोपों का जवाब दिया, बल्कि आंकड़ों के जरिए उनको बेनकाब करने की कोशिश की। उन्होंने जहां यूपीए सरकार की नाकामियों को गिनाया, वहीं मोदी सरकार की उपलब्धियों को संसद और देश के सामने रखा। इस दौरान उन्होंने देश की मजबूत और तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था की तस्वीर भी पेश की।

‘पिछले तीन सालों में मुद्रास्फीति 2 से 2.5 प्रतिशत के बीच रही’

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मुद्रास्फीति बढ़ने के विपक्ष के आरोपों का मजबूती से जवाब दिया और यूपीए सरकार के 2009 से 2014 तक के आंकड़ों को संसद में रखा। उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के दौरान मुद्रास्फीति 8.5 से लेकर 12 प्रतिशत के बीच रही। वहीं 2014 के बाद स्थिति में काफी बदलाव आया। मोदी सरकार ने कानून पारित कर मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत की सीमा में रखने का फैसला किया। मोदी सरकार की वित्तीय अनुशासन की वजह से पिछले तीन सालों में मुद्रास्फीति 2 से 2.5 प्रतिशत के बीच रही। इतनी कम मुद्रास्फीति बहुत कम देखने को मिली है।

‘31.5 प्रतिशत टैक्स लगाते रहें, तब गब्बर सिंह याद नहीं आया’

वित्तमंत्री ने संसद में कहा कि 55 साल तक टैक्स की औसत दर 31.5 प्रतिशत थी। मोदी सरकार ने 31.5 प्रतिशत टैक्स दर वाली वस्तुओं और सेवाओं को 28 प्रति के टैक्स स्लैब में डाला, दो महीने के बाद उन्हें 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में लाया गया। इस दौरान उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 31.5 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाते रहे, तब गब्बर सिंह याद नहीं आया।

‘जीएसटी मामले में विपक्ष ने जनता को किया गुमराह’

जीएसटी मामले में वित्तमंत्री ने संसद में विपक्ष को बेनकाब कर दिया। उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद में विपक्षी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सर्वसम्मति से जीएसटी दरें तय की, लेकिन विपक्ष बाहर में जीएसटी दर को लेकर लगातार गलतबयानी करता रहा।

‘मोदी सरकार योजनाओं पर कर रही है अधिक खर्च’

वित्तमंत्री जेटली ने योजनाओं के लिए राशि आवंटन में कमी के आरोपों पर आंकड़ों के साथ जवाब दिया।

*उन्होंने कहा कि मनरेगा पर यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान सबसे अधिक 32,994 करोड़ रुपये खर्च हुए, जबकि मोदी सरकार ने 2017 में 48 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया।

*प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए यूपीए सरकार ने सबसे अधिक 9,805 करोड़ रुपये दिए, वहीं 2017 में केंद्र सरकार से 19 हजार करोड़ रुपये और राज्यों को मिलाकर कुल 28 हजार करोड़ रुपये मिले।

*खाद्य सब्सिडी के लिए यूपीए सरकार के दौरान सबसे अधिक 92 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जबकि मोदी सरकार ने 2017 में 1 लाख 45 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया।

‘आधारभूत सरंचना के लिए 3.96 लाख करोड़ रुपये का आवंटन’

मोदी सरकार जनता से कर के रूप में प्राप्त होने वाले धन को उनके हित में ही खर्च कर रही है। 2017 में मोदी सरकार ने आधारभूत संरचना पर खर्च के लिए 3 लाख 96 हजार करोड़ रुपये का आवंटन किया। यूपीए सरकार में कभी भी इतना खर्च नहीं हुआ।

‘सब्सिडी में भ्रष्टाचार को खत्म किया, गरीबों के हक में आसान बनाया’

वित्तमंत्री  जेटली ने ‘आधार’ को लेकर विपक्ष पर जमकर हमला बोला। देश में ‘आधार’ लाने का श्रेय लेने के लिए यूपीए के नेता पीछे नहीं हटते, लेकिन जब इसे अनिवार्य करने की बात आई, तो कोर्ट की शरण में चले गए। उन्होंने कहा कि जहां यूपीए सरकार सब्सिडी गरीबों को देने की जगह अमीरों को दे रही थी, वहीं सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने सब्सिडी देने की प्रक्रिया में सुधार किया। उसे भ्रष्टाचार मुक्त और गरीबों को पूरा लाभ मिले, इसके लिए आधार से जोड़ा। आज इसके सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं। 

‘यूपीए सरकार के दौरान रही ‘पॉलिसी पैरालिसिस’’

वित्त मंत्री जेटली ने संसद में कहा कि 2014 से पहले यूपीए सरकार के दौरान ‘पॉलिसी पैरालिसिस’ रही। सरकार में निर्णय लेने की क्षमता नहीं थी।अर्थव्यवस्था में अनुशासन नहीं था, ऋण लेकर अर्थव्यवस्था चलती थी। जिसके कारण कई अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एजेंसियों ने यूपीए सरकार के दौरान अर्थव्यवस्था की रेटिंग में सुधार नहीं किया। 

‘यूपीए की पाप को धोने की कोशिश कर रही है मोदी सरकार’

कॉरपोरेट की मदद के आरोप पर वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार सत्ता आने के बाद सबसे पहले डिफॉल्टरों के खिलाफ कार्रवाई की। उनसे पैसा वापस लाने के लिए कानून बानाया। आज सरकार 2009 और 2011 के दौरान यूपीए के किए पाप को धोने का प्रयास कर रही है। यूपीए ने बैंकों को कमजोर कर दिया था। ऐसे में बैंक को मजबूत रखने और उधार देने की क्षमता बनाये रखने  के लिए मोदी सरकार 2.12 लाख करोड़ रुपये बैंकों को दे रही है।

‘एनपीए मामले में सच्चाई को छुपाया गया’

बैंकों के बढ़ते एनपीए मामले में वित्तमंत्री जेटली ने कहा कि बैंकों के एनपीए की वास्तविक स्थिति को देश से छुपाया गया। जब मोदी सरकार आई तो पता चला कि यूपीए सरकार जो एनपीए बता रही थी, वो ज्यादा निकली। बिना सुरक्षा के बड़ी कंपनियों को ऋण दिया गया ।

वर्तमान समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार देश को आगे बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रही है। सरकार अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए साहसिक फैसले भी ले रही है। जिससे विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था और मोदी सरकार की निर्णय लेने की क्षमता में विश्वास बढ़ा है।

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