Home चुनावी हलचल मोदी की नोटबंदी पर जनता की मुहर, हर चुनाव में मिली जीत

मोदी की नोटबंदी पर जनता की मुहर, हर चुनाव में मिली जीत

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नोटबंदी के फैसले का भले ही राजनीतिक पार्टियां विरोध करते रहें। आम जनता को हो रही दिक्कत के नाम पर संसद चलने ना दें, लेकिन देश की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हैं। तमाम मीडिया संस्थानों के सर्वे में भी प्रधानमंत्री के फैसले के साथ लोग खड़े दिखे। नोट बंदी के फैसले के बाद देश के विभिन्न राज्यों में हुए चुनाव के जो परिणाम आए। उसमें भी देशवासियों ने प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले पर मुहर ही लगाई है।

नोट बंदी के बाद 19 नवंबर को मध्य प्रदेश, असम और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए। हर जगह भाजपा को जीत मिली। त्रिपुरा में तो पार्टी का वोट शेयर लगभग दस गुना से भी ज्यादा बढ़ गया। पश्चिम बंगाल में उपचुनाव में तो मोदी सरकार के फैसले से बीजेपी दूसरे नंबर पर पहुंच गई और लेफ्ट पीछे छूट दिया।

कुछ दिन बाद महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय के चुनाव हुए। यहां भाजपा न केवल जीती बल्कि नंबर वन पार्टी बनकर उभरी। इस चुनाव परिणाम ने सभी राजनीतिक पंडितों का मुंह बंद कर दिया।

महाराष्ट्र में पहली बार म्यूनिसिपल काउंसिल के अध्यक्ष पद के लिए डायरेक्ट चुनाव हुए। इसमें बीजेपी ने 51 सीटें जीतीं जो कि कांग्रेस, एनसीपी या शिवसेना से दोगुनी है।

शिवसेना को 25 और कांग्रेस को महज 23 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। यानी 2011 में जो पार्टी चौथे नंबर पर थी, वो नोटबंदी के फैसले के बाद 2016 में पहले नंबर पर आ गई, वो भी ग्रामीण इलाके में।

गुजरात में हुए स्थानीय चुनावों में तो बीजेपी ने कांग्रेस का सूपड़ा ही साफ कर दिया। यहां के स्थानीय निकाय चुनावों में बीजेपी ने कांग्रेस से 35 सीटें छीन लीं। 126 में से 109 सीटें जीती। वापी नगरपालिका, राजकोट, सूरत-कनकपुर-कंसाड में जो चुनाव हुए, उसमें बीजेपी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की।

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