एक तरफ देश अपने वीर बहादुर जवानों की शहादत पर शोक संतप्त है वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक नफा नुकसान का गणित बैठाने वाले विरोधी दल के नेता से लेकर पत्रकार तक नए नरेसन सेट करने में जुट गए हैं। कांग्रेस भले ही लोकलाज के कारण इस मामले में केंद्र सरकार का साथ देने की बात कह रही हो लेकिन पार्टी नेता ऐसा करते नहीं दिखते। उन्होंने तो तुष्टिकरण से लेकर सरकार और देश को बदनाम करने का अपना पुराना राग अलापना शुरू कर दिया है। इसी प्रकार देश के कुछ खास पत्रकारों ने मोदी सरकार के खिलाफ नया नरेसन स्थापित करना शुरू कर दिया है।
“I am firm on my stand. Terrorism will not be tolerated. People who are responsible should be punished harshly so that it acts as a deterrence for generations to come,” says Congress leader Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp)
(ANI) pic.twitter.com/OCqDiuu3P9
— NDTV (@ndtv) February 18, 2019
एक तरफ कांग्रेस पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों का बदला लेने के मामले में मोदी सरकार का साथ देने की बात कहती है, वहीं दूसरी तरफ इस मामले में पाकिस्तान की तरफदारी करने और मोदी सरकार के खिलाफ नरेसन स्थापित करने में जुटे किसी नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है। इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस की हमदर्दी देश के वीर जवानों से ज्यादा पाकिस्तान के साथ अधिक है। तभी तो पहले नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान की तरफदारी की है और अब सैफुद्दीन सोज ने की है। मालूम हो कि पंजाब में कांग्रेस सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान और आतंकवादियों का बचाव किया था। सिद्धू ने पाकिस्तान के बचाव में कहा था कि आतंकवादी का न कोई देश होता है न ही कोई जाति होती है। नवजोत सिंह सिद्धू के इस बयान की काफी आलोचना हुई थी। उसके इस बयान पर सोनी चैनल ने अपने शो से उसे हटाने का फैसला कर लिया, लेकिन कांग्रेस उसे अदद एक शो कॉज नोटिस तक जारी नहीं किया है।
लगता है इसी से उत्साहित होकर कांग्रेस की नेता और पूर्व सांसद नूर बानो ने कहा है कि इस प्रकार के हमले के लिए सेना खुद दोषी होती है, इसके बाद अगर कोई दोषी होता है तो गृह मंत्रालय। ऐसे हमले की उत्तरदायी किसी पर थोपने की बजाए खुद पर लेनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले का कोई और व्यक्ति जवाबदेही ले ही नहीं सकता है। अपनी पार्टी लाइन विपरीत जाकर उन्होंने न केवल इस हमले के लिए भारतीय सेना को दोषी ठहराया है बल्कि अपने प्राणों को न्योछावर करने वाले देश के वीर शहीदों को भी अपमान किया है। इसके बाद भी कांग्रेस ने ना तो सिद्धु से कोई जवाब तलब किया है ना ही नूर बानो के खिलाफ कोई कार्रवाई की है।
After Navjot Singh Sidhu, Congress' Noor Bano insults martyrs and blames Indian Army for the 'ghastly' terror attackhttps://t.co/dusyK4Sq7R
— Republic (@republic) February 18, 2019
सिद्धू, बानो ही नहीं सैफुद्दीन सोज ने भी पुलवामा हमले के लिए मोदी सरकार को ही दोषी मान रहे हैं। हमले के बाद हुर्रियत नेताओं से हटाई गई सुरक्षा के फैसले पर एतराज जताया है। सोज का कहना है कि भारत सरकार को इस फैसले से कोई लाभ नहीं मिलने वाला है। केंद्र सरकार का यह फैसला कश्मीर के प्रति उसके संकीर्ण दृष्टिकोण को ही दिखाता है। सोज का कहना है कि हूर्रियत ने कभी हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया है। कांग्रेसी नेताओं में तो एक प्रकार से खुद को सबसे बड़े देश विरोधी कहलाने की होड़ सी लग गई है। मालूम हो कि बीते गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए एक आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
जहां कांग्रेस पार्टी इस हमले के लिए पाकिस्तान और आतंकियों को क्लीन चिट देते हुए केंद्र सरकार को कठघरें में खड़ा करने का असफल प्रयास कर रही है, वहीं देश विरोधी टुकड़े-टुकड़े गैंग के सदस्य और सेकुलर पत्रकार एक नया नरेसन स्थापित करने में जुटा है। जेएनयू की छात्रा और एक्टिविस्ट ने पुलवामा हमले से चर्चा को भटकाने के लिए ही उसने इसकी आड़ में कश्मीरी छात्र-छात्राओं पर हमला करने की अफवाह फैलानी शुरू कर दी है। उन्होंने फेक न्यूज के सहारे कश्मीरी छात्र-छात्राओं पर हमला करने की फेक न्यूज का अभियान शुरू कर दिया है।
#SOSKashmir 15-20 Kashmiri girls trapped in a hostel in Dehradun for hours now, as an angry mob outside demands that they be expelled from the hostels. This is in Dolphin institute. Police is present but unable to disperse the mob.@INCUttarakhand @uttarakhandcops @ukcopsonline
— Shehla Rashid شہلا رشید (@Shehla_Rashid) February 16, 2019
हाल ही में राजनीति में हाथ आजमाने के लिए एक राजनीतिक पार्टी का ऐलान करने वाले कमल हासन ने भी पुलवामा हमले पर विवादित बयान दिया है। एक तरफ आतंकवादी हमारे जवान के काफिले पर आत्मघाती हमले कर उन्हें शहीद कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कमल हासन जैसे नेताओं को कश्मीर नीति याद आ रही है। कमल हासन ने कहा है कि पुलवामा आतंकवाद हमले के लिए देश की कश्मीर नीति जिम्मेदार है। उन्होंने पूछा है कि आखिर सरकार जनमत संग्रह से क्यों कतराती है। कमल हासन को याद होना चाहिए कि जो प्रश्न वह भारत से पूछ रहा है क्या कभी यही प्रश्न पाकिस्तान से पूछने की हिम्मत दिखा सकते हैं कि पाकिस्तान मुजफ्फराबाद पर कब्जा क्यों कर रखा है?
जिस कमल हासन को देश ने इतना प्यार दिया, आज वही कश्मीर के लिए जनमतसंग्रह (आज़ादी) माँग रहे हैं. जिसे अपने दिल में जगह दी, सिर-आँखों पर बैठाया, सूपरस्टार बनाया, वही युद्ध की स्थिति में दुश्मन का साथ दे रहा है….करोड़ों मन आहत किए, देश को धोखा दिया. Lost all
#BreakingNews #पुलवामा टेंशन के बीच #कमल_हासन का विवादित बयान: देश की कश्मीर नीति पर उठाया सवाल और पूछा सरकार कश्मीर में #जनमत_संग्रह कराने से क्यों कतराती है भारत सरकार? इतना ही नहीं #PoK पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भी बताया "आज़ाद कश्मीर"!! @abpnewshindi @abpnewshindi pic.twitter.com/Eyt5o8D9gF
— Sumit Awasthi (@awasthis) February 18, 2019
हा हा हा @kavita_krishnan जैक से चुगली
campaign to get my account suspended
आतंक की कोख उजाड़ने को कहा तो ये और @LambaAlka चूड़ियां तोड़ने लगी
आतंक की कोख को माँ को कोख बताने लगी
आतंक की कोख हैं पाकिस्तान, जेहादी सोच और तुम्हारे जैसे सपोर्टर
हम आतंक की कोख उजाड़ कर रहेंगे https://t.co/8xpIp5aG9A
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) February 17, 2019
देश को तोड़ने का सपना देखने वाले जेएनयू के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार आज अपने और पराये का भेद बता रहा है। उसने फिर एक बार फेक न्यूज के सहारे पुलवामा हमले के नरेसन को बदलने का प्रयास किया है। आतंकवादी की फांसी के खिलाफ देश को टुकड़े-टुकड़े करने का मंसूबा पालने वाला कन्हैया कुमार एक बार फिर आतंकवादियों के बचाव में खड़ा है।
कश्मीर हमारा है तो कश्मीरी पराये कैसे हो सकते हैं? देश के कई हिस्सों में कश्मीरियों को असुरक्षित करने वाले लोग जवानों की शहादत का अपमान कर रहे हैं। भारतीयता की हर वह परिभाषा अधूरी है जिसमें देश के किसी भी नागरिक को चोट पहुँचाने को देशभक्ति से जोड़ा जाए। #KashmiriStudents
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 17, 2019
फेक न्यूज की फैक्ट्री चलाने वाली पत्रकार आरफा खानम सेरवानी ने आतकंवादियों को बचाने के लिए देश की राष्ट्रीय पत्रकारिता को ही गाली देनी शुरू कर दी है। पुलवामा हमले को लेकर जहां सारा देश एक है वहीं उसे इसमें राजनीति दिख रही है। उन्होंने नेताओं पर लाशों की राजनीति करने वाला और टीवी एंकर को खूंखार बताया है। पत्रकार का दायित्व बताने वाली आरफा खानम को पता होना चाहिए कि पत्रकारिता से इतर हम सब भारतीय का देश के प्रति कोई दायित्व होता है। टुकड़े-टुकड़े गैंग वाले क्या जाने देश के प्रति दायित्व बोध।
आज भारत के हर घर में मातम हो रहा है लेकिन ख़ूँख़ार एंकर ख़ून के बदले ख़ून की माँग कर रहे हैं।
नेता लाशों पर राजनीति करते हैं, एंकर अब TRP की रोटियाँ सेक रहे हैं
इन्हें कौन बताये कि युद्ध शांति नहीं सिर्फ़ हिंसा का संदेश देता है।
जंग क्या मसलों का हल देगी, जंग तो ख़ुद एक मसला है।— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) February 14, 2019