पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ईवीएम को लेकर चुनाव आयोग का बचाव किया है। कांग्रेस नेता ने साफ कहा है कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी हुई होती तो मैं मुख्यमंत्री नहीं होता, अकाली दल सत्ता में होता। हाल ही में पंजाब विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली है और कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई है।
अमरिंदर सिंह का यह रूख पार्टी के रूख से उलट है। कांग्रेस का कहना है कि ईवीएम में हेराफेरी हुई है और अन्य विपक्षी दलों के साथ राष्ट्रपति से मिलकर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह से पहले पार्टी के सीनियर लीडर वीरप्पा मोइली ने भी ईवीएम का बचाव किया। मोइली ने इसके विरोध को बेकार बताया। उन्होंने कहा है कि ईवीएम का विरोध विपक्ष की पराजय की मानसिकता को दिखाता है। उन्होंने साफ कहा कि ईवीएम का विरोध कर पार्टी हार का बहाना ढूंढ रही है।
मोइली ने कहा है कि हार के बहाने तलाश रही क्षेत्रीय पार्टियों के साथ हमारी पार्टी भी आ गई है। उन्होंने कहा कि यह सही नहीं है और ऐसा नहीं होना चाहिए था। कांग्रेसी नेता ने कहा कि मैं पूर्व कानून मंत्री हूं और मेरे समय में ही ईवीएम शुरू हुई था। उस समय भी शिकायतें आई थी। हमने उन शिकायतों की जांच भी की थी। उन्होंने कहा कि ईवीएम का विरोध करना कांग्रेस की एक बड़ी भूल है। सिर्फ पराजयवादी मानसिकता वाले ही ईवीएम को दोषी ठहरा सकते हैं।
आयोग ने दिया खुला चैलेंज
चुनाव आयोग ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगाने वालों को खुला चैलेंज दिया है। आयोग ने कहा है कि मई के पहले हफ्ते से लेकर 10 मई के बीच कोई भी उनकी इन मशीनों को हैक करके दिखाए। आयोग ने ईवीएम के बारे में लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और ईवीएम के साथ किसी तरह का छेड़छाड़ संभव नहीं है। चुनाव आयोग का कहना है कि 2009 में भी ईवीएम पर सवाल उठाए जाने के बाद हमने खुला चैलेंज दिया था लेकिन इसे कोई हैक नहीं कर पाया।
आयोग ने हाल ही में इसको लेकर ‘अक्सर पूछे जाने वाले सवालों’ (FAQ) की एक सूची सार्वजनिक की है।
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केजरीवाल ने मीडिया को किया गुमराह
दिल्ली के विवादास्पद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब और गोवा में मिली करारी हार को अबतक नहीं पचा पाए हैं। केजरीवाल और उनकी टीम के लोग अब इस दुष्प्रचार में लग गए हैं कि वीवीपीएटी (वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल) लगे वोटिंग मशीन की चैंकिंग के दौरान ईवीएम का बटन दबाने पर कमल का फूल प्रिंट हुआ। वीवीपीएटी से लगे ईवीएम में बटन दबाने पर एक पर्ची निकलती है, जिससे पता चलता है कि आपने किस पार्टी और निशान को वोट दिया है।
आप संयोजक इस बात को कई बार ट्वीट कर चुके हैं कि मध्य प्रदेश के भिंड में वीवीपीएटी वाले ईवीएम मशीन की चेकिंग के दौरान बटन दबाने पर बीजेपी के पक्ष में वोट जा रहे थे। केजरीवाल ने इस बारे में सहारा न्यूज नेटवर्क के समय (मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़) न्यूज चैनल की खबर का हवाला दिया है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित आप के तमाम नेता और कार्यकर्ता ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर ट्वीट कर रहे हैं।
Do see this video. Do elections have any meaning left? https://t.co/ihl0abOfK1
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 31, 2017
केजरीवाल ने एक तथाकथित पत्रकार के ट्वीट को भी रि-ट्वीट किया है। अगर आप उस ट्वीट के वीडियो को देखेंगे तो सब कुछ साफ हो जाएगा। वीडियो में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह पत्रकारों के साथ हंसी-मजाक के मूड में दिख रही हैं। लोग हंस भी रहे हैं। सलीना सिंह मजाक में हंसते हुए मीडियाकर्मियों से कह रही है कि प्रेस में ऐसा नहीं देना, नहीं तो फिर आपको हम थाने में बैठाएंगे।
1st and biggest evidence of EVM fraud surfaced in MP, chief election officer herself nailed it. pic.twitter.com/snJuKqPn1T
— ASHUTOSH MISHRA (@ashu3page) April 1, 2017
सलीना सिंह के मजाक को कुछ तथाकथित पत्रकार धमकी मानते हुए इसे ही हेडलाइन में चलाने लगे। कई बड़े पत्रकारों ने भी सच जानने की कोशिश नहीं की और गलत खबर दिखाने लगे। अगर आप वीडियो देखेंगे तो आपको पता चल जाएगा कि-
- मध्य प्रदेश की मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह विधानसभा उप-चुनाव से पहले पत्रकारों और विभिन्न दलों के नेताओं के साथ ईवीएम मशीन की चेकिंग कर रही है।
- सलीना सिंह जब चार नंबर बटन दबाती हैं तो वीवीपीएटी से बीजेपी को वोट दिए जाने वाली पर्ची निकलती है।
- बीजेपी के पक्ष में पर्ची निकलते ही सभी ये मान लेते हैं कि बीजेपी के पक्ष में ईवीएम मशीन में छेड़छाड़ की गई है। ऐसे में सलीना सिंह जब मजाक में पत्रकारों को न्यूज ना दिखाने की बात करती हैं तो सभी हंसने लगते हैं। लेकिन कुछ तथाकथित पत्रकार इस मजाक को गलत रूप दे देते हैं।
- जबकि सलीना सिंह ने डेमो देने के लिए जिस चार नंबर बटन को दबाया था वो बीजेपी के लिए ही सत्यदेव पचौरी के लिए था। फिर मशीन से गलत क्या निकला।
- इसके बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने दूसरी बार ईवीएम का बटन दबाया तो हैंडपंप निशान की पर्ची आई और तीसरी बार बटन दबाया तो हाथ के पंजे की पर्ची निकली।
शुरू में बीजेपी की पर्ची निकलने पर कांग्रेसी नेताओं ने हो हल्ला करने की कोशिश की लेकिन जब कांग्रेस की भी पर्ची निकली तो वे शांत हो गए। तीन बार अलग-अलग बटन दबाने पर अलग-अलग पर्ची निकलने से यह साबित हो गया कि मशीन सही है। लेकिन मीडिया के कुछ तथाकथित पत्रकार इसे अलग रंग देने में लग गए। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सलीना सिंह के माहौल के हल्का करने के व्यवहार को उन्होंने हंगामे में तब्दील कर दिया।
मशीन को सही देखकर मध्य प्रदेश के स्थानीय कांग्रेसी नेता तो शांत हो गए लेकिन दिल्ली में केजरीवाल ने इसे एक नया राजनीतिक रंग दे दिया।
उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर ईवीएम मशीन में छेड़छाड़ की झूठी खबर को फैलाने की पूरी कोशिश की।
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