Home विचार …ये 10 गलती भी ‘कबूल’ क्यों नहीं कर लेते राहुल जी!

…ये 10 गलती भी ‘कबूल’ क्यों नहीं कर लेते राहुल जी!

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दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में कांग्रेस के 84वें अधिवेशन को संबोधित करते हुए पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि, ”कांग्रेस पार्टी गलती करती है तो वह स्वीकार भी करती है और उसमें सुधार भी करती है।” 

कांग्रेस अध्यक्ष अपनी शेखी बघारने को भले ही कुछ भी कह लें, लेकिन तथ्य यही है कि कभी देश के 100 प्रतिशत भू-भाग पर राज करने वाली कांग्रेस अपनी गलतियों के कारण ही आज महज 7 प्रतिशत भू-भाग पर सिमट गई है।

सत्य यही है कि कांग्रेस ने बीते सत्तर वर्षों में सिर्फ और सिर्फ गलतियां ही की हैं और कभी भी सच को स्वीकार नहीं किया है। आज हम उन 10 प्रमुख गलतियों को आपके सामने लाए हैं जिसे कांग्रेस पार्टी ने कभी स्वीकार नहीं किया।  

गलती नंबर – 1
भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों को बढ़ावा देने पर नहीं मानी गलती
कांग्रेस पार्टी ये कभी स्वीकार नहीं करती है कि उसके शासन काल में देश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला और देश के संसाधनों को जमकर लूटा गया। प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय से लेकर मनमोहन सिंह के वक्त तक केवल भ्रष्टाचार ही हुए हैं। लेकिन इन भ्रष्टाचार के कारनामों के लिए कांग्रेस ने कभी गलती स्वीकार नहीं की। देखिए फेहरिस्त-

  • 1948 – जीप घोटाला –       पंडित जवाहर लाल नेहरू
  • 1951 – मूंदड़ा स्कैम –        पंडित जवाहर लाल नेहरू
  • 1971 – नागरवाला स्कैंडल – इंदिरा गांधी
  • 1073 – मारूति घोटाला –    इंदिरा गांधी
  • 1989 – बोफोर्स घोटाला –    राजीव गांधी
  • 1991-  यूरिया घोटाला –     पीवी नरसिम्हा राव
  • 2004-  2009 –कोयला घोटाला- मनमोहन सिंह
  • 2008 – सत्यम घोटाला –     मनमोहन सिंह
  • 2010 – कॉमनवेल्थ घोटाला –मनमोहन सिंह
  • 2011 – नेशनल हेराल्ड केस – मनमोहन सिंह
  • 2010 – अनाज घोटाला –      मनमोहन सिंह
  • 2012 – वाड्रा डीएलएफ घोटाला – मनमोहन सिंह
  • 2012 – टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला – मनमोहन सिंह
  • 2013 – ऑगस्टा वेस्टलैंड घोटाला – मनमोहन सिंह

गलती नंबर – 2
हिंदुओं को अपमानित करने और ईसाई मिशनरियों को बढ़ावा देने पर नहीं मानी गलती
कांग्रेस ने ईसाई जनसंख्या को बढ़ाने के लिए ईसाई प्रचारकों को सुविधाएं देने के साथ हिंदुओं के विरुद्ध साजिशें भी रची हैं। दक्षिण भारत में बेरोक-टोक ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए ही वेटिकन के इशारे पर शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को साजिश के तहत गिरफ्तार करवाया गया। इस बात का खुलासा तो स्वयं पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी किताब कोलिशन इयर्स में किया है। दरअसल राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल से ही सोनिया गांधी ने पूर्वोत्तर में ईसाई मिशनरियों के फैलने में मदद की जिसने उन क्षेत्रों में आबादी का संतुलन ही बिगाड़ दिया। इसी का परिणाम है कि आज मेघालय में 75 प्रतिशत, मिजोरम में 87 प्रतिशत, नागालैंड में 90 प्रतिशत, सिक्किम में 8 प्रतिशत और त्रिपुरा में 3.2 प्रतिशत ईसाई आबादी हो गई है। इस साजिश को अंजाम देने के लिए कांग्रेस ने कभी माफी नहीं मांगी।

गलती नंबर – 3
हिंदुओं के धार्मिक भगवा रंग को आतंकवाद से जोड़ने पर नहीं मानी गलती
जिस हिंदू संस्कृति और सभ्यता की सहिष्णुता को पूरी दुनिया सराहती है, उसे भी बदनाम करने में कांग्रेस ने कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। 2007 में हुए समझौता एक्सप्रेस धमाके के संदिग्ध पाकिस्तानी आरोपी को साजिश के तहत छोड़ दिया गया और उनके स्थान पर निर्दोष हिन्दुओं को गिरफ्तार किया गया। समझौता विस्फोट में कांग्रेस को राजनीतिक लाभ पहुंचाने के लिए सोनिया गांधी, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, शिवराज पाटिल और सुशील कुमार शिंदे ने हिंदू आतंकवाद का जाल बुना और एक पूरे के पूरे समुदाय को बदनाम किया। कांग्रेस ने इस बात के लिए भी आज तक माफी नहीं मांगी है।

गलती नंबर – 4
मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए संविधान बदलने पर नहीं मानी गलती
वर्ष 1987 सुप्रीम कोर्ट ने तलाकशुदा शाहबानो के फेवर में अपना फैसला देते हुए पति को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया, लेकिन मुस्लिमों ने पर्सलन लॉ में दखल कहा और विरोध किया। तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने मुस्लिम वोट बैंक को बचाने के लिए पर्सलन लॉ में कोर्ट के दखल को न सिर्फ गलत ठहराया, बल्कि संसद से एक कानून भी पास करा लिया। इस गलती के लिए कांग्रेस ने अब तक माफी नहीं मांगी है।

गलती नंबर – 5
आपातकाल लगाकर लोकतंत्र को कलंकित करने के लिए नहीं मानी गलती
25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू कर पूरे देश को एक बड़े जेलखाने में बदल दिया था। इस दौरान लोगों के मौलिक अधिकारों को खत्म कर दिया था, यहां तक कि जीने का अधिकार भी छीन लिये थे। लोगों को जबरदस्ती जेलों में बंद किया जा रहा था। इंदिरा गांधी सरकार ने जयप्रकाश नारायण सहित लगभग एक लाख राजनीतिक विरोधियों को देश के अलग-अलग जेलों में ठूंस दिया था। कड़ा प्रेस सेंसरशिप लगा दिया गया था। कांग्रेस ने लोकतंत्र को कैद में रखने की गलती के लिए भी आज तक गलती नहीं मानी है। 

गलती नंबर – 6
कश्मीर को कांग्रेसी राजनीति की भेंट चढ़ाने पर नहीं मानी गलती
भारत के विभाजन के समय कश्मीर समस्या का हल निकाल पाने में जवाहरलाल नेहरू की असफलता की देश भारी कीमत चुका रहा है। इस मामले में नेहरू में न तो साहस था न ही दूरदर्शिता थी। अनुच्छेद 370 एक अस्थायी प्रावधान है जिसे अब तक क्यों कायम रखा गया है यह भी एक सवाल है। 1971 में भी भारत ने कश्मीर मुद्दे को हल करने का मौका गंवा दिया था। 1990 में हिंदुओं के नरसंहार के बाद कांग्रेस की चुप्पी ने तो कट्टरपंथियों के हौसले को नये उत्साह से भर दिया था। कश्मीर में कट्टरपंथ की ‘आग’ भड़काने और चार लाख कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के लिए जिम्मेवार कांग्रेस ने अब तक गलती नहीं मानी है।

गलती नंबर – 7
वोट बैंक के लिए बांग्लादेशियों को बसाने पर नहीं मानी गलती
असम, पश्चिम बंगाल समेत देश के पूर्वोत्तर इलाके में आबादी का संतुलन बिगाड़कर देश तोड़ने की साजिश रची जा रही है। कांग्रेस ने बांग्लादेशियों को असम समेत पूर्वोत्तर में नागरिकता दी, वोटर कार्ड दिए, राशन कार्ड दिए। ऐसे जनसांख्यिकीय असंतुलन से देश की एकता अखंडता को खतरा उत्पन्न हो रहा है। 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक असम में मुसलमानों की आबादी में सबसे तेज बढ़ोतरी हुई है और अब आबादी के आधार पर भारत के एक और विभाजन की तस्वीर बनती दिख रही है। कांग्रेस ने इस गलती के लिए भी अब तक देश से माफी नहीं मानी है।

गलती नंबर – 8
शास्त्री जी की मौत का रहस्य छिपाए जाने पर नहीं मानी गलती
भूतपूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की मौत का रहस्य से अब तक पर्दा नहीं उठा है। उनकी पुत्रवधू नीरा शास्त्री ने इसके लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नीरा का आरोप है कि उनके ससुर की हत्या हुई थी और कांग्रेस ने ये बात छिपाई। मौत की स्थितियों पर कांग्रेस ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया। दूध में जहर दिये जाने की बात समेत कई बातों को छिपा दिया गया। शव का भारत में पोस्टमार्टम नहीं कराने, नीले शरीर को चंदन से लपेटकर जनता से छिपाने, शरीर पर दो कट के निशान के बारे में नहीं बताने, नीले शरीर को चंदन में लपेटकर जनता से छिपाने पर कांग्रेस ने अब तक गलती नहीं मानी है।

गलती नंबर – 9
नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मौत का सच छिपाने पर नहीं मानी गलती
महान क्रांतिकारी सुभाष चंद्र बोस 18 अगस्त 1945 को रहस्यमय परिस्थितियों में ताइवान के ताइपेई से अचानक गायब हो गए। कहा गया कि एक विमान दुर्घटना में उनका निधन हो गया, परन्तु इस मौत के बारे में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कुछ जानकारी सार्वजनिक नहीं की। कांग्रेस पर आरोप है कि उसने नेता की की मौत के रहस्यों को जान बूझकर छिपाया। इस कुकृत्य के लिए भी अभी तक कांग्रेस ने गलती नहीं मानी है।

गलती नंबर – 10
देश को तोड़ने की बार-बार साजिश रचने पर नहीं मानी गलती
कश्मीर को धारा 370 के जरिये देश की मुख्यधारा से जुड़ने नहीं देने का गुनाह कांग्रेस पार्टी पर है। वहीं दक्षिण में द्रविड़नाडु जैसे आंदोलन, जो देश को उत्तर और दक्षिण भारत को अलग करने की मंशा से चलाए गए थे, कांग्रेस ने शह दी थी। अभी कर्नाटक में अलग झंडे को कांग्रेस ने मंजूरी देकर देश में अलगावाद की नई आवाज को हौसला दिया है। इसी तरह पूर्वोत्तर क्षेत्रों में आबादी का संतुलन बिगाड़कर देश के टुकड़े-टुकड़े करने की मंशा से कांग्रेस ने लगातार राजनीति की है। देश को टुकड़े-टुकड़े करने की ऐसी कई साजिशें रचने के लिए भी कांग्रेस ने अब तक गलती नहीं मानी है।

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