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मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘मेक इन इंडिया’ का हिस्सा बनने को बेकरार अमरीकी कंपनी

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साभार -http://www.foxnews.com/

नरेंद्र मोदी जब से भारत के प्रधानमंत्री बने, तब से लेकर अब तक लगातार देश के प्रति विश्वभर में लोगों का नजरिया बदला है। मोदी की नई-नई योजनाएं, ठोस निर्णय और त्वरित फैसला लेने की कार्यशैली और क्षमता को देखते हुए वैश्विक व्यापार में भी भारत का रूतबा बढ़ा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विदेशों में जा जाकर मेक इन इंडिया के तहत विदेशी कंपनियों को आमंत्रित किया है कि आइए और भारत में अपना प्रोडक्ट बनाइए। फाइटर जेट बनाने वाली दो कंपनियां भारत आकर मेक इन इंडिया का हिस्सा बनना चाह रही हैं। फाइटर जेट एफ 16 की निर्माता कंपनी लॉकहिड मार्टिन और एफ ए-18 बनाने वाली कंपनी बोइंग की योजना है कि भारत में आकर मेक इन इंडिया के तहत विमान निर्माण करें। यह मोदी की महत्वाकांक्षी योजना की सफलता है।

फाइटर जेट बनाने वाली दो अमेरिकी कंपनियां मेक इन इंडिया के तहत भारत आने को प्रयासरत

फोक्स न्यूज में छपी एक खबर के मुताबिक, दोनों कंपनियां चाह रही हैं कि जब भी ट्रंप और मोदी की मुलाकात हो, उसमें फाइटर विमान के निर्माण को लेकर जरूर चर्चा हो। जल्द ही विश्व के दो शक्तिशाली नेता एक-दूसरे से मुलाकात करने वाले भी हैं। दोनों कंपनियों का मानना है कि नरेंद्र मोदी के स्ट्रांग विजन की वजह से भारत एक मजबूत आर्थिक राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। उस देश के मेक इन इंडिया का हिस्सा बनेंगे तो कंपनी अमेरिका के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा कर सकेगी।

अमेरिका में फाइटर जेट विमान को लेकर एक पॉलिसी है जिसके तहत जेट विमान की बिक्री पर अमरीकी सरकार का नियंत्रण है। सरकार तय करती है कि किस देश को और कितना फाइटर जेट विमान बेचना है। इस नीति के विरोध में अमेरिका में याचिका पर सुनवाई चल रही है। ट्रंप ने भी अमरीका की व्यावसायिक नीतियों को लेकर बीते रविवार को कई ट्वीट किये हैं, जिनमें उन्होंने माना है कि कंपनी पर नियंत्रण का मौजूदा तरीका गलत है।

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